{"_id":"6909c39b6091395ce60c073a","slug":"ordnance-factories-defence-non-armed-personnel-iofsoa-news-and-updates-2025-11-04","type":"feature-story","status":"publish","title_hn":"Ordnance Factories: आयुध निर्माणियों के 70,000 कर्मी क्यों चिंतित? रक्षा असैन्य कर्मियों को मिला IOFSOA का साथ","category":{"title":"India News","title_hn":"देश","slug":"india-news"}}
    Ordnance Factories: आयुध निर्माणियों के 70,000 कर्मी क्यों चिंतित? रक्षा असैन्य कर्मियों को मिला IOFSOA का साथ
 
            	    डिजिटल ब्यूरो, अमर उजाला             
                              Published by: कीर्तिवर्धन मिश्र       
                        
       Updated Tue, 04 Nov 2025 02:42 PM IST
        
       
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                        ऑर्डनेंस फैक्टरी।
                                    - फोटो : ANI 
                    
    
        
    
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                भारतीय आयुध निर्माणी सेवा अधिकारी संघ (आईओएफएसओए) ने विभिन्न रक्षा कर्मचारी महासंघों के साथ मिलकर, सात नवगठित रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों (डीपीएसयू) के विलय पैकेज पर प्रस्तावित बैठक का बहिष्कार किया है। भारत सरकार द्वारा 41 आयुध निर्माणियों को सात सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों (डीपीएसयू) में विभाजित करने का निर्णय लिए हुए चार वर्ष से अधिक समय हो गया है। पूर्ववर्ती आयुध निर्माणियों के 70,000 से अधिक केंद्र सरकार के कर्मचारी तब से इन नए निगमों में बिना किसी प्रतिनियुक्ति भत्ते के, प्रतिनियुक्ति के आधार पर काम कर रहे हैं। 
                                
                
                
                 
                    
                                                                                                        
                                                
                        
                        
                        
                                                                                      
                   
                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
अखिल भारतीय रक्षा कर्मचारी महासंघ (एआईडीईएफ) के महासचिव सी. श्रीकुमार के मुताबिक, रक्षा असैन्य कर्मचारी और उनके महासंघ, लंबे समय से निगमीकरण के इस कदम का विरोध कर रहे हैं। 41 आयुध निर्माणियों को सात सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों (डीपीएसयू) में विभाजित करने के केंद्र सरकार के फैसले को विभिन्न उच्च न्यायालयों में चुनौती दी गई है। हालांकि अदालतों ने कहा है कि निगमीकरण एक नीतिगत निर्णय है, जिसमें न्यायिक हस्तक्षेप नहीं हो सकता। मद्रास उच्च न्यायालय ने अखिल भारतीय रक्षा कर्मचारी महासंघ (एआईडीईएफ) द्वारा दायर एक मामले में रक्षा मंत्रालय का एक महत्वपूर्ण आश्वासन दर्ज किया है।
                                
                
                
                                
                
                                                                
                                                
                                                                                         
             
                                                    
                                 
                                
                               
                                                                
                                
                                
                
                                                                                        
                                                                                    
                        
                                      
 
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                                                                अखिल भारतीय रक्षा कर्मचारी महासंघ (एआईडीईएफ) के महासचिव सी. श्रीकुमार के मुताबिक, रक्षा असैन्य कर्मचारी और उनके महासंघ, लंबे समय से निगमीकरण के इस कदम का विरोध कर रहे हैं। 41 आयुध निर्माणियों को सात सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों (डीपीएसयू) में विभाजित करने के केंद्र सरकार के फैसले को विभिन्न उच्च न्यायालयों में चुनौती दी गई है। हालांकि अदालतों ने कहा है कि निगमीकरण एक नीतिगत निर्णय है, जिसमें न्यायिक हस्तक्षेप नहीं हो सकता। मद्रास उच्च न्यायालय ने अखिल भारतीय रक्षा कर्मचारी महासंघ (एआईडीईएफ) द्वारा दायर एक मामले में रक्षा मंत्रालय का एक महत्वपूर्ण आश्वासन दर्ज किया है।
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                                                मंत्रालय ने कहा था कि ये कर्मचारी "नए निगमों में डीम्ड डेपुटेशन पर केन्द्र सरकार के कर्मचारी बने रहेंगे, जब तक कि वे स्वयं स्थायी समावेशन का विकल्प नहीं चुनते।" इस आश्वासन का हवाला देते हुए, महासंघों और रक्षा मान्यता प्राप्त संघों के परिसंघ (सीडीआरए) ने रक्षा मंत्रालय से कर्मचारियों की सेवा शर्तों की सुरक्षा के लिए एक औपचारिक अधिसूचना जारी करने का बार-बार आग्रह किया है।
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
एआईडीईएफ ने विभिन्न श्रेणियों में स्वीकृत पदों को कम करने और अवशोषण संबंधी मामलों की जाँच के लिए सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी सुरेश चंद्रा की अध्यक्षता में एक समिति नियुक्त करने के सरकार के कदम के बाद, सचिव (रक्षा उत्पादन) और सात डीपीएसयू के सीएमडी को न्यायालय की अवमानना का नोटिस भी दिया है। कर्मचारी महासंघों ने अपना दृढ़ रुख दोहराते हुए कहा है कि हमें अवशोषण पैकेज की जरुरत नहीं है, केंद्र सरकार, उच्च न्यायालय के समक्ष दिए गए अपने लिखित आश्वासन का सम्मान करे।
 
                                                                                                
                            एआईडीईएफ ने विभिन्न श्रेणियों में स्वीकृत पदों को कम करने और अवशोषण संबंधी मामलों की जाँच के लिए सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी सुरेश चंद्रा की अध्यक्षता में एक समिति नियुक्त करने के सरकार के कदम के बाद, सचिव (रक्षा उत्पादन) और सात डीपीएसयू के सीएमडी को न्यायालय की अवमानना का नोटिस भी दिया है। कर्मचारी महासंघों ने अपना दृढ़ रुख दोहराते हुए कहा है कि हमें अवशोषण पैकेज की जरुरत नहीं है, केंद्र सरकार, उच्च न्यायालय के समक्ष दिए गए अपने लिखित आश्वासन का सम्मान करे।