{"_id":"68c40c037b66af007f015ae1","slug":"shiv-sena-ubt-strict-on-presidential-election-says-recognition-of-absent-parties-should-be-cancelled-2025-09-12","type":"story","status":"publish","title_hn":"Politics: 'अनुपस्थित रहने वाले दलों की रद्द हो मान्यता', राष्ट्रपति-उपराष्ट्रपति मतदान पर शिवसेना UBT की मांग","category":{"title":"India News","title_hn":"देश","slug":"india-news"}}
Politics: 'अनुपस्थित रहने वाले दलों की रद्द हो मान्यता', राष्ट्रपति-उपराष्ट्रपति मतदान पर शिवसेना UBT की मांग
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मुंबई
Published by: हिमांशु चंदेल
Updated Fri, 12 Sep 2025 05:33 PM IST
सार
शिवसेना (उद्धव) ने राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव में मतदान को अनिवार्य बनाने की मांग की है। पार्टी ने बीआरएस और बीजद जैसे दलों पर घोड़ाबाजार और दबाव में चुनाव से दूर रहने का आरोप लगाया। ‘सामना’ के संपादकीय में कहा गया कि ऐसे दलों की मान्यता रद्द होनी चाहिए। पार्टी ने नए उपराष्ट्रपति राधाकृष्णन से कानून बनाने की अपील की।
विज्ञापन
उद्धव ठाकरे, शिवसेना यूबीटी प्रमुख
- फोटो : ANI
विज्ञापन
विस्तार
शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) ने शुक्रवार को एक कड़ी मांग उठाते हुए कहा कि देश के राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव में मतदान सभी दलों के लिए अनिवार्य किया जाना चाहिए। पार्टी ने चेतावनी दी कि जो राजनीतिक दल बार-बार ‘घोड़ाबाजार’ में शामिल होते हैं या चुनाव में अनुपस्थित रहते हैं, उनकी मान्यता रद्द होनी चाहिए।
शिवसेना (उद्धव) ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में लिखा कि बीआरएस और बीजद जैसे दल केंद्रीय जांच एजेंसियों से डरकर उपराष्ट्रपति चुनाव से दूर रहे। पार्टी ने इसे असंवैधानिक करार दिया और कहा कि ऐसे बर्ताव से लोकतांत्रिक व्यवस्था कमजोर होती है।
उपराष्ट्रपति चुनाव का नतीजा
नौ सितंबर को हुए उपराष्ट्रपति चुनाव में एनडीए उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन ने विपक्ष के बी सुधर्शन रेड्डी को हराकर जीत हासिल की थी। इस चुनाव में कुल 15 मतदान अमान्य पाए गए थे। राधाकृष्णन को 452 और रेड्डी को 300 मत मिले।
ये भी पढ़ें- 'OBC कोटा पर अतिक्रमण बर्दाश्त नहीं...'; छगन भुजबल ने मराठा आरक्षण के जीआर को बताया दबाव का नतीजा
अकाली दल का बहिष्कार
मतदान में बीआरएस और बीजेडी ने भाग नहीं लिया था, जबकि राज्यसभा में बीआरएस के चार और बीजेडी के सात सांसद हैं। वहीं, अकाली दल के सांसदों ने बाढ़ के चलते मतदान में हिस्सा लेने से मना कर दिया था शिरोमणि अकाली दल ने इस चुनाव का बहिष्कार किया। उसने आरोप लगाया कि पंजाब के बाढ़ प्रभावित लोगों को न राज्य सरकार से मदद मिली, न केंद्र से और न ही कांग्रेस से। इसी वजह से वे मतदान से दूर रहे।
नई मांगें और सवाल
शिवसेना (उद्धव) ने कहा कि नए उपराष्ट्रपति राधाकृष्णन को तुरंत कानून बनाना चाहिए, जिससे राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति जैसे संवैधानिक पदों के चुनाव में घोड़ाबाजार पर रोक लगाई जा सके। पार्टी ने सवाल उठाया कि जब भाजपा के सहयोगी दल भी ‘घोड़ाबाजार’ की शिकायत करते हैं, तो चुनाव आयोग क्या कर रहा है।
ये भी पढ़ें- प्रधानमंत्री मोदी के मणिपुर दौरे को लेकर इंफाल में लगे पोस्टर और बैनर, 20 फीट ऊंचा स्वागत द्वार तैयार
विपक्षी दलों की भूमिका
संपादकीय में दावा किया गया कि विपक्षी इंडिया गठबंधन के केवल दो से पांच सांसदों ने ही कथित तौर पर धोखा किया। पार्टी ने यह भी आरोप लगाया कि क्रॉस-वोट करने वाले सांसदों के लिए विदेश यात्राओं की व्यवस्था की गई। इस तरह शिवसेना (उद्धव) ने साफ किया कि वह संवैधानिक पदों के चुनाव में पारदर्शिता और मजबूती की पक्षधर है।
Trending Videos
शिवसेना (उद्धव) ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में लिखा कि बीआरएस और बीजद जैसे दल केंद्रीय जांच एजेंसियों से डरकर उपराष्ट्रपति चुनाव से दूर रहे। पार्टी ने इसे असंवैधानिक करार दिया और कहा कि ऐसे बर्ताव से लोकतांत्रिक व्यवस्था कमजोर होती है।
विज्ञापन
विज्ञापन
उपराष्ट्रपति चुनाव का नतीजा
नौ सितंबर को हुए उपराष्ट्रपति चुनाव में एनडीए उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन ने विपक्ष के बी सुधर्शन रेड्डी को हराकर जीत हासिल की थी। इस चुनाव में कुल 15 मतदान अमान्य पाए गए थे। राधाकृष्णन को 452 और रेड्डी को 300 मत मिले।
ये भी पढ़ें- 'OBC कोटा पर अतिक्रमण बर्दाश्त नहीं...'; छगन भुजबल ने मराठा आरक्षण के जीआर को बताया दबाव का नतीजा
अकाली दल का बहिष्कार
मतदान में बीआरएस और बीजेडी ने भाग नहीं लिया था, जबकि राज्यसभा में बीआरएस के चार और बीजेडी के सात सांसद हैं। वहीं, अकाली दल के सांसदों ने बाढ़ के चलते मतदान में हिस्सा लेने से मना कर दिया था शिरोमणि अकाली दल ने इस चुनाव का बहिष्कार किया। उसने आरोप लगाया कि पंजाब के बाढ़ प्रभावित लोगों को न राज्य सरकार से मदद मिली, न केंद्र से और न ही कांग्रेस से। इसी वजह से वे मतदान से दूर रहे।
नई मांगें और सवाल
शिवसेना (उद्धव) ने कहा कि नए उपराष्ट्रपति राधाकृष्णन को तुरंत कानून बनाना चाहिए, जिससे राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति जैसे संवैधानिक पदों के चुनाव में घोड़ाबाजार पर रोक लगाई जा सके। पार्टी ने सवाल उठाया कि जब भाजपा के सहयोगी दल भी ‘घोड़ाबाजार’ की शिकायत करते हैं, तो चुनाव आयोग क्या कर रहा है।
ये भी पढ़ें- प्रधानमंत्री मोदी के मणिपुर दौरे को लेकर इंफाल में लगे पोस्टर और बैनर, 20 फीट ऊंचा स्वागत द्वार तैयार
विपक्षी दलों की भूमिका
संपादकीय में दावा किया गया कि विपक्षी इंडिया गठबंधन के केवल दो से पांच सांसदों ने ही कथित तौर पर धोखा किया। पार्टी ने यह भी आरोप लगाया कि क्रॉस-वोट करने वाले सांसदों के लिए विदेश यात्राओं की व्यवस्था की गई। इस तरह शिवसेना (उद्धव) ने साफ किया कि वह संवैधानिक पदों के चुनाव में पारदर्शिता और मजबूती की पक्षधर है।
विज्ञापन
रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News apps, iOS Hindi News apps और Amarujala Hindi News apps अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.
विज्ञापन
विज्ञापन