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Operation Sindoor: 'कोई भी सेना इतनी जल्दी झुकती नहीं, 88 घंटे में दिखा सेना का शौर्य', CISC का बड़ा बयान
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: पवन पांडेय
Updated Sat, 28 Jun 2025 10:52 PM IST
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सार
Operation Sindoor: चीफ ऑफ इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ (सीआईएससी) एयर मार्शल आशुतोष दीक्षित ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान दुश्मन को जबरदस्त क्षति पहुंचाई गई। संघर्ष के वे 88 घंटे इसके बारे में बहुत कुछ बताते हैं, क्योंकि कोई भी स्वाभिमानी देश या सशस्त्र बल इतने कम समय में आत्मसमर्पण नहीं करेगा।

एयर मार्शल आशुतोष दीक्षित, सीआईएससी के प्रमुख
- फोटो : ANI
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विस्तार
भारत के प्रमुख सैन्य अधिकारी और चीफ ऑफ इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ (सीआईएससी) एयर मार्शल अशुतोष दीक्षित ने शनिवार को कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के 88 घंटों में भारत ने दुश्मन को जबरदस्त नुकसान पहुंचाया और ये इतना बड़ा असर था कि कोई भी आत्मसम्मानी देश या सेना इतनी जल्दी झुकती नहीं। एक कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने बताया कि भारतीय सेना का आधुनिकीकरण सही दिशा में आगे बढ़ रहा है और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हाल ही में भारत के महत्वाकांक्षी पांचवीं पीढ़ी का स्टील्थ लड़ाकू विमान- एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एएमसीए) के लिए 'एग्जीक्यूशन मॉडल' को मंजूरी दे दी है।
'चीन-पाकिस्तान की चाल पर हमारी नजर'
वहीं एयर मार्शल आशुतोष दीक्षित ने चीन की ओर से पाकिस्तान को पांचवीं पीढ़ी के जे-35 स्टील्थ जेट की आपूर्ति की खबरों पर उन्होंने कहा, हमें इस खबर की जानकारी है और हम इस पर बारीकी से नजर रख रहे हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारतीय सेना को पाकिस्तानी सेना की तरफ से विकसित की जा रही क्षमताओं के खिलाफ रक्षा और आक्रमण का निर्माण करना होगा।
यह भी पढ़ें - Shubhanshu on India from Space: अंतरिक्ष से जब पहली बार भारत को देखा.. बहुत भव्य दिखता है, हम सब मानवता के अंश
ऑपरेशन सिंदूर- आतंक के जवाब में करारा प्रहार
एयर मार्शल आशुतोष दीक्षित ने बताया कि 7 मई को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद शुरू हुए ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान और पीओके में स्थित कई आतंकी ढांचों पर सटीक हमले किए गए। इसके जवाब में पाकिस्तानी सेना ने भारतीय सैन्य ठिकानों और नागरिक क्षेत्रों को निशाना बनाया, लेकिन भारत ने तुरंत पलटवार करते हुए उनके प्रमुख एयरबेस — नूर खान और रहीम यार खान सहित कई ठिकानों को नुकसान पहुंचाया।
सिर्फ 88 घंटे में झुक गया पाकिस्तान
एयर मार्शल ने कहा, 'केवल 88 घंटे चले इस सैन्य अभियान से ही पता चलता है कि पाकिस्तान को कितना भारी नुकसान हुआ होगा। कोई भी आत्मगौरव रखने वाला देश इतनी जल्दी पीछे नहीं हटता।' उन्होंने यह भी बताया कि भारत ने यह जानकारी सैटेलाइट इमेजरी, खुद की निगरानी व्यवस्था और ओपन सोर्स डेटा के माध्यम से पुख्ता की है।
ऑपरेशन की सफलता का राज: समन्वय और तैयारी
उन्होंने बताया कि 1999 के कारगिल युद्ध के बाद से ही भारतीय सेना ने तीनों सेनाओं (थल, वायु, नौसेना) के बीच संयुक्तता और समन्वय पर काम शुरू किया था। हेडक्वार्टर इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ (एचक्यू आईडीएस) का गठन इसी उद्देश्य से किया गया था और ऑपरेशन सिंदूर इसी तैयारी का परिणाम है। उन्होंने कहा 'टारगेट का चयन, खुफिया जानकारी, संयुक्त योजना और तालमेल — सबकुछ बहुत प्रभावी तरीके से हुआ'।
यह भी पढ़ें - CISF: अब 69 हवाई अड्डों पर खतरे से निपटना होगा और आसान, सीएसआईएफ को अलर्ट करेगा नया डिजिटल सुरक्षा मॉडल
ड्रोन, स्वदेशी रक्षा प्रणाली और भविष्य की रणनीति
उन्होंने बताया कि इस अभियान में ड्रोन का प्रयोग जरूर हुआ, लेकिन यह सिर्फ एक नया साधन है। पारंपरिक हथियारों की जगह ये पूरी तरह नहीं ले सकता। ड्रोन को जरूरत के अनुसार ही उपयोग में लाया जाएगा। उन्होंने कहा, 'हमने किसी से ये मॉडल नहीं उधार लिया है, बल्कि यह पूरी तरह स्वदेशी और अत्यंत प्रभावी है।'
'हमारी नई ताकत और सीमा रेखाएं तय हो गई हैं'
एयर मार्शल ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत की सैन्य सोच में बड़ा बदलाव आया है। उन्होंने कहा, 'अब हमारा प्रतिक्रिया देने का स्तर बदल गया है। हम अपनी ताकत और क्षमता को अपनी शर्तों पर इस्तेमाल करेंगे।' उन्होंने यह भी बताया कि भारतीय सेना का डिटरेंस लेवल यानी दुश्मन को डराने की ताकत अब बहुत ऊंचे स्तर पर पहुंच चुकी है।
AMCA और LCA Mk-2 पर अपडेट
उन्होंने बताया कि AMCA प्रोजेक्ट अब आगे बढ़ रहा है और जल्द ही भारत का खुद का पांचवी पीढ़ी स्टील्थ लड़ाकू विमान तैयार किया जाएगा। जहां तक LCA Mk-2 का सवाल है, उन्होंने कहा कि यह एक शानदार विमान है, और इसमें देरी प्रक्रिया का हिस्सा होती है।

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वहीं एयर मार्शल आशुतोष दीक्षित ने चीन की ओर से पाकिस्तान को पांचवीं पीढ़ी के जे-35 स्टील्थ जेट की आपूर्ति की खबरों पर उन्होंने कहा, हमें इस खबर की जानकारी है और हम इस पर बारीकी से नजर रख रहे हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारतीय सेना को पाकिस्तानी सेना की तरफ से विकसित की जा रही क्षमताओं के खिलाफ रक्षा और आक्रमण का निर्माण करना होगा।
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ऑपरेशन सिंदूर- आतंक के जवाब में करारा प्रहार
एयर मार्शल आशुतोष दीक्षित ने बताया कि 7 मई को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद शुरू हुए ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान और पीओके में स्थित कई आतंकी ढांचों पर सटीक हमले किए गए। इसके जवाब में पाकिस्तानी सेना ने भारतीय सैन्य ठिकानों और नागरिक क्षेत्रों को निशाना बनाया, लेकिन भारत ने तुरंत पलटवार करते हुए उनके प्रमुख एयरबेस — नूर खान और रहीम यार खान सहित कई ठिकानों को नुकसान पहुंचाया।
सिर्फ 88 घंटे में झुक गया पाकिस्तान
एयर मार्शल ने कहा, 'केवल 88 घंटे चले इस सैन्य अभियान से ही पता चलता है कि पाकिस्तान को कितना भारी नुकसान हुआ होगा। कोई भी आत्मगौरव रखने वाला देश इतनी जल्दी पीछे नहीं हटता।' उन्होंने यह भी बताया कि भारत ने यह जानकारी सैटेलाइट इमेजरी, खुद की निगरानी व्यवस्था और ओपन सोर्स डेटा के माध्यम से पुख्ता की है।
ऑपरेशन की सफलता का राज: समन्वय और तैयारी
उन्होंने बताया कि 1999 के कारगिल युद्ध के बाद से ही भारतीय सेना ने तीनों सेनाओं (थल, वायु, नौसेना) के बीच संयुक्तता और समन्वय पर काम शुरू किया था। हेडक्वार्टर इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ (एचक्यू आईडीएस) का गठन इसी उद्देश्य से किया गया था और ऑपरेशन सिंदूर इसी तैयारी का परिणाम है। उन्होंने कहा 'टारगेट का चयन, खुफिया जानकारी, संयुक्त योजना और तालमेल — सबकुछ बहुत प्रभावी तरीके से हुआ'।
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ड्रोन, स्वदेशी रक्षा प्रणाली और भविष्य की रणनीति
उन्होंने बताया कि इस अभियान में ड्रोन का प्रयोग जरूर हुआ, लेकिन यह सिर्फ एक नया साधन है। पारंपरिक हथियारों की जगह ये पूरी तरह नहीं ले सकता। ड्रोन को जरूरत के अनुसार ही उपयोग में लाया जाएगा। उन्होंने कहा, 'हमने किसी से ये मॉडल नहीं उधार लिया है, बल्कि यह पूरी तरह स्वदेशी और अत्यंत प्रभावी है।'
'हमारी नई ताकत और सीमा रेखाएं तय हो गई हैं'
एयर मार्शल ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत की सैन्य सोच में बड़ा बदलाव आया है। उन्होंने कहा, 'अब हमारा प्रतिक्रिया देने का स्तर बदल गया है। हम अपनी ताकत और क्षमता को अपनी शर्तों पर इस्तेमाल करेंगे।' उन्होंने यह भी बताया कि भारतीय सेना का डिटरेंस लेवल यानी दुश्मन को डराने की ताकत अब बहुत ऊंचे स्तर पर पहुंच चुकी है।
AMCA और LCA Mk-2 पर अपडेट
उन्होंने बताया कि AMCA प्रोजेक्ट अब आगे बढ़ रहा है और जल्द ही भारत का खुद का पांचवी पीढ़ी स्टील्थ लड़ाकू विमान तैयार किया जाएगा। जहां तक LCA Mk-2 का सवाल है, उन्होंने कहा कि यह एक शानदार विमान है, और इसमें देरी प्रक्रिया का हिस्सा होती है।