Rajasthan: नई टीम में वसुंधरा को रख BJP ने दिया ये संदेश, अल्का के जरिए साधा गुर्जर समाज, बसंल का कद बरकरार
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विस्तार
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने शनिवार को अपनी टीम का एलान कर दिया। इसमें राजस्थान से तीन अहम चेहरों को शामिल किया गया है। पूर्व सीएम वसुंधरा राजे सिंधिया को पहले की तरह उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई है। प्रदेश आने वाले सुनील बंसल को राष्ट्रीय महामंत्री, डॉ. अलका गुर्जर को राष्ट्रीय मंत्री के पद पर बरकरार रखा गया है।
ग्वालियर राजघराने की पुत्री वसुंधरा राजे को फिर उपाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी दी गई है। वे राजस्थान की दो बार मुख्यमंत्री रहने के साथ ही केंद्र में भी मंत्री रही हैं। राजे को संगठन में भी काम करने का लंबा अनुभव है। वे पहले भी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष थीं। राजस्थान में इस साल होने जा रहे विधानसभा चुनाव से पहले राष्ट्रीय संगठन में उन्हें पुरानी जिम्मेदारी पर बरकरार रखकर पार्टी ने सियासी संदेश दिया है। पार्टी ने यह भी संकेत दिया है कि राजस्थान में सामूहिक नेतृत्व में ही चुनाव लड़ा जाएगा। वसुंधरा को राष्ट्रीय स्तर पर भी टास्क दिया जा सकता है। अब राजस्थान की चुनावी समितियों की घोषणा का इंतजार है, चुनावी कमेटियों में वसुंधरा राजे के रोल से उनका सियासी भविष्य तय होगा। दरअसल, वसुंधरा की कोशिश है कि पार्टी उन्हें विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित करे। इसे लेकर वो पिछले दिनों भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मिली थीं। अध्यक्ष नड्डा से उन्होंने साफ कहा था कि चुनाव से पहले राज्य में उनकी भूमिका को स्पष्ट किया जाए। हालांकि भाजपा यह पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि वह विधानसभा चुनाव में किसी को भी सीएम पद का चेहरा नहीं बनाएगी। चुनाव पीएम मोदी के चेहरे के साथ सामूहिक नेतृत्व में लड़ा जाएगा।
पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा की टीम में सुनील बंसल पहले से ही राष्ट्रीय महामंत्री के पद पर काम कर रहे हैं। उनकी जिम्मेदारी को भी बरकरार रखा है। बंसल इससे पहले उत्तर प्रदेश भाजपा में महामंत्री (संगठन) की भूमिका में थे। उनके कार्यकाल में ही भाजपा ने उत्तर प्रदेश में एतिहासिक जीत दर्ज की थी। बसंल की सांगठनिक क्षमता को देखते हुए पार्टी ने उन्हें राष्ट्रीय महामंत्री की जिम्मेदारी सौंपी थी। बंसल के पास पश्चिम बंगाल, ओडिशा और तेलंगाना के प्रदेश प्रभारी जिम्मेदारी है। जबकि पिछले दिनों ही उन्हें उत्तर प्रदेश में चले महा जनसंपर्क अभियान का प्रभारी बनाया गया है। सुनील बंसल राजस्थान में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से लंबे समय तक जुड़े रहे हैं। बसंल ने उत्तर प्रदेश में भाजपा को 2014 लोकसभा चुनाव के बाद 2017 के यूपी विधानसभा, 2019 के लोकसभा चुनाव और फिर 2022 के यूपी विधानसभा चुनावों में प्रचंड जीत दिलाने का काम किया। यूपी में भाजपा को बूथ स्तर तक मजबूत करने का श्रेय बसंल को ही जाता है।
राजस्थान से तीसरा नाम अल्का गुर्जर का है। उन्हें राष्ट्रीय सचिव के पद पर बरकरार रखा गया है। अल्का पूर्व सांसद नाथू सिंह गुर्जर की पत्नी हैं। 2013 में भाजपा से बांदीकुई से विधायक रही हैं। लेकिन 2018 के चुनाव में भाजपा ने अलका का टिकट काट दिया, इसके बाद उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया, लेकिन पार्टी के दबाव में वे पीछे हट गईं। राष्ट्रीय सचिव बनाई गईं अल्का गुर्जर इससे पहले प्रदेश उपाध्यक्ष, सह-प्रभारी दिल्ली, प्रदेश प्रवक्ता की जिम्मेदारी संभाल चुकी हैं। अल्का को केंद्रीय टीम में शामिल कर भाजपा ने प्रदेश में गुर्जर समाज को साधने की कोशिश की है। क्योंकि प्रदेश में साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। प्रदेश में गुर्जर समाज का बड़ा वोट बैंक है, जो चुनाव में निर्णायक भूमिका निभाता है।