Ceasefire: 'सर्वदलीय बैठक में सरकार से संघर्ष विराम कराने के ट्रंप के दावों पर सवाल उठाएगा विपक्ष', खरगे बोले
भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के बाद संघर्ष विराम हुआ। हालांकि इस मामले में थोड़ी बहुत बाते तब तेज हो गई, जब संघर्ष विराम को लेकर भारत और पाकिस्तान की घोषणा से पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया। इस मामले में अब खरगे ने सर्वदलीय बैठकी की मांग की है। साथ ही उन्होंने कहा कि विपक्ष ट्रंप के दावे को लेकर केंद्र सरकार से जवाब मांगेगा।


विस्तार
कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मंगलवार को एक बार फिर सर्वदलीय बैठक की मांग की। उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच हुए संघर्ष विराम को लेकर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से किए गए दावे पर विपक्ष केंद्र सरकार से जवाब मांगेगा। खरगे ने कहा कि ट्रंप तो अपना क्रेडिट लेने के लिए कुछ भी कह रहे हैं। वहीं हमारी सरकार कह रही है कि ऐसा कुछ नहीं हुआ। यह एक संवेदनशील मुद्दा है। इसलिए हम चाहते हैं कि इस पर केंद्र सरकार ऑल पार्टी बैठक बुलाए।
क्या था ट्रंप का दावा, समझिए
बता दें कि बीते 10 मई को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम का दावा किया था। उन्होंने अपने सोशल मीडिया ट्रुथ पर लिखा कि रात में अमेरिका की मध्यस्थता में हुई लंबी बातचीत के बाद मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि भारत और पाकिस्तान पूर्ण और तत्काल संघर्षविराम पर सहमत हो गए हैं। मैं दोनों देशों को कॉमनसेंस, समझदारी से भरा फैसला लेने के लिए बधाई देता हूं! इस महत्वपूर्ण विषय पर ध्यान देने के लिए धन्यवाद!
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खरगे ने केंद्र सरकार से पूछे सवाल
कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि जब ऑल पार्टी मीटिंग होगी, तो हम पूछेंगे कि क्या वाकई कोई बातचीत हुई थी? अगर हुई तो उसमें क्या कहा गया? क्या अमेरिका की कोई भूमिका थी या नहीं? साथ ही जब उनसे पूछा गया कि क्या प्रधानमंत्री मोदी ने ट्रंप के दबाव में यह फैसला लिया, तो उन्होंने कहा कि इस पर अभी कुछ कहना ठीक नहीं होगा। पहले हमारी पार्टी की बैठक है, उसके बाद हम सरकार से बैठक बुलाने की मांग करेंगे।
संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग
ध्यान रहे कि मामले में कांग्रेस पहले ही केंद्र सरकार से मांग कर चुकी है कि हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमला, ऑपरेशन सिंदूर, और भारत-पाक सीमा पर बढ़े तनाव और संघर्ष विराम जैसे मुद्दों पर चर्चा के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाया जाए। जहां खरगे ने कहा कि ये सारे मामले राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े हुए हैं और विपक्ष को इन पर जानकारी मिलनी चाहिए।
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'भारत-पाक समझौते में तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं'
हालांकि सरकारी सूत्रों के अनुसार, भारत और पाकिस्तान के डीजीएमओ (सैन्य संचालन महानिदेशक) के बीच सीधे बातचीत हुई और चार दिन की ड्रोन और मिसाइल हमलों की झड़पों के बाद दोनों पक्षों ने आपसी सहमति से संघर्ष विराम का फैसला किया। साथ ही सरकार ने यह भी साफ किया कि भारत और अमेरिका के शीर्ष नेताओं के बीच हुई बातचीत में व्यापार या किसी तीसरे पक्ष की भूमिका का कोई जिक्र नहीं हुआ।
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