पुणे पोर्श हादसा: आरोपी के परिवार ने ड्राइवर की पत्नी पर बनाया था दबाव, पति को फंसाने के लिए दिए थे लालच
Porsche Accident Pune: पुणे सड़क हादसा लगातार सुर्खियों में बना हुआ है। इस मामले में ड्राइवर के अपहरण से लेकर उसके बयान बदलने तक की चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है।
विस्तार
देश में इन दिनों पुणे में हुए सड़क हादसे की चर्चा हो रही है। यहां एक तेज रफ्तार लग्जरी कार ने एक मोटरसाइकिल को टक्कर मार दी थी, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई थी। कार 17 साल का नाबालिग चला रहा था, जो शराब के नशे में धुत था। इस मामले में हर दिन नए खुलासे हो रहे हैं। जहां शनिवार को नाबालिग के दादा को ड्राइवर का अपहरण करने, धमकी देने और अपराध कबूल करने के लिए ड्राइवर को मजबूर करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। वहीं, इस मामले में दो अधिकारियों को भी निलंबित किया जा चुका है। अब दावा किया जा रहा है कि ड्राइवर की पत्नी पर भी दबाव बनाने की कोशिश की गई थी।
इस मामले में ड्राइवर के अपहरण से लेकर उसके बयान बदलने तक की चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है।
आइए जानते हैं-
- पुणे के कमिश्नर ऑफ पुलिस (सीपी) अमितेश कुमार ने कहा कि ड्राइवर का बयान दर्ज कर लिया गया है। उसने बताया है कि रविवार को करीब पौने तीन बजे दुर्घटना के बाद लड़के के पिता ने उसे फोन किया।
- पिता ने कहा कि उसे यह दावा करना होगा कि वह हादसे के वक्त कार चला रहा था।
- यहां तक कि नाबालिग की मां ने भी भावुक होते हुए उससे अनुरोध किया था कि वह हादसे की जिम्मेदारी ले ले।
- परिवार के सदस्यों ने उसे दुर्घटना की जिम्मेदारी लेने के लिए अलग-अलग लालच दिए।
- पुलिस के अनुसार, दुर्घटना के बाद नाबालिग, उसके दोस्तों और ड्राइवर को पुलिस स्टेशन ले जाया गया था। शुरुआत में ड्राइवर ने दावा किया था कि वह कार चला रहा था। हालांकि पुलिस को इस बयान पर विश्वास नहीं हुआ था और नाबिलग के खिलाफ केस दर्ज कर लिया था।
- सीपी अमितेश ने बताया, '19 मई की देर रात नाबालिग के पिता और उसके परिवार के सदस्यों ने ड्राइवर का पीछा किया जब वह घर जा रहा था। उन्होंने उसे अपनी कार में बैठने के लिए मजबूर किया और उसे वडगांवशेरी में स्थित अपने बंगले में ले गए।'
- ड्राइवर को एक कमरे में बैठने के लिए मजबूर किया गया और उसका फोन छिन लिया। किसी को भी उससे मिलने नहीं दिया गया।
- अगले दिन ड्राइवर की पत्नी पति को खोजते हुए बिल्डर के बंगले पर गई। लेकिन उसे उससे मिलने नहीं दिया। बिल्डर के परिवार के सदस्यों ने उससे कई 'वादे' किए और उससे अनुरोध किया कि वह अपने पति को दुर्घटना की जिम्मेदारी लेने के लिए मनाए।
- अधिकारी ने कहा कि बाद में दिन में ड्राइवर को चेतावनी के साथ घर लौटने की इजाजत दी गई। इसके बाद वह दो दिनों के लिए गायब हो गया था और गुरुवार को एक बार फिर से दिखाई दिया। जब हम उसे गुरुवार को पूछताछ के लिए अपराध शाखा ले गए, तो मामले के इस पहलू पर चीजें सामने आईं।
यह है मामला
पुणे शहर में 18-19 मई की दरम्यानी रात को करीब तीन करोड़ रुपये की पोर्श कार को तेज गति से दौड़ाने के चक्कर में 17 साल के लड़के ने एक बाइक को टक्कर मार दी थी। गाड़ी की टक्कर इतनी जोरदार थी कि बाइक अपना संतुलन खोकर काफी दूर तक सड़क पर घिसटते चली गई, जिससे उस पर सवार दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी। मौके पर मौजूद लोगों ने हादसे की सूचना पुलिस को दी, जिसके बाद आरोपी नाबालिग को गिरफ्तार कर लिया गया। इस घटना के 14 घंटे बाद आरोपी नाबालिग को कोर्ट से कुछ शर्तों के साथ जमानत मिल गई थी। कोर्ट ने उसे 15 दिनों तक ट्रैफिक पुलिस के साथ काम करने और सड़क दुर्घटनाओं के प्रभाव-समाधान पर 300 शब्दों का निबंध लिखने का निर्देश दिया था। बाद में विवाद बढ़ा तो कोर्ट ने उसकी जमानत रद्द कर दी।