संसद का शीतकालीन सत्र: पहले दिन जनविश्वास बिल पर समिति को मिला और समय, विपक्ष के हंगामे से कार्यवाही में बाधा
संसद के शीतकालीन सत्र की हंगामेदार शुरुआत हुई है। इस दौरान एसआईआर के मुद्दे पर विपक्ष का जोरदार हंगामा देखने को मिला। इसी बीच लोकसभा ने दो महत्वपूर्ण विधेयकों पर बनी चयनित समितियों को अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए अतिरिक्त समय दे दिया। यह निर्णय उस समय लिया गया जब विपक्ष चुनावी सूची के विशेष पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर हंगामा कर रहा था। बता दें कि शीतकालीन सत्र में एटॉमिक एनर्जी समेत 10 नए विधेयक संसद में पेश किए जा सकते हैं। शीतकालीन सत्र 19 दिसंबर तक चलेगा। 19 दिनों में संसद की 15 बैठकें होनी हैं। यह 18वीं लोकसभा का छठा सत्र है।
दिवालियापन कानून संशोधन बिल
लोकसभा ने इंसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (संशोधन) बिल, 2025 पर बनी चयनित समिति को शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन तक रिपोर्ट देने की अनुमति दी। यह बिल 12 अगस्त को पेश होते ही समिति को भेज दिया गया था। बिल में दिवालिया प्रक्रिया में कई बड़े बदलाव, जैसे कि अदालत के बाहर समाधान की व्यवस्था, समूह और अंतरराष्ट्रीय दिवालियापन मामलों के लिए नए ढांचे जैसे प्रावधान शामिल हैं।
जन विश्वास संशोधन बिल पर समिति को दूसरी सप्ताह तक समय
लोकसभा ने जन विश्वास (विधानों के प्रावधान संशोधन) बिल, 2025 पर बनी दूसरी समिति को शीतकालीन सत्र के दूसरे सप्ताह के अंतिम दिन तक समय दिया है। यह बिल 18 अगस्त को पेश किया गया था और तत्पश्चात समिति को सौंपा गया। यह कानून 288 छोटे अपराधों को गैर-अपराध बनाने का प्रस्ताव रखता है, ताकि आम लोगों के जीवन में आसानी आए और व्यापार माहौल सुधरे। इससे पहले, 2023 में भी इसी तरह का जन विश्वास कानून लाया गया था, जिसमें 42 केंद्रीय कानूनों की 183 धाराओं को डिक्रिमिनलाइज़ किया गया था। शीतकालीन सत्र 19 दिसंबर तक चलेगा, और उससे पहले दोनों समितियों को रिपोर्ट सौंपनी होगी।