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Kerala: गर्भवती महिला पर हमला करने के आरोप में एसएचओ निलंबित; विपक्ष ने सरकार को घेरा, जानें क्या है मामला

न्यूज डेस्क, अमर उजाला Published by: अस्मिता त्रिपाठी Updated Fri, 19 Dec 2025 06:03 PM IST
सार

पिछले साल कोच्चि में एक गर्भवती महिला को कथित तौर पर थप्पड़ मारने के कारण थाना प्रभारी को निलंबित किया गया है। वहीं, विपक्ष ने इस मामले में सरकार को घेरा। 

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SHO suspended in Kerala for assaulting a pregnant woman opposition attacks government know the matter
केरल पुलिस - फोटो : ANI
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विस्तार
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पिछले साल कोच्चि में एक गर्भवती महिला को कथित तौर पर थप्पड़ मारने के कारण थाना प्रभारी अब निलंबित किया गया है। अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि अलाप्पुझा जिले के अरूर पुलिस स्टेशन के एसएचओ के रूप में कार्यरत प्रताप चंद्रन केजे को 20 जून, 2024 को हुई घटना की सीसीटीवी फुटेज गुरुवार को सामने आने के बाद यह फैसला लिया गया है।

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पुलिस के अनुसार निलंबन आदेश दक्षिण जोन के पुलिस महानिरीक्षक कार्यालय द्वारा राज्य पुलिस प्रमुख रावड़ा चंद्रशेखर के निर्देशों पर जारी किया गया था। कोच्चि की निवासी श्यामोल एनजे पर कथित तौर पर चंद्रन ने हमला किया था, जो उस समय एर्नाकुलम नॉर्थ पुलिस स्टेशन के एसएचओ थे। यह घटना तब हुई जब उनके पति बेंजो को एक मामले के सिलसिले में हिरासत में लिया गया था।

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पहले झड़प, फिर धक्का, बाद में चेहरे पर थप्पड़ मारा

सीसीटीवी फुटेज में चंद्रन को पुलिस स्टेशन में हुई झड़प के दौरान श्यामोल को धक्का देते और बाद में उसके चेहरे पर थप्पड़ मारते हुए दिखाया गया है। इसके साथ ही फुटेज में एक महिला पुलिस अधिकारी भी श्यामोल को थप्पड़ मारती हुई नजर आ रही है। वहीं शुक्रवार को पत्रकारों से बात करते हुए दंपति ने कहा कि वे तब तक अपनी कानूनी लड़ाई जारी रखेंगे जब तक कि अधिकारी को सेवा से बर्खास्त नहीं कर दिया जाता।


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अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग के लिए अदालत का रुख करेंगे दपंत्ति

श्यामोल ने कहा "अपने पति पर हमला होते देख मैंने पुलिस से गुहार लगाई। हमले को रोकने की कोशिश में मैंने पुलिस अधिकारी को छुआ था, इसके अलावा मैंने कुछ भी गलत नहीं किया। मैं अपने दो बच्चों के साथ पुलिस स्टेशन में थी।" वहीं, उन्होंने कहा कि उन्हें घटना से संबंधित और सीसीटीवी फुटेज प्राप्त हो गए हैं। आगे उन्होंने कहा, "हमारे पास जो सबूत हैं, उनके आधार पर हम अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए अदालत का रुख करेंगे।"
बाद में, श्यामोल ने एर्नाकुलम के अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में घटना की न्यायिक जांच की मांग करते हुए एक याचिका दायर की। उन्होंने चंद्रन को सेवा से बर्खास्त करने की भी मांग की। याचिका पर अगले महीने विचार किया जाएगा। इसी बीच, चंद्रन के खिलाफ मारपीट के आरोप लगाने के लिए और भी लोग सामने आए हैं।
 

आरोपी पर मार- पीट करने के अन्य मामले सामने आने लगे

कक्कनाड के रहने वाले रिनेश ने पत्रकारों को बताया कि अप्रैल 2023 में एर्नाकुलम नॉर्थ रेलवे ओवरब्रिज के नीचे बैठे हुए उन्हें लाठी से पीटा गया और उनके चेहरे पर घूंसे मारे गए। उन्होंने आरोप लगाया, "काम के सिलसिले में यात्रा करते समय मैं आरओबी के नीचे आराम कर रहा था, तभी एक अधिकारी ने बिना किसी कारण के मुझ पर हमला किया और मुझे पुलिस स्टेशन ले गया।"

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महिलाएं निडर होकर शिकायत दर्ज नहीं करा पा रही- केसी वेणुगोपाल

कांग्रेस ने इस मुद्दे को राजनीतिक रूप देने का फैसला किया है और पार्टी कार्यकर्ताओं ने चंद्रन की बर्खास्तगी की मांग करते हुए एर्नाकुलम नॉर्थ पुलिस स्टेशन तक विरोध मार्च निकाला। एआईसीसी के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने आरोप लगाया कि राज्य में पुलिस व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति के लिए मुख्यमंत्री जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा, “ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई है जहां महिलाएं निडर होकर शिकायत दर्ज कराने के लिए पुलिस स्टेशनों तक नहीं पहुंच सकतीं। एर्नाकुलम में एक गर्भवती महिला पर पुलिस अधिकारी ने हमला किया। ये दृश्य महिलाओं के प्रति पुलिस के रवैये को दर्शाते हैं।”

केरल विधानसभा में विपक्ष के नेता वी.डी. सतीशान ने कहा कि इस घटना ने मौजूदा सरकार के तहत पुलिस की ज्यादतियों के बार-बार होने वाले उदाहरणों को उजागर किया है। उन्होंने आरोप लगाया, "गर्भवती महिला पर हमले के संबंध में शिकायत मुख्यमंत्री को 2024 में मिली थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।" उन्होंने आगे कहा कि मुख्यमंत्री को जनता से माफी मांगनी चाहिए और इस बात की जांच करनी चाहिए कि क्या अधिकारी को बचाने का प्रयास किया गया था।

 

 

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