{"_id":"69040f0155bb554e9a07b384","slug":"trump-xi-meeting-india-must-recalibrate-strategy-amid-changing-global-equations-and-g2-dynamics-2025-10-31","type":"story","status":"publish","title_hn":"Trump-Xi Meeting: ट्रंप-शी मुलाकात के बाद भारत के सामने नई चुनौती, बदलते समीकरणों में रणनीति साधने की जरूरत","category":{"title":"India News","title_hn":"देश","slug":"india-news"}}
    Trump-Xi Meeting: ट्रंप-शी मुलाकात के बाद भारत के सामने नई चुनौती, बदलते समीकरणों में रणनीति साधने की जरूरत
 
            	    अमर उजाला ब्यूरो, नई दिल्ली             
                              Published by: शिवम गर्ग       
                        
       Updated Fri, 31 Oct 2025 06:52 AM IST
        
       
            सार 
            
            
        
                                    
                अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात के बाद वैश्विक समीकरण तेजी से बदल रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि भारत को प्रतिस्पर्धा और सहयोग के बीच संतुलन साधते हुए अपनी विदेश नीति और आर्थिक रणनीति पर नए सिरे से विचार करना होगा।
    विज्ञापन
    
        
    
     
      
             
                            
                        चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, पीएम नरेंद्र मोदी, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप।
                                    - फोटो : ANI 
                    
    
        
    
विज्ञापन
 
विस्तार
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच बुसान में दो घंटे तक चली अपनी बैठक को अद्भुत बताया और यह तक कहा कि 10 अंकों के पैमाने पर ये बैठक 12 अंक वाली रही। दो महाशक्तियों के बीच व्यापारिक मोर्चे, खासकर टैरिफ और दुर्लभ खनिज के मुद्दे पर बनी सहमति ने कई समीकरणों को बदल दिया है। ऐसे में माना जा रहा है कि भारत को भी अपनी रणनीति में बदलाव करना होगा।
 
हालांकि, मुलाकात के बाद ट्रंप और शी दोनों के बयानों से पता चलता है कि अब भी कई मुद्दे अनसुलझे ही रह गए हैं लेकिन इस बैठक ने दोनों देशों के बीच व्यापारिक युद्ध की तीव्रता को जरूर कम कर दिया है। सेंटर फॉर अ न्यू अमेरिकन सिक्योरिटी की निदेशक एमिली किलक्रीज के मुताबिक, बैठक को लेकर यही कहा जा सकता है कि दोनों पक्षों ने ट्रंप के दूसरे कार्यकाल के बाद एक-दूसरे के खिलाफ उठाए गए कदमों से अपने कदम पीछे खींचे हैं।
विज्ञापन
    
 
                     
                विज्ञापन
                
                    
                
            
            विश्लेषकों का कहना है कि ट्रंप के दूसरी बार सत्ता में आने के बाद अमेरिकी व्यापारिक हितों को प्राथमिकता देने के कारण ही भारत के साथ रिश्तों में कड़वाहट बढ़ी थी। वहीं, दुर्लभ खनिज पर बीजिंग के रुख ने अमेरिका-चीन तनातनी बढ़ा दी थी। अब, इनकी नजदीकी बढ़ती नजर आ रही है तो भारत को भी क्षेत्र के बाकी हिस्सों की तरह खुद को इन नए संबंधों के अनुकूल ढालना होगा। उसे दुनिया की अग्रणी आर्थिक और सैन्य शक्तियों के बीच प्रतिस्पर्धा और सहयोग का एक गतिशील संतुलन बनाना होगा।
जी-2 वाले परिदृश्य में साधने होंगे अपने हित
ट्रंप ने इस बैठक को जी-2 करार दिया, और मुलाकात के बाद चीनी राष्ट्रपति को महान देश का महान नेता बताया। साथ ही, कहा कि दो वैश्विक महाशक्तियों को एक-दूसरे से ऐसा ही व्यवहार करना चाहिए। दोनों देशों के कभी दोस्त-कभी दुश्मन वाले परिदृश्य में भारत के लिए चुनौतियां और बढ़ जाती हैं। विश्लेषकों का कहना है कि बेहतर होगा कि भारत अपने हितों को ध्यान में रखकर ही अमेरिका के साथ अपने रिश्तों को आगे बढ़ाए।