{"_id":"68ff1f216abe440c1c013e0a","slug":"supreme-court-says-not-inclined-to-initiate-contempt-against-lawyer-who-hurled-shoe-at-cji-2025-10-27","type":"story","status":"publish","title_hn":"SC: सीजेआई पर जूता उछालने वाले वकील के खिलाफ नहीं होगी अवमानना की कार्रवाई, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- मन नहीं है","category":{"title":"India News","title_hn":"देश","slug":"india-news"}}
SC: सीजेआई पर जूता उछालने वाले वकील के खिलाफ नहीं होगी अवमानना की कार्रवाई, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- मन नहीं है
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: नितिन गौतम
Updated Mon, 27 Oct 2025 12:58 PM IST
विज्ञापन
सार
सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) की याचिका पर सुनवाई के दौरान पीठ ने यह टिप्पणी की। सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने आरोपी वकील राकेश किशोर के खिलाफ अदालत की अवमानना की कार्रवाई करने की मांग करते हुए याचिका दायर की थी।
सुप्रीम कोर्ट
- फोटो : एएनआई
विज्ञापन
विस्तार
सुप्रीम कोर्ट की एक पीठ ने सोमवार को कहा कि वे मुख्य न्यायाधीश जस्टिस बीआर गवई पर जूता उछालने की कोशिश करने वाले वकील के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई करने के इच्छुक नहीं हैं। पीठ ने कहा कि मुख्य न्यायाधीश खुद ही आरोपी वकील के खिलाफ कार्रवाई करने से इनकार कर चुके हैं। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की पीठ ने कहा कि 'अदालत में नारेबाजी करने और जूता उछालना यकीनन अदालत की अवमानना है, लेकिन ये संबंधित न्यायाधीश पर निर्भर करता है कि वे कानून के तहत कार्रवाई करते हैं या नहीं।'
सुप्रीम कोर्ट ने कहा- वे इस मामले को बेवजह तूल नहीं देना चाहते
पीठ ने कहा कि 'अवमानना का नोटिस जारी करने से उस वकील को चर्चा ही मिलेगी, जिसने मुख्य न्यायाधीश की तरफ जूता उछाला। इससे घटना को बेवजह का तूल मिलेगा।' पीठ ने कहा कि इस घटना को अपने आप ही खत्म होने देना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) की याचिका पर सुनवाई के दौरान पीठ ने यह टिप्पणी की। सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने आरोपी वकील राकेश किशोर के खिलाफ अदालत की अवमानना की कार्रवाई करने की मांग करते हुए याचिका दायर की थी।
भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए दिशा-निर्देश जारी करेगा सुप्रीम कोर्ट
सर्वोच्च अदालत ने सुनवाई के दौरान कहा कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों, इसके लिए अदालत दिशा-निर्देश जारी करेगी। पीठ ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से विभिन्न अदालतों में जूता उछालने की घटनाओं का की जानकारी देने को कहा है। इससे पहले 16 अक्तूबर को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बोलने और अभिव्यक्ति की आजादी, दूसरों की गरिमा और सत्यनिष्ठा की कीमत पर नहीं दी जा सकतीं। पीठ ने बेलगाम सोशल मीडिया के खतरे को लेकर भी आगाह किया और कहा कि इस तरह की घटनाएं पैसा कमाने के धंधे से ज्यादा कुछ नहीं हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने मुख्य न्यायाधीश जस्टिस बीआर गवई पर जूता उछालने वाली घटना को लेकर सोशल मीडिया पर पोस्ट करने और घटना का महिमामंडन करने के संबंध में भी विचार करने के बाद दिशा-निर्देश जारी करने की बात कही है।
ये भी पढ़ें- SC: सुप्रीम कोर्ट से फिर नहीं मिली उमर खालिद-शरजील इमाम समेत चार को राहत, जमानत याचिकाओं पर सुनवाई टली
बार काउंसिल ने आरोपी वकील का लाइसेंस रद्द किया
मुख्य न्यायाधीश जस्टिस बीआर गवई पर जूता उछालने की घटना 6 अक्तूबर को हुई थी। यह घटना उस वक्त हुई, जब सीजेआई एक मामले पर सुनवाई कर रहे थे। सीजेआई की एक टिप्पणी से नाराज होकर कथित तौर पर आरोपी वकील ने इस घटना को अंजाम देने की बात कही। घटना के बाद सीजेआई ने आरोपी के खिलाफ कार्रवाई करने से इनकार कर दिया, लेकिन बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने आरोपी वकील का लाइसेंस रद्द कर दिया। इस मामले की पूरे देश में चर्चा हुई और प्रधानमंत्री मोदी ने इस घटना की कड़ी निंदा की और मुख्य न्यायाधीश से इस मुद्दे पर बात भी की थी।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा- वे इस मामले को बेवजह तूल नहीं देना चाहते
पीठ ने कहा कि 'अवमानना का नोटिस जारी करने से उस वकील को चर्चा ही मिलेगी, जिसने मुख्य न्यायाधीश की तरफ जूता उछाला। इससे घटना को बेवजह का तूल मिलेगा।' पीठ ने कहा कि इस घटना को अपने आप ही खत्म होने देना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) की याचिका पर सुनवाई के दौरान पीठ ने यह टिप्पणी की। सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने आरोपी वकील राकेश किशोर के खिलाफ अदालत की अवमानना की कार्रवाई करने की मांग करते हुए याचिका दायर की थी।
विज्ञापन
विज्ञापन
भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए दिशा-निर्देश जारी करेगा सुप्रीम कोर्ट
सर्वोच्च अदालत ने सुनवाई के दौरान कहा कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों, इसके लिए अदालत दिशा-निर्देश जारी करेगी। पीठ ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से विभिन्न अदालतों में जूता उछालने की घटनाओं का की जानकारी देने को कहा है। इससे पहले 16 अक्तूबर को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बोलने और अभिव्यक्ति की आजादी, दूसरों की गरिमा और सत्यनिष्ठा की कीमत पर नहीं दी जा सकतीं। पीठ ने बेलगाम सोशल मीडिया के खतरे को लेकर भी आगाह किया और कहा कि इस तरह की घटनाएं पैसा कमाने के धंधे से ज्यादा कुछ नहीं हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने मुख्य न्यायाधीश जस्टिस बीआर गवई पर जूता उछालने वाली घटना को लेकर सोशल मीडिया पर पोस्ट करने और घटना का महिमामंडन करने के संबंध में भी विचार करने के बाद दिशा-निर्देश जारी करने की बात कही है।
ये भी पढ़ें- SC: सुप्रीम कोर्ट से फिर नहीं मिली उमर खालिद-शरजील इमाम समेत चार को राहत, जमानत याचिकाओं पर सुनवाई टली
बार काउंसिल ने आरोपी वकील का लाइसेंस रद्द किया
मुख्य न्यायाधीश जस्टिस बीआर गवई पर जूता उछालने की घटना 6 अक्तूबर को हुई थी। यह घटना उस वक्त हुई, जब सीजेआई एक मामले पर सुनवाई कर रहे थे। सीजेआई की एक टिप्पणी से नाराज होकर कथित तौर पर आरोपी वकील ने इस घटना को अंजाम देने की बात कही। घटना के बाद सीजेआई ने आरोपी के खिलाफ कार्रवाई करने से इनकार कर दिया, लेकिन बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने आरोपी वकील का लाइसेंस रद्द कर दिया। इस मामले की पूरे देश में चर्चा हुई और प्रधानमंत्री मोदी ने इस घटना की कड़ी निंदा की और मुख्य न्यायाधीश से इस मुद्दे पर बात भी की थी।
विज्ञापन
रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News apps, iOS Hindi News apps और Amarujala Hindi News apps अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.
विज्ञापन
विज्ञापन