{"_id":"689ea18c9cb0360b5c070444","slug":"pm-modi-speech-from-red-fort-talks-about-self-reliant-make-in-india-energy-technolgy-2025-08-15","type":"story","status":"publish","title_hn":"PM Modi: पीएम मोदी बोले-ऑपरेशन सिंदूर ने बताई आत्मनिर्भरता की अहमियत; ऊर्जा के लिए समुद्र मंथन करेगी सरकार","category":{"title":"India News","title_hn":"देश","slug":"india-news"}}
PM Modi: पीएम मोदी बोले-ऑपरेशन सिंदूर ने बताई आत्मनिर्भरता की अहमियत; ऊर्जा के लिए समुद्र मंथन करेगी सरकार
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: नितिन गौतम
Updated Fri, 15 Aug 2025 08:40 AM IST
विज्ञापन
सार
पीएम मोदी ने कहा 'भारत परमाणु ऊर्जा के लिए भी बड़ी पहल कर रहा है। परमाणु ऊर्जा में 10 नए परमाणु रिएक्टर तेजी से काम कर रहे हैं। 2047 तक हमने विकसित भारत का लक्ष्य रखा है, जब देश की आजादी के 100 साल हो जाएंगे, तब हम देश की परमाणु ऊर्जा क्षमता 10 गुना ज्यादा बढ़ाने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं।'

पीएम मोदी का संबोधन
- फोटो : अमर उजाला
विज्ञापन
विस्तार
प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर देशवासियों को दिए अपने संबोधन में आत्मनिर्भर भारत, मेक इन इंडिया और ऊर्जा की देश के विकास में अहमियत पर बात की। अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर में दुनिया ने भारत की आत्मनिर्भरता का सामर्थ्य देखा। प्रधानमंत्री ने ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए समुद्र मंथन करने की बात कही और कहा कि सरकार समुद्र में तेल के भंडारों की खोज के लिए डीप सी एक्सप्लोरेशन पर फोकस कर रहा है।
'21वीं सदी तकनीक की सदी'
लालकिले से दिए अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि 'हमने ऑपरेशन सिंदूर में देखा कि आत्मनिर्भर भारत कितना सक्षम है। दुश्मन को पता भी नहीं चला कि कौन सा सामर्थ्य है जो उन्हें पल भर में खत्म कर रहा है। अगर हम आत्मनिर्भर न होते तो क्या हम इस तरह हो पाते। सप्लाई मिलेगा कि नहीं, कौन देगा, कौन नहीं? लेकिन हमारे मेक इन इंडिया की बदौलत हमारी सेना पराक्रम करती रही। बीते 10 साल से हम मेक इन इंडिया को मिशन की तरह लेकर चले हैं। 21वीं सदी तकनीक की सदी है। यह तकनीक से चलने वाली सदी है तो इतिहास गवाह है कि जिन देशों ने तकनीक में बढ़ोतरी हासिल की वो देश शिखर पर पहुंच गए। आर्थिक शक्ति के पैमाने पर पहुंचे हैं।'
'सेमीकंडक्टर के विचार की 50 साल पहले हो गई भ्रूण हत्या'
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में इस बात पर निराशा जाहिर की कि सेमीकंडक्टर, जो आज तकनीक की दुनिया में बेहद अहम हैं, उनके मामले में हम पिछड़ गए और कहा कि पूर्व की सरकारों में सेमीकंडक्टर का विचार फाइलों में अटक कर रह गया। पीएम मोदी ने कहा, 'हम जब तकनीक के अलग अलग आयामों की बात करते हैं। जैसे मैं बात करता हूं सेमीकंडक्टर की। मैं लाल किले में किसी सरकार की आलोचना करने के लिए नहीं खड़ा हूं। लेकिन देश की युवा पीढ़ी को जानकारी होना अहम है। हमारे देश में 50 साल पहले सेमीकंडक्टर के लिए विचार शुरू हुए। लेकिन मेरे नौजवान हैरान हो जाएंगे कि 50-60 साल पहले वो विचार-फाइलें अटक गईं, लटक गईं। सेमीकंडक्टर के विचार की ही भ्रूण हत्या हो गई। हमारे बाद कई देश सेमीकंडक्टर में आज महारत हासिल कर दुनिया में अपनी ताकत को प्रस्थापित कर रहे हैं। आज हम मिशन मोड में सेमीकंडक्टर के लक्ष्य को आगे बढ़ा रहे हैं। हम छह सेमीकंडक्टर यूनिट्स की नींव रख चुके हैं। इस वर्ष के अंत तक मेड इन इंडिया यानी भारत में बनी हुई, भारत के लोगों द्वारा बनी हुई चिप्स बाजार में आ जाएंगी।'
ये भी पढ़ें- Independence Day: 'भारत की नदियों का पानी दुश्मनों के खेत सींच रहा', लालकिले से ऑपरेशन सिंदूर पर बोले PM मोदी
'ऊर्जा क्षेत्र में निर्भरता बेहद जरूरी'
प्रधानमंत्री ने कहा 'हम ऊर्जा जरूरतों के लिए कई देशों पर निर्भर है। हमें लाखों-करोड़ों खर्च कर के पेट्रोल-डीजल-गैस दूसरे देशों से लाना पड़ता है। हमने बीड़ा उठाया और 11 वर्षों में सोलर एनर्जी बढ़ चुकी है। हम नए-नए डैम बना रहे हैं, ताकि हाइड्रो पावर का विस्तार हो और क्लीन एनर्जी मिले। भारत मिशन ग्रीन हाइड्रोजन में आज हजारों करोड़ रुपये निवेश कर रहा है। इस ऊर्जा की जरूरत को ध्यान में रखते हुए भारत परमाणु ऊर्जा के लिए भी बड़ी पहल कर रहा है। परमाणु ऊर्जा में 10 नए परमाणु रिएक्टर तेजी से काम कर रहे हैं। 2047 तक हमने विकसित भारत का लक्ष्य रखा है, जब देश की आजादी के 100 साल हो जाएंगे, तब हम देश की परमाणु ऊर्जा क्षमता 10 गुना ज्यादा बढ़ाने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं। सुधार एक निरंतर प्रक्रिया है, हमें यह करते जाना है। अब हमने निजी सेक्टर के लिए भी परमाणु ऊर्जा के द्वार खोल दिए हैं।'
'स्वच्छ ऊर्जा के प्रयोग को 50 फीसदी पहुंचाएंगे'
उन्होंने कहा 'दुनिया जब ग्लोबल वॉर्मिंग के लिए चिंता करती है तो मैं विश्व को यह बताना चाहता हूं कि हमने लक्ष्य रखा था कि 2030 तक हम स्वच्छ ऊर्जा के प्रयोग को 50 फीसदी तक पहुंचा देंगे। मेरे देशवासियों का संकल्प देखिए- हमने जो लक्ष्य 2030 के लिए रखा था, वो 50 प्रतिशत क्लीन एनर्जी का लक्ष्य, हमने 2025 में ही अचीव कर लिया। क्योंकि प्रकृति के प्रति हम उतने ही जिम्मेदार लोग हैं। बजट का बड़ा हिस्सा पेट्रोल-डीजल को लाने के लिए खर्च होता है। अगर हम ऊर्जा पर निर्भर न होते तो वो धन हमारे युवाओं के लिए काम आता। हमारे किसानों के लिए काम आता। हमारे गांवों की किस्मत पलटने के काम आता। गरीबों को निर्धनता से बाहर लाने में काम आता। लेकिन अब देश को विकसित बनाने के लिए हम अलग से कोशिशें कर रहे हैं।
'नेशनल क्रिटिकल मिशन लॉन्च किया'
पीएम मोदी ने कहा 'हम समुद्र मंथन करेंगे। समुद्र के भीतर के तेल के भंडार को खोजने की दिशा में एक मिशन मोड में काम करना चाहते हैं। भारत एक डीप वॉटर एक्सप्लोरेशन मिशन शुरू करने जा रहा है। यह ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने के लिए हमारी अहम घोषणा है। आज दुनिया क्रिटिकल मिनरल को लेकर सतर्क हो गया है। हमारे लिए भी क्रिटिकल मिनरल्स में आत्मनिर्भरता अनिवार्य है। रक्षा, तकनीक, आदि क्षेत्रों में क्रिटिकल मिनरल्स की काफी बड़ी भूमिका है। इसलिए नेशनल क्रिटिकल मिशन हमने लॉन्च किया है। 1200 से अधिक स्थानों पर खोज का अभियान चल रहा है। हम क्रिटिकल मिनरल्स की दिशा में भी आत्मनिर्भरता की तरफ बढ़ रहे हैं।'

Trending Videos
'21वीं सदी तकनीक की सदी'
लालकिले से दिए अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि 'हमने ऑपरेशन सिंदूर में देखा कि आत्मनिर्भर भारत कितना सक्षम है। दुश्मन को पता भी नहीं चला कि कौन सा सामर्थ्य है जो उन्हें पल भर में खत्म कर रहा है। अगर हम आत्मनिर्भर न होते तो क्या हम इस तरह हो पाते। सप्लाई मिलेगा कि नहीं, कौन देगा, कौन नहीं? लेकिन हमारे मेक इन इंडिया की बदौलत हमारी सेना पराक्रम करती रही। बीते 10 साल से हम मेक इन इंडिया को मिशन की तरह लेकर चले हैं। 21वीं सदी तकनीक की सदी है। यह तकनीक से चलने वाली सदी है तो इतिहास गवाह है कि जिन देशों ने तकनीक में बढ़ोतरी हासिल की वो देश शिखर पर पहुंच गए। आर्थिक शक्ति के पैमाने पर पहुंचे हैं।'
विज्ञापन
विज्ञापन
'सेमीकंडक्टर के विचार की 50 साल पहले हो गई भ्रूण हत्या'
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में इस बात पर निराशा जाहिर की कि सेमीकंडक्टर, जो आज तकनीक की दुनिया में बेहद अहम हैं, उनके मामले में हम पिछड़ गए और कहा कि पूर्व की सरकारों में सेमीकंडक्टर का विचार फाइलों में अटक कर रह गया। पीएम मोदी ने कहा, 'हम जब तकनीक के अलग अलग आयामों की बात करते हैं। जैसे मैं बात करता हूं सेमीकंडक्टर की। मैं लाल किले में किसी सरकार की आलोचना करने के लिए नहीं खड़ा हूं। लेकिन देश की युवा पीढ़ी को जानकारी होना अहम है। हमारे देश में 50 साल पहले सेमीकंडक्टर के लिए विचार शुरू हुए। लेकिन मेरे नौजवान हैरान हो जाएंगे कि 50-60 साल पहले वो विचार-फाइलें अटक गईं, लटक गईं। सेमीकंडक्टर के विचार की ही भ्रूण हत्या हो गई। हमारे बाद कई देश सेमीकंडक्टर में आज महारत हासिल कर दुनिया में अपनी ताकत को प्रस्थापित कर रहे हैं। आज हम मिशन मोड में सेमीकंडक्टर के लक्ष्य को आगे बढ़ा रहे हैं। हम छह सेमीकंडक्टर यूनिट्स की नींव रख चुके हैं। इस वर्ष के अंत तक मेड इन इंडिया यानी भारत में बनी हुई, भारत के लोगों द्वारा बनी हुई चिप्स बाजार में आ जाएंगी।'
ये भी पढ़ें- Independence Day: 'भारत की नदियों का पानी दुश्मनों के खेत सींच रहा', लालकिले से ऑपरेशन सिंदूर पर बोले PM मोदी
'ऊर्जा क्षेत्र में निर्भरता बेहद जरूरी'
प्रधानमंत्री ने कहा 'हम ऊर्जा जरूरतों के लिए कई देशों पर निर्भर है। हमें लाखों-करोड़ों खर्च कर के पेट्रोल-डीजल-गैस दूसरे देशों से लाना पड़ता है। हमने बीड़ा उठाया और 11 वर्षों में सोलर एनर्जी बढ़ चुकी है। हम नए-नए डैम बना रहे हैं, ताकि हाइड्रो पावर का विस्तार हो और क्लीन एनर्जी मिले। भारत मिशन ग्रीन हाइड्रोजन में आज हजारों करोड़ रुपये निवेश कर रहा है। इस ऊर्जा की जरूरत को ध्यान में रखते हुए भारत परमाणु ऊर्जा के लिए भी बड़ी पहल कर रहा है। परमाणु ऊर्जा में 10 नए परमाणु रिएक्टर तेजी से काम कर रहे हैं। 2047 तक हमने विकसित भारत का लक्ष्य रखा है, जब देश की आजादी के 100 साल हो जाएंगे, तब हम देश की परमाणु ऊर्जा क्षमता 10 गुना ज्यादा बढ़ाने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं। सुधार एक निरंतर प्रक्रिया है, हमें यह करते जाना है। अब हमने निजी सेक्टर के लिए भी परमाणु ऊर्जा के द्वार खोल दिए हैं।'
'स्वच्छ ऊर्जा के प्रयोग को 50 फीसदी पहुंचाएंगे'
उन्होंने कहा 'दुनिया जब ग्लोबल वॉर्मिंग के लिए चिंता करती है तो मैं विश्व को यह बताना चाहता हूं कि हमने लक्ष्य रखा था कि 2030 तक हम स्वच्छ ऊर्जा के प्रयोग को 50 फीसदी तक पहुंचा देंगे। मेरे देशवासियों का संकल्प देखिए- हमने जो लक्ष्य 2030 के लिए रखा था, वो 50 प्रतिशत क्लीन एनर्जी का लक्ष्य, हमने 2025 में ही अचीव कर लिया। क्योंकि प्रकृति के प्रति हम उतने ही जिम्मेदार लोग हैं। बजट का बड़ा हिस्सा पेट्रोल-डीजल को लाने के लिए खर्च होता है। अगर हम ऊर्जा पर निर्भर न होते तो वो धन हमारे युवाओं के लिए काम आता। हमारे किसानों के लिए काम आता। हमारे गांवों की किस्मत पलटने के काम आता। गरीबों को निर्धनता से बाहर लाने में काम आता। लेकिन अब देश को विकसित बनाने के लिए हम अलग से कोशिशें कर रहे हैं।
'नेशनल क्रिटिकल मिशन लॉन्च किया'
पीएम मोदी ने कहा 'हम समुद्र मंथन करेंगे। समुद्र के भीतर के तेल के भंडार को खोजने की दिशा में एक मिशन मोड में काम करना चाहते हैं। भारत एक डीप वॉटर एक्सप्लोरेशन मिशन शुरू करने जा रहा है। यह ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने के लिए हमारी अहम घोषणा है। आज दुनिया क्रिटिकल मिनरल को लेकर सतर्क हो गया है। हमारे लिए भी क्रिटिकल मिनरल्स में आत्मनिर्भरता अनिवार्य है। रक्षा, तकनीक, आदि क्षेत्रों में क्रिटिकल मिनरल्स की काफी बड़ी भूमिका है। इसलिए नेशनल क्रिटिकल मिशन हमने लॉन्च किया है। 1200 से अधिक स्थानों पर खोज का अभियान चल रहा है। हम क्रिटिकल मिनरल्स की दिशा में भी आत्मनिर्भरता की तरफ बढ़ रहे हैं।'