सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   India News ›   Rahul Gandhi comment on Mohan Bhagwat stirring Controversy RSS from UK to US the alleged statements

Rahul Gandhi vs Mohan Bhagwat: राहुल ने ऐसा क्या कहा जिस पर मचा बवाल, भागवत की किस बात को बता रहे देशद्रोह?

स्पेशल डेस्क, अमर उजाला Published by: कीर्तिवर्धन मिश्र Updated Fri, 17 Jan 2025 02:00 PM IST
सार
आखिर राहुल का पूरा बयान है क्या जिस पर बवाल हो रहा है? राहुल ने यह बयान कब कहां और किसे लेकर दिया? मोहन भागवत पर देशद्रोह का आरोप राहुल ने किस मामले में लगाया? बयान पर बवाल होने के बाद किस दल की तरफ से क्या कहा गया? राहुल इससे पहले अपने किन बयानों पर विवाद में पड़ चुके हैं? आइये समझते हैं...
विज्ञापन
loader
Rahul Gandhi comment on Mohan Bhagwat stirring Controversy RSS from UK to US the alleged statements
राहुल गांधी, मोहन भागवत। - फोटो : अमर उजाला

विस्तार
Follow Us

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के एक बयान पर हंगामा मचा हुआ है। भाजपा उनके बयान को देश के खिलाफ खुली जंग का एलान बता रही है। दरअसल राहुल गांधी ने कहा कि भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने देश के सभी संस्थानों पर कब्जा कर लिया है और कांग्रेस को भाजपा व संघ के साथ ही भारतीय राज व्यवस्था से भी लड़ना पड़ रहा है। उनके इस बयान को भाजपा ने कांग्रेस पर भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने देश के खिलाफ खुली जंग का एलान करार देते हुए कहा कि राहुल ने खुद देश के सामने कांग्रेस की घिनौनी सच्चाई ला दी है।


आखिर राहुल का पूरा बयान है क्या जिस पर बवाल हो रहा है? राहुल ने यह बयान कब कहां और किसे लेकर दिया? मोहन भागवत पर देशद्रोह का आरोप राहुल ने किस मामले में लगाया? बयान पर बवाल होने के बाद किस दल की तरफ से क्या कहा गया? राहुल इससे पहले अपने किन बयानों पर विवाद में पड़ चुके हैं? आइये समझते हैं...


सबसे पहले राहुल का वो बयान जान लीजिए, जिस पर हंगामा हो रहा है
दरअसल, बुधवार को कांग्रेस के नए मुख्यालय का उद्घाटन हुआ। इसके साथ ही कांग्रेस मुख्यालय का पता ‘24 अकबर रोड’ से बदलकर  ‘9ए कोटला मार्ग’ हो गया। इस नए छह मंजिला मुख्यालय को इंदिरा भवन नाम दिया गया है। इसके उद्घाटन के अवसर पर कांग्रेस के नेताओं ने अपनी-अपनी बात रखी। इसी दौरान राहुल गांधी भी बोले। 

राहुल ने कहा कि मोहन भागवत कह रहे हैं कि 1947 में भारत को सच्ची आजादी नहीं मिली थी। मोहन भागवत का यह बयान हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के साथ-साथ हर एक भारतीय नागरिक का अपमान है। भागवत की टिप्पणी हमारे संविधान पर हमला है। भागवत हर दो-तीन दिन में अपने बयानों से देश को यह बताते रहते हैं कि वह स्वतंत्रता आंदोलन और संविधान के बारे में क्या सोचते हैं। उन्होंने हाल ही में जो कहा वह देशद्रोह है, क्योंकि उनके बयान का मतलब है कि संविधान का कोई औचित्य नहीं है।

राहुल गांधी
राहुल गांधी - फोटो : अमर उजाला
राहुल ने आगे कहा कि भागवत के हिसाब से अंग्रेजों के खिलाफ आजादी की लड़ाई का कोई महत्व ही नहीं है। मोहन भागवत अगर किसी और देश में ऐसे बयान देते तो गिरफ्तार हो जाते। उनके खिलाफ केस भी चलाया जाता। ऐसा मत सोचिए कि हम निष्पक्ष लड़ाई लड़ रहे हैं। यदि आप मानते हैं कि हम भाजपा और आरएसएस के खिलाफ लड़ रहे हैं। तो आप समझ नहीं पा रहे कि क्या चल रहा है। यह दो विचारों के बीच लड़ाई है। एक हमारा विचार है जो संविधान का विचार है। दूसरी तरफ RSS का विचार है जो इसके उलट है। उन्होंने हमारे देश की लगभग हर संस्था पर कब्जा कर लिया है। अब हम केवल भाजपा और आरएसएस से नहीं, बल्कि भारतीय राज व्यवस्था से भी लड़ रहे हैं।

अब मोहन भागवत का वह बयान भी जान लीजिए जिसे राहुल देशद्रोह बता रहे हैं?
13 जनवरी को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने इंदौर में एक कार्यक्रम में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तिथि को 'प्रतिष्ठा द्वादशी' के तौर पर मनाने की बात कही। उन्होंने कहा कि 'प्रतिष्ठा द्वादशी', पौष शुक्ल द्वादशी का एक नया नामकरण हुआ है। पहले हम कहते थे वैकुंठ एकादशी, वैकुंठ द्वादशी अब उसे प्रतिष्ठा द्वादशी कहना है, क्योंकि अनेक शतकों से परिचक्र झेलने वाले भारत के सच्चे स्वतंत्रता की प्रतिष्ठा उस दिन हो गई। स्वतंत्रता थी, प्रतिष्ठित नहीं हुई थी। क्योंकि भारत स्वतंत्र हुआ 15 अगस्त को तो राजनीतिक स्वतंत्रता आपको मिल गई। हमारा भाग्य निर्धारण करना हमारे हाथ में आ गया। हमने एक संविधान भी बनाया, एक विशिष्ट दृष्टि जो भारत के अपने स्व से निकलती है, उसमें से वह संविधान दिग्दर्शित हुआ, लेकिन उसके जो भाव हैं, उसके अनुसार चला नहीं और इसलिए- हो गए हैं स्वप्न सब साकार कैसे मान लें, टल गया सर से व्यथा का भार कैसे मान लें। ऐसी मनस्थिति जमा थी। क्योंकि जो आवश्यक स्वतंत्रता में स्व का अधिष्ठान होता है, वह लिखित रूप में संविधान से पाया है, लेकिन हमने अपने मन को उसकी पक्की नींव पर आरूढ़ नहीं किया है। 

मोहन भागवत, आरएसएस प्रमुख
मोहन भागवत, आरएसएस प्रमुख - फोटो : ANI
राहुल के बयान पर भाजपा ने क्या कहा?
राहुल के इस बयान को लेकर भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि कांग्रेस का घिनौनी सच किसी से छिपा नहीं है। अब उनके अपने नेता ने ही इसका पर्दाफाश कर दिया है। मैं राहुल गांधी की सराहना करता हूं कि उन्होंने वह बात साफ-साफ कही जो देश जानता है कि वह भारतीय राज्य से लड़ रहे हैं। यह कोई रहस्य नहीं है कि राहुल गांधी और उनके तंत्र का शहरी नक्सलियों और डीप स्टेट के साथ घनिष्ठ संबंध है। जो भारत को बदनाम करना चाहते हैं। उनके बार-बार के कार्यों ने भी इस विश्वास को मजबूत किया है। उन्होंने जो कुछ भी किया या कहा है वह भारत को तोड़ने और हमारे समाज को विभाजित करने वाला है। 

इसी तरह वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि संविधान के नाम पर शपथ लेने वाले इंडियन स्टेट से लड़ाई की घोषणा कर रहे हैं। भाजपा नेता हरदीप पुरी ने कहा कि राहुल गांधी को अपनी मानसिक स्थिति पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने राहुल गांधी के किसी बयान का जिक्र किए बिना कहा कि उनसे कहिए वे जाकर अपनी मानसिक स्थिरता की जांच कराएं। 

भाजपा के सहयोगियों का राहुल के बयान पर क्या रुख है? 
भाजपा की सहयोगी जनता दल यूनाइटेड के राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि राहुल गांधी के आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है। कांग्रेस का कंलकित अतीत उनको ऐसे सवाल पूछने की अनुमति नहीं देता है। लोजपा के चिराग पासवान ने कहा कि राहुल जी जो चीजें कहते हैं उन पर कई बार प्रश्न चिह्न खड़ा होता है। वे कहते कहते कुछ ऐसी बातें कह जाते हैं जो समझ के परे हैं। वो आरएसएस और भाजपा से लड़ाई करते-करते भारतीय शासन से क्यों लड़ाई लड़ने लगते हैं। हर किसी की भावना का मैं सम्मान करता हूं, लेकिन उनकी भावना समझ ही नहीं आती तो इस पर सम्मान का औचित्य नहीं है।  

ये पहला मौका नहीं है जब राहुल के किसी बयान पर बवाल हो रहा है। इससे पहले भी उनके कई बयानों पर विवाद हो चुका है। आइये चलते-चलते राहुल के ऐसे बयान भी जान लाजिए…
  • 2022 में ब्रिटेन यात्रा के दौरान राहुल ने कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में छात्रों को संबोधित करते हुए भारत को 'यूनियन ऑफ स्टेट्स' यानी भारत को 'राज्यों के संघ' कह दिया था। 
  • मार्च 2023 में राहुल गांधी ने ब्रिटेन यात्रा के दौरान कहा था कि भारत में लोकतंत्र खतरे में है। राहुल ने सरकार पर खुद की जासूसी करवाने का आरोप भी लगाया था। इस दौरान उन्होंने कहा था कि मोदी सरकार भारत में मीडिया का दमन कर रही है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने लंदन में हाउस ऑफ पार्लियामेंट कॉम्प्लेक्स में ब्रिटिश सांसदों ब्रिटिश सांसदों से कहा था कि हमारे यहां लोकसभा में अक्सर विपक्षी सदस्यों के माइक को बंद कर दिया जाता है।  

  • पिछले साल सितंबर में अपने अमेरिका दौरे के दौरान भी राहुल विवादों में घिरे थे। यहां वर्जीनिया के हर्नडॉन में एक कार्यक्रम में भारतीय प्रवासियों को संबोधित करते हुए राहुल ने आरोप लगाया कि आरएसएस कुछ धर्मों, भाषाओं और समुदायों को अन्य की तुलना में कमतर मानता है। राहुल ने दर्शकों के बीच बैठे एक सिख व्यक्ति को संबोधित करते हुए कहा कि लड़ाई इस बात की है कि क्या एक सिख को भारत में पगड़ी या कड़ा पहनने का अधिकार है या नहीं। या एक सिख के रूप में वह गुरुद्वारा जा सकते हैं या नहीं। लड़ाई इसी बात के लिए है और यह सिर्फ उनके लिए ही नहीं, बल्कि सभी धर्मों के लिए है।
विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News apps, iOS Hindi News apps और Amarujala Hindi News apps अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

Next Article

Followed