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Coal Levy Scam: सुप्रीम कोर्ट से छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम की डिप्टी सचिव को जमानत, ED से जुड़े मामले में राहत
न्यूज डेस्क, अमर उजाला
Published by: पवन पांडेय
Updated Wed, 25 Sep 2024 05:57 PM IST
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सार
छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल की डिप्टी सचिव सौम्य चौरसिया को बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत दे दी है। बता दें कि सौम्य चौरसिया कथित कोयला लेवी घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी हैं।

Supreme Court
- फोटो : ANI
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विस्तार
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल की डिप्टी सचिव सौम्य चौरसिया को बड़ी राहत दी है। दरअसल सर्वोच्च अदालत ने कथित कोयला लेवी घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी सौम्य चौरसिया को अंतरिम जमानत दी है। मामले की सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति सूर्यकांत, न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने कहा कि सौम्य चौरसिया एक साल और नौ महीने से अधिक समय से हिरासत में हैं, उनके खिलाफ आरोप तय होना बाकी है और मुकदमा भी शुरू नहीं हुआ है।
सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ सरकार को दिया निर्देश
मामले में शीर्ष अदालत ने छत्तीसगढ़ सरकार को निर्देश दिया कि अगले आदेश तक सौम्य चौरसिया को सेवा में बहाल न किया जाए। पीठ ने सौम्य चौरसिया को निर्देश दिया कि जब भी जरूरत हो, वह ट्रायल कोर्ट में पेश हों और गवाहों को प्रभावित न करें। शीर्ष अदालत सौम्य चौरसिया की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें उन्होंने 28 अगस्त को उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी थी, जिसके तहत उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया गया था।
ASG ने जमानत का किया विरोध
पीठ ने कहा कि चूंकि उनकी याचिका पर सुनवाई में कुछ समय लगेगा, इसलिए वह उन्हें अंतरिम जमानत दे रही है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से अदालत में पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने जमानत का विरोध किया और कहा कि सौम्य चौरसिया एक बहुत ही प्रभावशाली नागरिक सेवक हैं और उन्हें रिहा करने से मुकदमे को खतरा होगा।
हालांकि, पीठ ने उनसे पूछा कि ईडी एक आरोपी को कितने समय तक हिरासत में रख सकता है, खासकर जब अपराध के लिए अधिकतम सजा सात साल है और एक साल और नौ महीने तक आरोप भी तय नहीं हुए हैं। इस मामले में सौम्य चौरसिया का प्रतिनिधित्व करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ दवे ने कहा कि मामले में सभी सह-आरोपियों को जमानत दे दी गई है और इस बात की कोई निश्चितता नहीं है कि मामले में मुकदमा कब शुरू होगा।
पूर्व सीएम की उप सचिव और OSD भी थीं सौम्य सचिव
मंगलवार को, शीर्ष अदालत ने ईडी से कहा था कि वह छत्तीसगढ़ कैडर के सिविल सेवक सौम्य चौरसिया को अंतरिम जमानत देने के लिए इच्छुक है, जो पूर्व मुख्यमंत्री के कार्यालय में उप सचिव और विशेष कर्तव्य अधिकारी (ओएसडी) थे। वहीं पिछले साल 14 दिसंबर को, शीर्ष अदालत ने सौम्य चौरसिया की जमानत याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें कहा गया था कि वह प्रथम दृष्टया मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल थीं।
कोयला-लेवी घोटाले में 540 करोड़ की वसूली
इसने कहा था कि ईडी ने इस निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए पर्याप्त सबूत एकत्र किए हैं कि सौम्य चौरसिया धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धारा 3 में परिभाषित धन शोधन के अपराध में सक्रिय रूप से शामिल थीं। जांच एजेंसी ने 2022 में आरोप लगाया था कि प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध राज्य में कोयला-लेवी घोटाला करने के लिए एक बड़ी साजिश रची गई थी, जिसमें पिछले दो वर्षों में कुल 540 करोड़ रुपये की जबरन वसूली की गई थी।
धन शोधन का मामला आयकर विभाग की तरफ से दर्ज की गई शिकायत से उपजा है। ईडी की जांच एक बड़े घोटाले से संबंधित है जिसमें वरिष्ठ नौकरशाहों, व्यापारियों, राजनेताओं और बिचौलियों से जुड़े एक कार्टेल की तरफ से छत्तीसगढ़ में परिवहन किए गए प्रत्येक टन कोयले के लिए 25 रुपये की अवैध वसूली की जा रही थी।

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सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ सरकार को दिया निर्देश
मामले में शीर्ष अदालत ने छत्तीसगढ़ सरकार को निर्देश दिया कि अगले आदेश तक सौम्य चौरसिया को सेवा में बहाल न किया जाए। पीठ ने सौम्य चौरसिया को निर्देश दिया कि जब भी जरूरत हो, वह ट्रायल कोर्ट में पेश हों और गवाहों को प्रभावित न करें। शीर्ष अदालत सौम्य चौरसिया की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें उन्होंने 28 अगस्त को उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी थी, जिसके तहत उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया गया था।
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ASG ने जमानत का किया विरोध
पीठ ने कहा कि चूंकि उनकी याचिका पर सुनवाई में कुछ समय लगेगा, इसलिए वह उन्हें अंतरिम जमानत दे रही है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से अदालत में पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने जमानत का विरोध किया और कहा कि सौम्य चौरसिया एक बहुत ही प्रभावशाली नागरिक सेवक हैं और उन्हें रिहा करने से मुकदमे को खतरा होगा।
हालांकि, पीठ ने उनसे पूछा कि ईडी एक आरोपी को कितने समय तक हिरासत में रख सकता है, खासकर जब अपराध के लिए अधिकतम सजा सात साल है और एक साल और नौ महीने तक आरोप भी तय नहीं हुए हैं। इस मामले में सौम्य चौरसिया का प्रतिनिधित्व करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ दवे ने कहा कि मामले में सभी सह-आरोपियों को जमानत दे दी गई है और इस बात की कोई निश्चितता नहीं है कि मामले में मुकदमा कब शुरू होगा।
पूर्व सीएम की उप सचिव और OSD भी थीं सौम्य सचिव
मंगलवार को, शीर्ष अदालत ने ईडी से कहा था कि वह छत्तीसगढ़ कैडर के सिविल सेवक सौम्य चौरसिया को अंतरिम जमानत देने के लिए इच्छुक है, जो पूर्व मुख्यमंत्री के कार्यालय में उप सचिव और विशेष कर्तव्य अधिकारी (ओएसडी) थे। वहीं पिछले साल 14 दिसंबर को, शीर्ष अदालत ने सौम्य चौरसिया की जमानत याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें कहा गया था कि वह प्रथम दृष्टया मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल थीं।
कोयला-लेवी घोटाले में 540 करोड़ की वसूली
इसने कहा था कि ईडी ने इस निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए पर्याप्त सबूत एकत्र किए हैं कि सौम्य चौरसिया धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धारा 3 में परिभाषित धन शोधन के अपराध में सक्रिय रूप से शामिल थीं। जांच एजेंसी ने 2022 में आरोप लगाया था कि प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध राज्य में कोयला-लेवी घोटाला करने के लिए एक बड़ी साजिश रची गई थी, जिसमें पिछले दो वर्षों में कुल 540 करोड़ रुपये की जबरन वसूली की गई थी।
धन शोधन का मामला आयकर विभाग की तरफ से दर्ज की गई शिकायत से उपजा है। ईडी की जांच एक बड़े घोटाले से संबंधित है जिसमें वरिष्ठ नौकरशाहों, व्यापारियों, राजनेताओं और बिचौलियों से जुड़े एक कार्टेल की तरफ से छत्तीसगढ़ में परिवहन किए गए प्रत्येक टन कोयले के लिए 25 रुपये की अवैध वसूली की जा रही थी।
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