{"_id":"68fe040354dd5da61802b24b","slug":"piyush-goyal-give-new-direction-to-india-eu-trade-agreement-in-brussels-fta-talks-reach-decisive-stage-2025-10-26","type":"story","status":"publish","title_hn":"FTA: ब्रसेल्स में भारत-ईयू व्यापार समझौते को नई दिशा देंगे पीयूष गोयल गोयल, निर्णायक मोड़ पर पहुंची वार्ता","category":{"title":"India News","title_hn":"देश","slug":"india-news"}}
FTA: ब्रसेल्स में भारत-ईयू व्यापार समझौते को नई दिशा देंगे पीयूष गोयल गोयल, निर्णायक मोड़ पर पहुंची वार्ता
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: हिमांशु चंदेल
Updated Sun, 26 Oct 2025 04:50 PM IST
सार
वाणिज्य मंत्री पियूष गोयल 27-28 अक्तूबर को ब्रसेल्स जाकर ईयू के मारोस सेफचोविक से मुलाकात करेंगे। भारत-ईयू फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (एफटीए) वार्ता को राजनीतिक गति देने के लिए यह दौरा महत्वपूर्ण है।
विज्ञापन
पीयूष गोयल
- फोटो : amarujala.com
विज्ञापन
विस्तार
वाणिज्य और उद्योग मंत्री पियूष गोयल 27 अक्तूबर को दो दिवसीय दौरे पर ब्रसेल्स जाएंगे। इस दौरान वे यूरोपीय संघ (ईयू) के कार्यकारी उपाध्यक्ष और वाणिज्य आयुक्त मारोस सेफचोविक से मुलाकात करेंगे। भारत-ईयू के बीच चल रहे फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (एफटीए) को राजनीतिक बढ़ावा देने और रणनीतिक दिशा देने के उद्देश्य से यह यात्रा बेहद अहम मानी जा रही है।
वाणिज्य मंत्रालय ने बताया कि यह दौरा उस समय हो रहा है जब भारत-ईयू एफटीए वार्ता अपने निर्णायक मोड़ पर है। दोनों पक्ष व्यापक, संतुलित और पारस्परिक रूप से लाभकारी व्यापार समझौते को जल्द से जल्द अंतिम रूप देने की कोशिश में जुटे हैं। मंत्रालय के अनुसार, गोयल की यात्रा का लक्ष्य बातचीत को रणनीतिक दिशा देना और वार्ता में राजनीतिक गति लाना है, ताकि दिसंबर तक समझौता हो सके।
वार्ता के प्रमुख मुद्दे
दोनों पक्षों के बीच होने वाली चर्चा में बाज़ार तक पहुंच, गैर-शुल्क अवरोध और नियामकीय सहयोग जैसे अहम विषय शामिल रहेंगे। मंत्रालय ने कहा कि इस यात्रा के दौरान अब तक हुई प्रगति की समीक्षा की जाएगी और उन क्षेत्रों की पहचान की जाएगी जहाँ और अधिक समन्वय की जरूरत है। उल्लेखनीय है कि छह से 10 अक्तूबर के बीच दोनों पक्षों के बीच 14वें दौर की वार्ता संपन्न हुई थी।
ये भी पढ़ें- 'आसियान भारत की एक्ट ईस्ट नीति का मुख्य स्तंभ', पीएम मोदी ने सम्मेलन को वर्चुअली किया संबोधित
हालिया संपर्क और व्यापार आंकड़े
वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल ने भी हाल में ब्रसेल्स में यूरोपीय आयोग की ट्रेड डायरेक्टर जनरल सबीन वैयंड से बातचीत की थी। भारत और ईयू के बीच द्विपक्षीय माल व्यापार वर्ष 2024-25 में 136.53 अरब अमेरिकी डॉलर रहा, जिसमें भारत का निर्यात 75.85 अरब डॉलर और आयात 60.68 अरब डॉलर का था। यूरोपीय संघ भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है, जो भारत के कुल निर्यात का 17 प्रतिशत और अपने कुल निर्यात का नौ प्रतिशत भारत को भेजता है।
ये भी पढ़ें- एलआईसी नहीं, अमेरिकी बीमा कंपनियों ने अदाणी समूह की कंपनियों में किया है भारी निवेश, आंकड़ों से खुलासा
समझौते के क्षेत्र और चुनौतियां
भारत-ईयू व्यापार समझौते की वार्ता 23 नीति-क्षेत्रों पर केंद्रित है, जिनमें माल और सेवाओं का व्यापार, निवेश, विवाद समाधान, भौगोलिक संकेतक, बौद्धिक संपदा अधिकार और सतत विकास शामिल हैं। ईयू की ओर से वाहनों और चिकित्सा उपकरणों पर शुल्क में कमी, वाइन, स्पिरिट, मांस-पोल्ट्री जैसे उत्पादों पर कर घटाने और सशक्त आईपीआर ढांचे की मांग की जा रही है। वहीं, भारत का मानना है कि समझौता दोनों पक्षों के लिए समान रूप से लाभदायक और टिकाऊ होना चाहिए, ताकि भारतीय वस्त्र, दवाइयां, इस्पात, पेट्रोलियम उत्पाद और इलेक्ट्रॉनिक मशीनरी जैसे क्षेत्रों को प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त मिल सके।
वाणिज्य मंत्रालय ने बताया कि यह दौरा उस समय हो रहा है जब भारत-ईयू एफटीए वार्ता अपने निर्णायक मोड़ पर है। दोनों पक्ष व्यापक, संतुलित और पारस्परिक रूप से लाभकारी व्यापार समझौते को जल्द से जल्द अंतिम रूप देने की कोशिश में जुटे हैं। मंत्रालय के अनुसार, गोयल की यात्रा का लक्ष्य बातचीत को रणनीतिक दिशा देना और वार्ता में राजनीतिक गति लाना है, ताकि दिसंबर तक समझौता हो सके।
विज्ञापन
विज्ञापन
वार्ता के प्रमुख मुद्दे
दोनों पक्षों के बीच होने वाली चर्चा में बाज़ार तक पहुंच, गैर-शुल्क अवरोध और नियामकीय सहयोग जैसे अहम विषय शामिल रहेंगे। मंत्रालय ने कहा कि इस यात्रा के दौरान अब तक हुई प्रगति की समीक्षा की जाएगी और उन क्षेत्रों की पहचान की जाएगी जहाँ और अधिक समन्वय की जरूरत है। उल्लेखनीय है कि छह से 10 अक्तूबर के बीच दोनों पक्षों के बीच 14वें दौर की वार्ता संपन्न हुई थी।
ये भी पढ़ें- 'आसियान भारत की एक्ट ईस्ट नीति का मुख्य स्तंभ', पीएम मोदी ने सम्मेलन को वर्चुअली किया संबोधित
हालिया संपर्क और व्यापार आंकड़े
वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल ने भी हाल में ब्रसेल्स में यूरोपीय आयोग की ट्रेड डायरेक्टर जनरल सबीन वैयंड से बातचीत की थी। भारत और ईयू के बीच द्विपक्षीय माल व्यापार वर्ष 2024-25 में 136.53 अरब अमेरिकी डॉलर रहा, जिसमें भारत का निर्यात 75.85 अरब डॉलर और आयात 60.68 अरब डॉलर का था। यूरोपीय संघ भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है, जो भारत के कुल निर्यात का 17 प्रतिशत और अपने कुल निर्यात का नौ प्रतिशत भारत को भेजता है।
ये भी पढ़ें- एलआईसी नहीं, अमेरिकी बीमा कंपनियों ने अदाणी समूह की कंपनियों में किया है भारी निवेश, आंकड़ों से खुलासा
समझौते के क्षेत्र और चुनौतियां
भारत-ईयू व्यापार समझौते की वार्ता 23 नीति-क्षेत्रों पर केंद्रित है, जिनमें माल और सेवाओं का व्यापार, निवेश, विवाद समाधान, भौगोलिक संकेतक, बौद्धिक संपदा अधिकार और सतत विकास शामिल हैं। ईयू की ओर से वाहनों और चिकित्सा उपकरणों पर शुल्क में कमी, वाइन, स्पिरिट, मांस-पोल्ट्री जैसे उत्पादों पर कर घटाने और सशक्त आईपीआर ढांचे की मांग की जा रही है। वहीं, भारत का मानना है कि समझौता दोनों पक्षों के लिए समान रूप से लाभदायक और टिकाऊ होना चाहिए, ताकि भारतीय वस्त्र, दवाइयां, इस्पात, पेट्रोलियम उत्पाद और इलेक्ट्रॉनिक मशीनरी जैसे क्षेत्रों को प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त मिल सके।