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महाराष्ट्र: मरकडवाडी गांव में मतपत्रों से पुनर्मतदान कराने का मामला, 200 से अधिक लोगों पर केस दर्ज
अमर उजाला, एजेंसी
Published by: शुभम कुमार
Updated Wed, 04 Dec 2024 01:41 AM IST
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सार
अधिकारियों ने कहा कि ग्रामीणों का यह कदम अवैध था क्योंकि किसी भी परिस्थिति में मतपत्र का इस्तेमाल करके पुनर्मतदान कराने का कोई प्रावधान नहीं है। इस बीच, राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले ने मरकडवाड़ी के निवासियों के साहस की सराहना की।

महाराष्ट्र पुलिस (सांकेतिक तस्वीर)
- फोटो : X / @DGPMaharashtra
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विस्तार
महाराष्ट्र के मालशिरस विधानसभा क्षेत्र के ग्रामीणों की ओर से मतपत्रों के जरिये दोबारा चुनाव कराने की कोशिश करने के लिए 200 से अधिक लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया। पुलिस ने कहा कि ये कार्रवाई सोलापुर के मरकडवाड़ी गांव और आसपास के इलाकों के लोगों पर की गई। ग्रामीणों पर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) के बारे में गलत सूचना फैलाने का आरोप लगाया गया है।
अधिकारियों ने दी जानकारी
अधिकारियों ने कहा कि ग्रामीणों का यह कदम अवैध था क्योंकि किसी भी परिस्थिति में मतपत्र का इस्तेमाल करके पुनर्मतदान कराने का कोई प्रावधान नहीं है। इस बीच, राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले ने मरकडवाड़ी के निवासियों के साहस की सराहना की। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की रक्षा की लड़ाई में यह पहला कदम है।
हाल ही में हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में मरकडवाड़ी में एक मतदान केंद्र में ईवीएम के माध्यम से गिने गए वोटों पर संदेह जताते हुए ग्रामीणों के समूह ने दिसंबर को मतपत्रों के जरिये फिर से मॉक पोल की योजना बनाई थी। हालांकि, पुलिस के दबाव के आगे उन्होंने अपनी योजना रद्द कर दी थी।
दरअसल, मरकडवाडी गांव में शरद पवार की एनसीपी का अच्छा प्रभाव है, लेकिन विधानसभा चुनाव में मालशिरस सीट से एनसीपी (एसपी) के उम्मीदवार उत्तमराव जानकर को 843 वोट मिले और भाजपा के उम्मीदवार राम सतपुते को 1003 वोट मिले। 23 नवंबर को चुनाव नतीजे आने के बाद मरकडवाड़ी में भाजपा उम्मीदवार को बढ़त मिलने से सरपंच और ग्रामीण हैरान हो गए। हालांकि, 20 नवंबर के चुनाव में राकांपा (शपा) के उत्तमराव जानकर ने यह सीट जीत ली है। उन्होंने सतपुते को 13,147 वोटों से हराया था।
2 से 5 दिसंबर तक निषेधाज्ञा लागू
मालशिरस एसडीएम ने सोमवार को क्षेत्र में 2 से 5 दिसंबर तक बीएनए की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी है और तहसीलदार विजया पंगारकर ने मतपत्र से दोबारा मतदान की मांग करने वाली ग्रामीणों की मांग खारिज कर दी।
इस मामले में पंगारकर ने मंगलवार को कहा कि विधानसभा चुनाव विधिपूर्वक कराए गए थे। मतदान या मतगणना के दौरान कोई आपत्ति नहीं की गई। अब मतपत्र से मतदान कराना अवैध है और चुनाव प्रक्रिया के दायरे से बाहर है। बाद में पुलिस उपाधीक्षक नारायण शिरगावकर ने कहा कि उन्होंने ग्रामीणों और राकांपा (शपा) नेता जानकर के साथ बैठक की। हमने उन्हें कानून की प्रक्रियाएं समझाईं और चेतावनी दी कि अगर एक भी वोट डाला गया तो मामले दर्ज किए जाएंगे।

अधिकारियों ने दी जानकारी
अधिकारियों ने कहा कि ग्रामीणों का यह कदम अवैध था क्योंकि किसी भी परिस्थिति में मतपत्र का इस्तेमाल करके पुनर्मतदान कराने का कोई प्रावधान नहीं है। इस बीच, राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले ने मरकडवाड़ी के निवासियों के साहस की सराहना की। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की रक्षा की लड़ाई में यह पहला कदम है।
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हाल ही में हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में मरकडवाड़ी में एक मतदान केंद्र में ईवीएम के माध्यम से गिने गए वोटों पर संदेह जताते हुए ग्रामीणों के समूह ने दिसंबर को मतपत्रों के जरिये फिर से मॉक पोल की योजना बनाई थी। हालांकि, पुलिस के दबाव के आगे उन्होंने अपनी योजना रद्द कर दी थी।
दरअसल, मरकडवाडी गांव में शरद पवार की एनसीपी का अच्छा प्रभाव है, लेकिन विधानसभा चुनाव में मालशिरस सीट से एनसीपी (एसपी) के उम्मीदवार उत्तमराव जानकर को 843 वोट मिले और भाजपा के उम्मीदवार राम सतपुते को 1003 वोट मिले। 23 नवंबर को चुनाव नतीजे आने के बाद मरकडवाड़ी में भाजपा उम्मीदवार को बढ़त मिलने से सरपंच और ग्रामीण हैरान हो गए। हालांकि, 20 नवंबर के चुनाव में राकांपा (शपा) के उत्तमराव जानकर ने यह सीट जीत ली है। उन्होंने सतपुते को 13,147 वोटों से हराया था।
2 से 5 दिसंबर तक निषेधाज्ञा लागू
मालशिरस एसडीएम ने सोमवार को क्षेत्र में 2 से 5 दिसंबर तक बीएनए की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी है और तहसीलदार विजया पंगारकर ने मतपत्र से दोबारा मतदान की मांग करने वाली ग्रामीणों की मांग खारिज कर दी।
इस मामले में पंगारकर ने मंगलवार को कहा कि विधानसभा चुनाव विधिपूर्वक कराए गए थे। मतदान या मतगणना के दौरान कोई आपत्ति नहीं की गई। अब मतपत्र से मतदान कराना अवैध है और चुनाव प्रक्रिया के दायरे से बाहर है। बाद में पुलिस उपाधीक्षक नारायण शिरगावकर ने कहा कि उन्होंने ग्रामीणों और राकांपा (शपा) नेता जानकर के साथ बैठक की। हमने उन्हें कानून की प्रक्रियाएं समझाईं और चेतावनी दी कि अगर एक भी वोट डाला गया तो मामले दर्ज किए जाएंगे।