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Maharashtra: हत्यारोपी बेटे को ठाणे की अदालत से राहत, 'मां' को मौत की नींद सुलाने के मामले में जज ने बरी किया

न्यूज डेस्क, अमर उजाला Published by: अस्मिता त्रिपाठी Updated Tue, 23 Dec 2025 01:01 PM IST
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सार

महाराष्ट्र के ठाणे में एक अदालत ने 24 वर्षीय एक व्यक्ति को अपनी सौतेली मां की हत्या के आरोपी में बरी कर दिया है। आरोपी के खिलाफ अभियोजन पक्ष ने साक्ष्यों देने में असफल रहा है।

Thane court acquits son of murderer who allegedly killed his mother
सांकेतिक तस्वीर - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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महाराष्ट्र के ठाणे जिले की एक अदालत ने 24 वर्षीय एक व्यक्ति को अपनी सौतेली मां की हत्या के आरोपी में बरी कर दिया है। दरअसल ,अभियोजन पक्ष ने साक्ष्यों देने में असफल रहा है। प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश एस.बी. अग्रवाल ने शाहनवाज यूनुस अंसारी को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत लगाए गए आरोपों से निर्दोष पाया। 

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पांच साल पहले किया था सौतेली मां का हत्या - अभियोजन पक्ष
अभियोजन पक्ष के अनुसार अंसारी ने कथित तौर पर 28 और 29 मई, 2020 की दरमियानी रात को साकेत-कलवा पुल के पास अपनी सौतेली मां, रेशमा खातून मोहम्मद यूनुस अंसारी की हत्या कर दी थी।इसमें तर्क दिया गया कि पीड़िता द्वारा अंसारी और उसके भाई-बहनों को परेशान करना और 90,000 रुपये का कर्ज चुकाने में उसकी विफलता ही अपराध का मकसद था। न्यायाधीश अग्रवाल ने अभियोजन पक्ष के बयान में मौजूद महत्वपूर्ण कमियों और विरोधाभासों को उजागर करते हुए पीड़ित के भाई की गवाही को अविश्वसनीय करार दिया।

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अदालत ने सीसीटीवी फुटेज के सबूतों को भी खारिज कर दिया, यह देखते हुए कि प्रमाण पत्र जारी करने वाले तकनीशियन ने केवल पुलिस द्वारा तैयार किए गए दस्तावेज पर हस्ताक्षर करने की बात स्वीकार की थी। इसमें आगे यह भी कहा गया कि पंच गवाहों ने अस्पष्ट बयान दिए या बरामदगी स्थल के बजाय पुलिस स्टेशन में कागजात पर हस्ताक्षर करने की बात स्वीकार की। अभियोजन पक्ष परिस्थितिजन्य साक्ष्यों के आधार पर दोषसिद्धि के लिए कानूनी मानक को पूरा नहीं कर सका, यह निष्कर्ष निकाला गया।

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