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SC: 'सक्षम और दिव्यांग उम्मीदवार से अलग UPSC परीक्षा नहीं ले सकते', पूजा खेडकर केस में कोर्ट की टिप्पणी
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: नितिन गौतम
Updated Tue, 18 Mar 2025 02:52 PM IST
सार
पूजा खेडकर के वकील ने दिल्ली सरकार के हलफनामे का जवाब देने के लिए कुछ समय देने की मांग की थी, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने 15 अप्रैल की तारीख तय की। साथ ही अदालत ने 15 अप्रैल तक ही पूजा खेडकर को गिरफ्तारी से राहत दे दी।
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सुप्रीम कोर्ट
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व आईएएस प्रोबेशनर अधिकारी पूजा खेडकर मामले में कहा कि सक्षम और दिव्यांग उम्मीदवारों के लिए अलग-अलग परीक्षा नहीं ली जा सकती। पूजा खेडकर पर फर्जी तरीके से सिविल सेवा परीक्षा में दिव्यांग और ओबीसी कोटे का फायदा लेने और धोखाधड़ी करने का आरोप है। जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने पूजा खेडकर की याचिका पर अगली सुनवाई के लिए 15 अप्रैल की तारीख तय की है।
सुप्रीम कोर्ट ने गिरफ्तारी से 15 अप्रैल तक दी राहत
पूजा खेडकर के वकील ने दिल्ली सरकार के हलफनामे का जवाब देने के लिए कुछ समय देने की मांग की थी, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने 15 अप्रैल की तारीख तय की। साथ ही अदालत ने 15 अप्रैल तक ही पूजा खेडकर को गिरफ्तारी से राहत दे दी। दिल्ली सरकार की तरफ से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने पूजा खेडकर को राहत देने का विरोध किया और कहा कि उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ करने की जरूरत है ताकि उस मध्यस्थ के बारे में पता चल सके, जिसकी मदद से उन्होंने फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र बनवाया। एडिश्नल सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि दिव्यांग प्रमाण पत्र की वजह से पूजा खेडकर को सिविल सेवा परीक्षा देने का अतिरिक्त मौका मिला।
ये भी पढ़ें- SC: लोकपाल, हाईकोर्ट जज के खिलाफ सुनवाई कर सकते हैं या नहीं? सुप्रीम कोर्ट 15 अप्रैल को करेगा सुनवाई
पूजा खेडकर की तरफ से वरिष्ठ वकील बीना माधवन अदालत में पेश हुईं। उन्होंने कहा कि हम जांच एजेंसी के साथ पूछताछ में सहयोग के लिए तैयार हैं। पूजा खेडकर पर गलत जानकारी देकर आरक्षण का फायदा लेने का आरोप है। हालांकि पूजा खेडकर ने अपने ऊपर लगे आरोपों को गलत बताया है।
पूजा खेडकर पर हैं ये आरोप
पूजा खेडकर पर आरोप है कि उन्होंने ट्रेनिंग पीरियड के दौरान सरकारी आवास, स्टाफ, गाड़ी और दफ्तर में अलग केबिन की मांग की। अपनी निजी ऑडी कार पर लाल-नीली बत्ती और महाराष्ट्र सरकार का लोगो लगाया। उन्होंने चोरी के आरोप में गिरफ्तार एक ट्रांसपोर्टर को छोड़ने के लिए डीसीपी रैंक के अधिकारी पर दबाव बनाया। उन्होंने आईएएस बनने के लिए झूठे दस्तावेज का इस्तेमाल करते हुए यूपीएससी के फार्म में खुद को ओबीसी नॉन क्रीमी लेयर बताया। पूजा ने दिव्यांगता श्रेणी के तहत यूपीएससी का आवेदन पत्र भरा था। दावा किया गया कि वह 40 फीसदी दृष्टिबाधित हैं और किसी मानसिक बीमारी से जूझ रही हैं। हालांकि मेडिकल के दौरान वह हर बार नहीं पहुंची। एमबीबीएस कॉलेज में दाखिले के समय भी दस्तावेजों की हेर-फेर के आरोप पूजा पर हैं।
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पूजा खेडकर के वकील ने दिल्ली सरकार के हलफनामे का जवाब देने के लिए कुछ समय देने की मांग की थी, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने 15 अप्रैल की तारीख तय की। साथ ही अदालत ने 15 अप्रैल तक ही पूजा खेडकर को गिरफ्तारी से राहत दे दी। दिल्ली सरकार की तरफ से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने पूजा खेडकर को राहत देने का विरोध किया और कहा कि उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ करने की जरूरत है ताकि उस मध्यस्थ के बारे में पता चल सके, जिसकी मदद से उन्होंने फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र बनवाया। एडिश्नल सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि दिव्यांग प्रमाण पत्र की वजह से पूजा खेडकर को सिविल सेवा परीक्षा देने का अतिरिक्त मौका मिला।
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पूजा खेडकर की तरफ से वरिष्ठ वकील बीना माधवन अदालत में पेश हुईं। उन्होंने कहा कि हम जांच एजेंसी के साथ पूछताछ में सहयोग के लिए तैयार हैं। पूजा खेडकर पर गलत जानकारी देकर आरक्षण का फायदा लेने का आरोप है। हालांकि पूजा खेडकर ने अपने ऊपर लगे आरोपों को गलत बताया है।
पूजा खेडकर पर हैं ये आरोप
पूजा खेडकर पर आरोप है कि उन्होंने ट्रेनिंग पीरियड के दौरान सरकारी आवास, स्टाफ, गाड़ी और दफ्तर में अलग केबिन की मांग की। अपनी निजी ऑडी कार पर लाल-नीली बत्ती और महाराष्ट्र सरकार का लोगो लगाया। उन्होंने चोरी के आरोप में गिरफ्तार एक ट्रांसपोर्टर को छोड़ने के लिए डीसीपी रैंक के अधिकारी पर दबाव बनाया। उन्होंने आईएएस बनने के लिए झूठे दस्तावेज का इस्तेमाल करते हुए यूपीएससी के फार्म में खुद को ओबीसी नॉन क्रीमी लेयर बताया। पूजा ने दिव्यांगता श्रेणी के तहत यूपीएससी का आवेदन पत्र भरा था। दावा किया गया कि वह 40 फीसदी दृष्टिबाधित हैं और किसी मानसिक बीमारी से जूझ रही हैं। हालांकि मेडिकल के दौरान वह हर बार नहीं पहुंची। एमबीबीएस कॉलेज में दाखिले के समय भी दस्तावेजों की हेर-फेर के आरोप पूजा पर हैं।
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