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UP Election 2022: भाजपा शासित राज्यों के सीएम ‘डबल इंजन सरकार’ के प्रचार का बनेंगे चेहरा, काशी-अयोध्या चुनाव प्रचार के फोकस में
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पीएम नरेंद्र मोदी ने 12 भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की
- फोटो :
ANI
विस्तार
पीएम नरेंद्र मोदी मंगलवार को भी काशी में है। यहां उन्होंनें भाजपा शासित 12 राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की। प्रधान मंत्री ने असम, अरुणाचल प्रदेश, गोवा, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, मणिपुर, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के मुख्यमंत्रियों के साथ गुड गर्वनेंस को लेकर बैठक की। बैठक में जे पी नड्डा और भूपेंद यादव भी मौजूद थे।
मिली जानकारी के मुताबिक बैठक के दौरान 12 राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने अपने काम के बारे में पीएम मोदी को रिपोर्ट दी। सभी को अपने राज्य में चल रही एक बड़ी योजना के बारे में विस्तार से बताने को कहा गया है। खबर है कि सभी 12 सीएम ने बारी-बारी से पीएम के सामने अपना प्रेजेंटेशन दिया। अब तक मिली जानकारी के मुताबिक यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को सबसे लंबा समय दिया गया है। पीएम ने सभी मुख्यमंत्रियों से आगामी चुनाव, प्रधानमंत्री आवास योजना और प्रशासन पर चर्चा की।
मिली जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्रियों से कहा गया है कि उन्होंने जो योजनाएं बनाई हैं उसका खुद निरीक्षण करें और यह सुनिश्चित करें कि उन योजनाओं का फायदा अंतिम आदमी तक पहुंचे। सूत्रों के मुताबिक पीएम ने मुख्यमंत्रियों से अपनी योजनाओं का प्रचार-प्रसार करने और संगठन के साथ तालमेल बिठाने को भी कहा है। चूंकि यूपी का चुनाव भारतीय जनता पार्टी के लिए काफी अहमियत रखता है, इसलिए रणनीति के तहत काशी में ही तमाम भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाई गई। आमतौर पर ऐसी बैठकें दिल्ली में हुआ करती हैं।

रात में घूमने निकले पीएम मोदी
- फोटो :
अमर उजाला
मकसद क्या?
अगले साल उत्तर प्रदेश समेत उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में विधानसभा चुनाव होने हैं। पार्टी इस चुनाव में भाजपा शासित राज्यों के प्रदर्शन और विकास कार्यों की उपलब्धियों को चुनाव के दौरान बताएगी। केंद्र और राज्य में भाजपा शासित सरकार होने यानी ‘डबल इंजन सरकार’ होने के क्या फायदे हैं, उसकी उपलब्धियों को लेकर भाजपा ने चुनाव में उतरने की रणनीति बनाई है।
13 दिसंबर को प्रधानमंत्री ने काशी विश्वनाथ कॉरिडोर को देश को समर्पित किया है। सभी मुख्यमंत्रियों के 15 दिसंबर को शिव की नगरी काशी से राम की नगरी अयोध्या भी जाने की योजना है। बताया जा रहा है कि भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री अपनी पत्नियों के साथ रामलला के दरबार में शामिल होंगे और प्रधानमंत्री के 'वोकल फॉर लोकल' के आह्वान के तहत स्थानीय बाजार में खरीदारी भी करेंगे।
अगले साल उत्तर प्रदेश समेत उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में विधानसभा चुनाव होने हैं। पार्टी इस चुनाव में भाजपा शासित राज्यों के प्रदर्शन और विकास कार्यों की उपलब्धियों को चुनाव के दौरान बताएगी। केंद्र और राज्य में भाजपा शासित सरकार होने यानी ‘डबल इंजन सरकार’ होने के क्या फायदे हैं, उसकी उपलब्धियों को लेकर भाजपा ने चुनाव में उतरने की रणनीति बनाई है।
13 दिसंबर को प्रधानमंत्री ने काशी विश्वनाथ कॉरिडोर को देश को समर्पित किया है। सभी मुख्यमंत्रियों के 15 दिसंबर को शिव की नगरी काशी से राम की नगरी अयोध्या भी जाने की योजना है। बताया जा रहा है कि भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री अपनी पत्नियों के साथ रामलला के दरबार में शामिल होंगे और प्रधानमंत्री के 'वोकल फॉर लोकल' के आह्वान के तहत स्थानीय बाजार में खरीदारी भी करेंगे।

काशी विश्वनाथ धाम में पीएम मोदी
- फोटो :
अमर उजाला
काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर पीएम का ड्रीम प्रोजेक्ट
काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट है। इसकी शुरुआत उन्होंने मार्च 2019 में की थी। इसके करीब साढ़े तीन साल बाद अब प्रधानमंत्री मोदी ने 13 दिसंबर को काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का उद्घाटन किया। चुनावी साल को देखते हुए कॉरिडोर के उद्घाटन का कार्यक्रम भव्य तरीके से संपन्न हुआ। भाजपा को उम्मीद है कि काशी विश्वनाथ कॉरिडोर हो या अयोध्या का राम मंदिर, हिंदुत्व के एजेंडे से पार्टी को हमेशा की तरह इस चुनाव में भी फायदा होगा।
माना जा रहा है कि काशी विश्वनाथ कॉरिडोर से फायदा भाजपा को उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में तो मिलेगा ही प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र होने के कारण लोकसभा चुनाव में भी इसका फायदा मिल सकता है। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर में केवल मंदिरों का ही विकास नहीं हुआ है बल्कि पूरे बनारस की गलियों, चौराहों, सड़कों और फ्लाईओवरों का भी विकास किया गया है। भाजपा गुजरात मॉडल की तरह काशी-विश्वनाथ कॉरिडोर परियोजना को मतदाताओं के सामने आध्यात्मिक और विकास मॉडल के रूप में पेश करेगी। जानकार मानते हैं कि ‘मोदी की विकास पुरुष की छवि हिंदुओं के बीच धर्म पुरुष (धार्मिक मूल्यों के व्यक्ति)’ के रूप में और मजबूत होगी, जिससे भाजपा को चुनाव में लाभ होना निश्चित है’।
काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट है। इसकी शुरुआत उन्होंने मार्च 2019 में की थी। इसके करीब साढ़े तीन साल बाद अब प्रधानमंत्री मोदी ने 13 दिसंबर को काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का उद्घाटन किया। चुनावी साल को देखते हुए कॉरिडोर के उद्घाटन का कार्यक्रम भव्य तरीके से संपन्न हुआ। भाजपा को उम्मीद है कि काशी विश्वनाथ कॉरिडोर हो या अयोध्या का राम मंदिर, हिंदुत्व के एजेंडे से पार्टी को हमेशा की तरह इस चुनाव में भी फायदा होगा।
माना जा रहा है कि काशी विश्वनाथ कॉरिडोर से फायदा भाजपा को उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में तो मिलेगा ही प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र होने के कारण लोकसभा चुनाव में भी इसका फायदा मिल सकता है। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर में केवल मंदिरों का ही विकास नहीं हुआ है बल्कि पूरे बनारस की गलियों, चौराहों, सड़कों और फ्लाईओवरों का भी विकास किया गया है। भाजपा गुजरात मॉडल की तरह काशी-विश्वनाथ कॉरिडोर परियोजना को मतदाताओं के सामने आध्यात्मिक और विकास मॉडल के रूप में पेश करेगी। जानकार मानते हैं कि ‘मोदी की विकास पुरुष की छवि हिंदुओं के बीच धर्म पुरुष (धार्मिक मूल्यों के व्यक्ति)’ के रूप में और मजबूत होगी, जिससे भाजपा को चुनाव में लाभ होना निश्चित है’।

पीएम मोदी और योगी आदित्यनाथ
- फोटो :
PTI
भाजपा के लिए अयोध्या के बाद अब काशी भी
सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्रियों को अपने-अपने राज्यों में इस मॉडल को पेश करने को कहा गया है। बताया जा रहा है कि भाजपा काशी और अयोध्या को अपने प्रचार का फोकस बनाएगी। भाजपा के हिंदुत्व की राजनीति की देखादेखी जहां यूपी में दूसरे राजनीतिक दलों ने अयोध्या से अपना अभियान शुरू किया है वहीं भाजपा के लिए अब वाराणसी भी चुनाव प्रचार का मुख्य केंद्र बन गया है। पूर्वांचल की सियासत के लिए बनारस एक महत्वपूर्ण केंद्र है।
देश भर के लिए संदेश
काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के जरिए भाजपा की नजर 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव पर भी है, क्योंकि बनारस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकसभा सीट भी है। काशी देश के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है, जिसका महत्व न केवल पूर्वांचल क्षेत्र के लिए बल्कि पूरे हिंदू समाज के लिए आस्था के मुख्य स्तंभों में से एक है। जाहिर है इसका संदेश केवल पूर्वांचल या यूपी के लिए बल्कि देश भर के लिए है।
भाजपा के एक नेता के मुताबिक 'भाजपा सरकार ने जिस तरह पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, कुशीनगर और आजमगढ़ में हवाईअड्डे, मेडिकल कॉलेज स्थापित करने जैसे विकास कार्य किए हैं। यह स्पष्ट करता है कि हमारी सरकार पूर्वांचल जैसे पिछड़े क्षेत्र के लोगों के जीवन को बदलने के अभियान में भारी निवेश कर रही है। यह सब दिखाता है कि मोदी ठीक वही करते हैं जो वे कहते हैं और डबल इंजन सराकर का यही फायदा है।
सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्रियों को अपने-अपने राज्यों में इस मॉडल को पेश करने को कहा गया है। बताया जा रहा है कि भाजपा काशी और अयोध्या को अपने प्रचार का फोकस बनाएगी। भाजपा के हिंदुत्व की राजनीति की देखादेखी जहां यूपी में दूसरे राजनीतिक दलों ने अयोध्या से अपना अभियान शुरू किया है वहीं भाजपा के लिए अब वाराणसी भी चुनाव प्रचार का मुख्य केंद्र बन गया है। पूर्वांचल की सियासत के लिए बनारस एक महत्वपूर्ण केंद्र है।
देश भर के लिए संदेश
काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के जरिए भाजपा की नजर 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव पर भी है, क्योंकि बनारस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकसभा सीट भी है। काशी देश के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है, जिसका महत्व न केवल पूर्वांचल क्षेत्र के लिए बल्कि पूरे हिंदू समाज के लिए आस्था के मुख्य स्तंभों में से एक है। जाहिर है इसका संदेश केवल पूर्वांचल या यूपी के लिए बल्कि देश भर के लिए है।
भाजपा के एक नेता के मुताबिक 'भाजपा सरकार ने जिस तरह पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, कुशीनगर और आजमगढ़ में हवाईअड्डे, मेडिकल कॉलेज स्थापित करने जैसे विकास कार्य किए हैं। यह स्पष्ट करता है कि हमारी सरकार पूर्वांचल जैसे पिछड़े क्षेत्र के लोगों के जीवन को बदलने के अभियान में भारी निवेश कर रही है। यह सब दिखाता है कि मोदी ठीक वही करते हैं जो वे कहते हैं और डबल इंजन सराकर का यही फायदा है।