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Delhi HC: मीरवाइज की अवामी एक्शन कमेटी सहित दो संगठनों पर जारी रहेगा प्रतिबंध, दो न्यायाधिकरणों ने दिया फैसला
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली।
Published by: निर्मल कांत
Updated Fri, 19 Sep 2025 02:51 PM IST
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सार
Delhi HC: दिल्ली हाईकोर्ट के दो अधिकरणों ने मीरवाइज उमर फारूक और मसरूर अब्बास अंसारी के संगठनों पर लगे प्रतिबंध को बरकरार रखा है। अदालत ने पेश किए गए सबूतों के आधार पर दोनों संगठनों को यूएपीए के तहत गैरकानूनी घोषित करने के केंद्र सरकार के फैसले को उचित माना। गृह मंत्रालय के मुताबिक, ये संगठन देशविरोधी गतिविधियों और आतंकी फंडिंग में शामिल रहे हैं।

सांकेतिक तस्वीर
- फोटो : एएनआई (फाइल)
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विस्तार
दिल्ली हाईकोर्ट के दो अलग-अलग अधिकरणों (ट्रिब्यूनल) ने केंद्र सरकार की ओर जम्मू-कश्मीर के दो संगठनों पर लगाए गए प्रतिबंध को बरकरार रखा है। इन दोनों अधिकरणों की अध्यक्षता एक ही जज जस्टिस सचिन दत्ता ने की। उन्होंने कहा कि उनके सामने पेश किए गए दस्तावेजों और सबूतों से स्पष्ट है कि इन दोनों संगठनों को यूएपीए, 1968 के तहत गैरकानूनी घोषित करने का पूरा आधार मौजूद है।
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अधिकरणों ने अपने आदेश में क्या कहा?
दोनों अधिकरणों ने समान आदेश में कहा, इस अधिकरण ने गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) और उसके नियमों के तहत तय प्रक्रिया का पालन करते हुए सामने रखे गए दस्तावेजों और सूबतों का स्वतंत्र व निष्पक्ष मूल्यांकन किया है और यह स्पष्ट रूप से माना है कि इन संगठनों को यूएपीए की धारा 3 (1) के तहत गैरकानूनी संगठन घोषित करने का पर्याप्त कारण है।
गृह मंत्रालय ने संगठनों को बताया था देश के लिए खतरा
केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) ने 11 मार्च को कश्मीर के अलगाववादी नेता मीरवाइज उमर फारूक के संगठन 'अवामी एक्शन कमेटी' (एएसी) और शिया नेता मसरूर अब्बास अंसारी के संगठन 'जम्मू-कश्मीर इत्तेहादुल मुस्लिमीन' (जेकेआईएम) को प्रतिबंधित कियाथा। उस समय मंत्रालय ने कहाथा कि एएसी और जेकेआईएम ऐसी गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल हैं, जो देश की अखंडता, संप्रभुता और सुरक्षा के लिए खतरा हैं।
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गृह मंत्रालय ने यह भी कहा था कि इन दोनों संगठनों के नेता और सदस्य गैरकानूनी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए धन जुटाने, अलगाववादी और आतंकवादी गतिविधियों को समर्थन देने जैसे कामों में शामिल रहे हैं, खासकर जम्मू-कश्मीर में।

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अधिकरणों ने अपने आदेश में क्या कहा?
दोनों अधिकरणों ने समान आदेश में कहा, इस अधिकरण ने गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) और उसके नियमों के तहत तय प्रक्रिया का पालन करते हुए सामने रखे गए दस्तावेजों और सूबतों का स्वतंत्र व निष्पक्ष मूल्यांकन किया है और यह स्पष्ट रूप से माना है कि इन संगठनों को यूएपीए की धारा 3 (1) के तहत गैरकानूनी संगठन घोषित करने का पर्याप्त कारण है।
गृह मंत्रालय ने संगठनों को बताया था देश के लिए खतरा
केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) ने 11 मार्च को कश्मीर के अलगाववादी नेता मीरवाइज उमर फारूक के संगठन 'अवामी एक्शन कमेटी' (एएसी) और शिया नेता मसरूर अब्बास अंसारी के संगठन 'जम्मू-कश्मीर इत्तेहादुल मुस्लिमीन' (जेकेआईएम) को प्रतिबंधित कियाथा। उस समय मंत्रालय ने कहाथा कि एएसी और जेकेआईएम ऐसी गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल हैं, जो देश की अखंडता, संप्रभुता और सुरक्षा के लिए खतरा हैं।
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गृह मंत्रालय ने यह भी कहा था कि इन दोनों संगठनों के नेता और सदस्य गैरकानूनी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए धन जुटाने, अलगाववादी और आतंकवादी गतिविधियों को समर्थन देने जैसे कामों में शामिल रहे हैं, खासकर जम्मू-कश्मीर में।