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GST: सरकार ने जीएसटी सुधारों को बताया बड़ा बदलाव, कहा- गेमचेंजर बनेंगे ये सुधार; कांग्रेस पर भी साधा निशाना
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: हिमांशु चंदेल
Updated Sat, 16 Aug 2025 08:11 PM IST
सार
सरकार ने जीएसटी सुधारों को ‘अगली पीढ़ी का जीएसटी' करार देते हुए कहा है कि मौजूदा चार स्लैब की जगह केवल दो स्लैब पांच और 18 प्रतिशत लाए जाएंगे। इससे 12 और 28 प्रतिशत वाले स्लैब खत्म हो जाएंगे। सूत्रों के अनुसार, नई व्यवस्था से टैक्स सरल होगा, कारोबारियों और उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी और अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। साथ ही सरकार ने कांग्रेस पर भी हमला बोला।
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निर्मला सीतारमण, केंद्रीय वित्त मंत्री
- फोटो : X / @nsitharaman
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विस्तार
सरकार ने जीएसटी में सुधार लाने के लिए एक बड़ कदम उठाया है। इसको लेकर सरकारी सूत्रों ने कहा कि नया जीएसटी ढांचा गेमचेंजर साबित होगा और इससे देश में एक समान टैक्स दर लागू होगी। उनका कहना है कि इससे कर प्रणाली सरल होगी और व्यापार को लाभ मिलेगा। वहीं, कांग्रेस के विरोध करने पर सरकार ने निशाना साधते हुए कहा कि जीएसटी सुधारों पर उसका विरोध पूरी तरह उनके 'पाखंड' को दर्शाता है, क्योंकि यह पार्टी ही थी जिसने पहले ऐसे बदलाव की मांग उठाई थी।
केंद्र सरकार ने वस्तु एवं सेवा कर यानि जीएसटी में बड़े सुधार का संकेत देते हुए इसे "अगली पीढ़ी का जीएसटी" करार दिया है। सरकारी सूत्रों ने बताया कि प्रस्तावित नया ढांचा दो कर स्लैब पर आधारित होगा और धीरे-धीरे यह मॉडल 2047 तक एकल कर दर (सिंगल टैक्स स्लैब) की ओर बढ़ेगा। मौजूदा चार स्लैब की जगह यह व्यवस्था लाकर कर प्रणाली को सरल और पारदर्शी बनाने की कोशिश की जा रही है।
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दो स्लैब वाला नया प्रस्ताव
अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि जीएसटी काउंसिल की मंजूरी के बाद यह नया प्रस्ताव लागू किया जा सकता है। मौजूदा पांच, 12, 18 और 28 प्रतिशत की चार दरों वाली व्यवस्था को बदलकर केवल पांच और 18 प्रतिशत की दरें रखी जाएंगी। इससे 12 प्रतिशत और 28 प्रतिशत वाले स्लैब खत्म हो जाएंगे। सरकार का मानना है कि इस बदलाव से न केवल व्यापारियों और उद्योग जगत को राहत मिलेगी बल्कि आम उपभोक्ता के लिए भी कर व्यवस्था आसान होगी। इतना ही नहीं, इससे टैरिफ के खतरों को भी कम करने में मदद करेगी।
ये भी पढ़ें- कोरियाई विदेश मंत्री ह्यून का पहला भारत दौरा, जयशंकर के साथ बैठक; सहयोग बढ़ाने पर जोर
सरकार ने कांग्रेस को घेरा
सरकार ने शनिवार को कांग्रेस पर तीखा हमला बोला और कहा कि सबसे बड़े जीएसटी सुधारों का श्रेय लेने की कोशिश करना विपक्षी पार्टी की “पाखंड की राजनीति” को दर्शाता है। सरकारी सूत्रों ने कहा कि जब 2017 में ‘वन नेशन, वन टैक्स’ लागू हुआ था तब कांग्रेस न केवल संसद से अनुपस्थित थी, बल्कि उसने रोलआउट कार्यक्रम का भी बहिष्कार किया था। यहां तक कि लोकसभा में कानून पारित होते समय कांग्रेस ने वॉकआउट भी किया था।
कांग्रेस का दोहरा रवैया- मोदी सरकार का दावा
सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस जब 2004 में सत्ता में थी तब अर्थव्यवस्था मजबूत स्थिति में थी, लेकिन फिर भी वह राज्यों को साथ लाने में असफल रही। इसके विपरीत, मोदी सरकार ने “स्टेट्समैनशिप” दिखाते हुए राज्यों को साथ लाकर जीएसटी लागू किया। कांग्रेस ने पहले इसे ‘गब्बर सिंह टैक्स’ कहा और अब वही पार्टी दरअसल उन सुधारों का श्रेय लेना चाहती है, जिन्हें भाजपा सरकार ने गरीब, मध्यम वर्ग और एमएसएमई हित में लागू किया है।
GST 2.0 पर राजनीति तेज
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हाल में घोषित व्यापक जीएसटी सुधारों के बाद कांग्रेस ने एक चर्चा पत्र जारी करने की मांग की और कहा कि वह पिछले ढाई साल से जीएसटी व्यवस्था में बुनियादी बदलाव की मांग कर रही है। सरकार का तर्क है कि अगर कांग्रेस अब इस मुद्दे पर “लेक्चर” देती है, तो यह केवल उसका पाखंड दिखाएगा, क्योंकि उसके वित्त मंत्री भी जीएसटी काउंसिल का हिस्सा हैं और हर फैसले में शामिल रहते हैं।
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सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस जब 2004 में सत्ता में थी तब अर्थव्यवस्था मजबूत स्थिति में थी, लेकिन फिर भी वह राज्यों को साथ लाने में असफल रही। इसके विपरीत, मोदी सरकार ने “स्टेट्समैनशिप” दिखाते हुए राज्यों को साथ लाकर जीएसटी लागू किया। कांग्रेस ने पहले इसे ‘गब्बर सिंह टैक्स’ कहा और अब वही पार्टी दरअसल उन सुधारों का श्रेय लेना चाहती है, जिन्हें भाजपा सरकार ने गरीब, मध्यम वर्ग और एमएसएमई हित में लागू किया है।
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