{"_id":"68fc95ce10f55d635a06d7d7","slug":"rahul-gandhi-targets-union-government-nda-over-trains-overcrowding-in-festival-season-diwali-chhath-bhai-dooj-2025-10-25","type":"feature-story","status":"publish","title_hn":"INC: ‘बेबस यात्री NDA की छल वाली नीतियों का सबूत’, बिहार जाने वाली ट्रेनों में भीड़ को लेकर भड़के राहुल गांधी","category":{"title":"India News","title_hn":"देश","slug":"india-news"}}
    INC: ‘बेबस यात्री NDA की छल वाली नीतियों का सबूत’, बिहार जाने वाली ट्रेनों में भीड़ को लेकर भड़के राहुल गांधी
 
            	    न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली             
                              Published by: कीर्तिवर्धन मिश्र       
                        
       Updated Sat, 25 Oct 2025 02:48 PM IST
        
       
            सार 
            
            
        
                                    
                राहुल गांधी ने एक्स पर पोस्ट में कहा, "त्योहारों का महीना है - दिवाली, भाईदूज, छठ। बिहार में इन त्योहारों का मतलब सिर्फ आस्था नहीं, घर लौटने की लालसा है- मिट्टी की खुशबू, परिवार का स्नेह, गांव का अपनापन। लेकिन यह लालसा अब एक संघर्ष बन चुकी है।
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                        त्योहारों के दौरान ट्रेनों में भीड़ को लेकर सरकार पर भड़के राहुल गांधी।
                                    - फोटो : PTI 
                    
    
        
    
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विस्तार
                                                 
                कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने शनिवार को बिहार जाने वाली ट्रेनों में भीड़ को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा। राहुल ने कहा कि बिहार जाने वाली ट्रेनें पूरी तरह भरी हुई हैं, टिकट मिलना लगभग असंभव है और यात्रा अमानवीय बन गई है। उन्होंने कहा कि ये बेबस यात्री एनडीए सरकार की छल भरी नीतियों और इरादों का जीता-जागता सबूत हैं। राहुल ने कहा कि सुरक्षित और सम्मानजनक यात्रा कोई एहसान नहीं, बल्कि एक अधिकार है।
                                
                
                
                 
                    
                                                                                                        
                                                
                        
                        
 
                        
                                                                                      
                   
    
                                                                        
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                                                
                                                                
                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
राहुल बोले- त्योहारों पर घर लौटना बना संघर्ष
राहुल गांधी ने एक्स पर पोस्ट में कहा, "त्योहारों का महीना है - दिवाली, भाईदूज, छठ। बिहार में इन त्योहारों का मतलब सिर्फ आस्था नहीं, घर लौटने की लालसा है- मिट्टी की खुशबू, परिवार का स्नेह, गांव का अपनापन। लेकिन यह लालसा अब एक संघर्ष बन चुकी है। बिहार जाने वाली ट्रेनें ठसाठस भरी हैं, टिकट मिलना असंभव है, और सफर अमानवीय हो गया है। कई ट्रेनों में क्षमता से 200% तक यात्री सवार हैं। लोग दरवाजों और छतों तक लटके हैं।    
             
                                                    
                                 
                                
                               
                                                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
UP: छठ महापर्व पर पूर्वांचल-बिहार जाने वाली ट्रेनें फुल, विमान का किराया भी महंगा; बसों से यात्रियों को राहत
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                                                
                                
                                
                
                                                                                        
                                                                                    
                        
                                      
  
राहुल बोले- त्योहारों पर घर लौटना बना संघर्ष
राहुल गांधी ने एक्स पर पोस्ट में कहा, "त्योहारों का महीना है - दिवाली, भाईदूज, छठ। बिहार में इन त्योहारों का मतलब सिर्फ आस्था नहीं, घर लौटने की लालसा है- मिट्टी की खुशबू, परिवार का स्नेह, गांव का अपनापन। लेकिन यह लालसा अब एक संघर्ष बन चुकी है। बिहार जाने वाली ट्रेनें ठसाठस भरी हैं, टिकट मिलना असंभव है, और सफर अमानवीय हो गया है। कई ट्रेनों में क्षमता से 200% तक यात्री सवार हैं। लोग दरवाजों और छतों तक लटके हैं।
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            UP: छठ महापर्व पर पूर्वांचल-बिहार जाने वाली ट्रेनें फुल, विमान का किराया भी महंगा; बसों से यात्रियों को राहत
                                                                                                                         
                                                विशेष ट्रेनों के एलान पर उठाए सवाल
                                                                                                                                 
                                                
कांग्रेस नेता ने आगे कहा, "फेल डबल इंजन सरकार के दावे खोखले हैं। कहां हैं 12,000 स्पेशल ट्रेनें? क्यों हालात हर साल और बदतर ही होते जाते हैं? क्यों बिहार के लोग हर साल ऐसे अपमानजनक हालात में घर लौटने को मजबूर हैं? अगर राज्य में रोजगार और सम्मानजनक जीवन मिलता, तो उन्हें हजारों किलोमीटर दूर भटकना नहीं पड़ता।
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
राहुल ने कहा कि ये सिर्फ मजबूर यात्री नहीं, एनडीए की धोखेबाज नीतियों और नीयत का जीता-जागता सबूत हैं। यात्रा सुरक्षित और सम्मानजनक हो यह अधिकार है, कोई एहसान नहीं।
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                                                                                                                                                               
                                                                                                                                                                                                                                                    
 
                                                                                                
                            कांग्रेस नेता ने आगे कहा, "फेल डबल इंजन सरकार के दावे खोखले हैं। कहां हैं 12,000 स्पेशल ट्रेनें? क्यों हालात हर साल और बदतर ही होते जाते हैं? क्यों बिहार के लोग हर साल ऐसे अपमानजनक हालात में घर लौटने को मजबूर हैं? अगर राज्य में रोजगार और सम्मानजनक जीवन मिलता, तो उन्हें हजारों किलोमीटर दूर भटकना नहीं पड़ता।
राहुल ने कहा कि ये सिर्फ मजबूर यात्री नहीं, एनडीए की धोखेबाज नीतियों और नीयत का जीता-जागता सबूत हैं। यात्रा सुरक्षित और सम्मानजनक हो यह अधिकार है, कोई एहसान नहीं।
                                                                                                                         
                                                रेल मंत्री लगातार ले रहे सुविधाओं का जायजा
                                                                                                                                 
                                                
बता दें कि रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव त्योहारों में ट्रेनों में बढ़ती भीड़ के मद्देनजर खुद व्यवस्थाओं का जायजा लेने कई बार नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पहुंचे हैं। इसी शनिवार को उन्होंने स्टेशन पर ट्रेन में चढ़कर सफाई, खानपान, टिकट व्यवस्था, सुरक्षा और समयबद्धता को लेकर यात्रियों से फीडबैक लिया। कई यात्रियों ने अपनी समस्याएं और सुझाव साझा किए जिन पर मंत्री ने मौके पर ही अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए।
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
वैष्णव ने कहा था कि त्योहारों के दौरान रेलवे के सामने सबसे बड़ी चुनौती यात्रियों की बढ़ती संख्या को संभालना होती है। हमारा लक्ष्य है कि हर यात्री को सुरक्षित व समय पर सुविधाजनक यात्रा का अनुभव मिले। दिवाली और छठ पर्व को ध्यान में रखते हुए विशेष ट्रेनों की संख्या बढ़ाई गई है और सभी प्रमुख स्टेशनों पर अतिरिक्त स्टाफ व हेल्प डेस्क लगाए गए हैं। यात्री सुविधा केंद्र में बहुत सारे टिकट काउंटर हैं। यात्रियों का आवागमन व्यवस्थित तरीके से हो रहा है। होल्डिंग एरिया से बहुत लाभ मिल रहा है। इस बार देशभर में 12 हजार स्पेशल ट्रेनें संचालित की जा रही हैं।
 
                                                                                                
                            बता दें कि रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव त्योहारों में ट्रेनों में बढ़ती भीड़ के मद्देनजर खुद व्यवस्थाओं का जायजा लेने कई बार नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पहुंचे हैं। इसी शनिवार को उन्होंने स्टेशन पर ट्रेन में चढ़कर सफाई, खानपान, टिकट व्यवस्था, सुरक्षा और समयबद्धता को लेकर यात्रियों से फीडबैक लिया। कई यात्रियों ने अपनी समस्याएं और सुझाव साझा किए जिन पर मंत्री ने मौके पर ही अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए।
वैष्णव ने कहा था कि त्योहारों के दौरान रेलवे के सामने सबसे बड़ी चुनौती यात्रियों की बढ़ती संख्या को संभालना होती है। हमारा लक्ष्य है कि हर यात्री को सुरक्षित व समय पर सुविधाजनक यात्रा का अनुभव मिले। दिवाली और छठ पर्व को ध्यान में रखते हुए विशेष ट्रेनों की संख्या बढ़ाई गई है और सभी प्रमुख स्टेशनों पर अतिरिक्त स्टाफ व हेल्प डेस्क लगाए गए हैं। यात्री सुविधा केंद्र में बहुत सारे टिकट काउंटर हैं। यात्रियों का आवागमन व्यवस्थित तरीके से हो रहा है। होल्डिंग एरिया से बहुत लाभ मिल रहा है। इस बार देशभर में 12 हजार स्पेशल ट्रेनें संचालित की जा रही हैं।