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Telecom: BSNL के बाद अब MTNL पर फोकस की तैयारी, राज्यमंत्री ने दिया अपडेट; सरकार उठाने जा रही ये बड़े कदम
डिजिटल ब्यूरो, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: राहुल कुमार
Updated Sat, 14 Jun 2025 10:19 PM IST
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सार
एमटीएनएल पर अभी के समय 33,500 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज है। इसमें बैंक लोन, सॉवरेन गारंटीड बॉन्ड और टेलीकॉम डिपार्टमेंट से उधारी शामिल है। इसमें से लगभग 8,300 करोड़ रुपये पब्लिक सेक्टर बैंक को चुकाने हैं।

महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड
- फोटो : सोशल
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विस्तार
महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड की हालत खस्त चल रही है। लगातार कंपनी पर कर्ज का बोझ बढ़ता जा रहा है। इसे लेकर संचार राज्य मंत्री डॉ. चन्द्रशेखर पम्मसानी का कहना है कि,सरकार टेलीकॉम कंपनी एमटीएनएल को फिर से मजबूत करने के प्रयास कर रही है। अधिकारियों की एक समिति समस्याओं को पहचान कर समाधान करने में जुटी हुई है।

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दरअसल,एमटीएनएल पर अभी के समय 33,500 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज है। इसमें बैंक लोन, सॉवरेन गारंटीड बॉन्ड और टेलीकॉम डिपार्टमेंट से उधारी शामिल है। इसमें से लगभग 8,300 करोड़ रुपये पब्लिक सेक्टर बैंक को चुकाने हैं। जिसमें से ज्यादातर बैंकों ने डिफॉल्टर की कैटेगरी में डाल दिया है। इनमें इंडियन ओवरसीज बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, पंजाब नेशनल बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, यूको बैंक और पंजाब एंड सिंध बैंक जैसे लिस्टेड बैंक शामिल हैं।
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राज्यमंत्री का कहना है कि,वित्तीय दबाव को कम करने के लिए गैर व्यावसायिक संपत्ति को बेचने पर फोकस किया जा रहा है। सरकार ने इसके लिए दो साल की समय सीमा को भी घटाकर सिर्फ 6 से 8 महीने कर दिया है। साथ ही जो संपत्ति 100 करोड़ रुपये से ज्यादा के हैं उनके लिए नेशनल लैंड मॉनिटाइजेशन कॉर्पोरेशन की मदद ली जा रही है। केंद्रीय संचार मंत्री सिंधिया और मैं एसेट्स मोनेटाइजेशन के प्रोसेस को बारीकी से निगरानी कर रहे है।
लगातार गिर रहे है कंपनी के शेयर
सरकारी कंपनी एमटीएनएल पर गहराते संकट से शेयरधारकों के साथ साथ कर्मचारियों पर भी बहुत बड़ा असर दिखाई दे रहा है। रिटेल इन्वेस्टर्स ने मार्केट में अनिश्चितता के बीच इक्विटी वैल्यू में कमी देखी है। कर्मचारी बकाया राशि के लिए लंबा इंतजार कर रहे हैं। एमटीएनएल के पास मौजूद कैश फ्लो से मुश्किल ही लायबिलिटी को पूरा किया जा सकेगा। साथ ही कंपनी के शेयर की हालत भी ठीक नहीं है। हालांकि सरकार की दूसरी टेलीकॉम पीएसयू बीएसएनएल मजबूत स्थिति में है। सूत्रों का कहना है कि विभाग दोनों के बीच तालमेल बनाएगा। साथ ही बाजार को स्टेबल बनाए रखना और शेयरहोल्डर्स का ध्यान रखा जाएगा।