Parliament security: क्या अब CISF करेगी संसद की सुरक्षा? धुआं फैला तो क्यों नहीं बजा अलार्म, होगा फायर सर्वे
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विस्तार
संसद भवन परिसर में 13 दिसंबर को हुई सुरक्षा चूक मामले में केंद्र सरकार कई तरह के सिक्योरिटी बदलाव करने की तैयारी में है। एक तरफ, सुरक्षा चूक मामले की जांच आगे बढ़ रही है, तो दूसरी ओर संसद भवन के मौजूदा सिक्योरिटी घेरे में भी परिवर्तन किए जाने की आहट सुनाई पड़ रही है। यानी वहां पर तैनात बलों को किसी दूसरी फोर्स से रिप्लेस किया जा सकता है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने संसद भवन परिसर में 'केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल' सीआईएसएफ की नियमित तैनाती के लिए सिक्योरिटी एवं फायर सर्वे को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। सीआईएसएफ के डीआईजी अजय कुमार, उस टीम को हेड करेंगे, जो संसद भवन में पीएसयू की तर्ज पर फायर सुरक्षा सर्वे करेगी। सीआईएसएफ की सिक्योरिटी और फायर विंग से जुड़े एक्सपर्ट, सर्वे टीम का हिस्सा होंगे।
केंद्रीय गृह मंत्रालय की सैद्धांतिक मंजूरी मिलने के बाद सीआईएसएफ मुख्यालय ने भी 20 दिसंबर को इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। सीआईएसएफ, एनसीआर सेक्टर के आईजी कार्यालय को भेजे पत्र में कहा गया है कि संसद भवन परिसर एवं वहां स्थित दूसरी बिल्डिंग्स की सुरक्षा एवं फायर सेफ्टी के मद्देनजर, सीआईएसएफ की नियमित तैनाती के लिए सर्वे कार्य किया जाए। यह सर्वे कार्य, पीएसयू एवं फायर नियमों के विस्तृत पैटर्न पर आधारित हो। ज्वाइंट सर्वे बोर्ड में तकनीकी विशेषज्ञों को भी शामिल किया जाए। सीआईएसएफ फायर विंग का एक अधिकारी, फायर निदेशालय के संपर्क में रहे। सर्वे के दौरान संसद सचिवालय द्वारा समय-समय पर जारी निर्देशों को ध्यान में रखा जाए। सर्वे टीम जब अपनी रिपोर्ट जमा कराए, तो उसमें कई बातों का ध्यान रखे। मसलन, रिपोर्ट में इंफॉर्मेशन परफॉर्मा, आईएफडी चार्ट (हर एक ड्यूटी पद के लिए विशिष्ट औचित्य) और पीआईएफ स्टे्टस अवश्य शामिल रहे।
जब संसद भवन में धुआं फैला तो वहां कोई अलर्ट सिस्टम एक्टिव नहीं हुआ था। जब इस तरह की घटना होती है, तो आटोमैटिक छिड़काव होता है और अलार्म बज उठता है। एक्सपर्ट का कहना है कि अब नए संसद भवन का फायर सर्वे कराया जा रहा है। जब संसद भवन की नई बिल्डिंग तैयार हुई, तो उस वक्त क्या फायर सर्वे नहीं किया गया था। उस वक्त के फायर सर्वे में क्या सभी तरह के सेफ्टी नियमों को नहीं देखा गया। अब सीआईएसएफ की फायर विंग को वह सर्वे करने की जिम्मेदारी दी गई है।
सीआईएसएफ... एक नजर में
- सीआईएसएफ, संसद के एक अधिनियम, 'केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल अधिनियम, 1968 (1968 का 50)' के तहत स्थापित की गई संघ की एक सशस्त्र सेना है।
- वर्ष 1969 में 3129 की नफरी के साथ स्थापित बल की नफरी 01.06.2021 के अनुसार 1,63,613 तक बढ़ गई थी।
- सीआईएसएफ में 74 अन्य संगठन, 12 रिजर्व बटालियन और 08 प्रशिक्षण संस्थान हैं।
- सीआईएसएफ संपत्ति और प्रतिष्ठानों की सुरक्षा के साथ-साथ परिसर के कर्मचारियों को सुरक्षा प्रदान करता है।
- सीआईएसएफ अंतरिक्ष विभाग, परमाणु ऊर्जा विभाग, हवाई अड्डे, दिल्ली मेट्रो, बंदरगाहों, ऐतिहासिक स्मारकों और पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, बिजली, कोयला, इस्पात और खनन जैसे भारतीय अर्थव्यवस्था के मूल क्षेत्रों सहित सामरिक प्रतिष्ठान को सुरक्षा प्रदान कर रहा है।
- सीआईएसएफ निजी क्षेत्र की कुछ इकाइयों और दिल्ली में महत्वपूर्ण सरकारी भवनों को भी सुरक्षा प्रदान कर रहा है।
- वर्तमान में सीआईएसएफ, जेड प्लस, जेड, एक्स, वाई के रूप में वर्गीकृत संरक्षित व्यक्तियों को भी सुरक्षा प्रदान कर रहा है।
- सीआईएसएफ एकमात्र ऐसा बल है जिसके पास एक अनुकूलित और समर्पित फायर विंग है।
- सीआईएसएफ एक प्रतिपूरक लागत बल है।