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विकल्प : यूक्रेन जंग से देश में बढ़ा ईंधन संकट, मुश्किल दौर में पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे ने चुना सौर ऊर्जा का रास्ता

एएनआई, गुवाहाटी Published by: सुरेंद्र जोशी Updated Fri, 29 Apr 2022 02:26 PM IST
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सार

नार्थईस्ट फ्रंटियर रेलवे अपने समूचे जोन क्षेत्र में तेजी से हरित ऊर्जा संयंत्र स्थापित कर रहा है। इस दिशा में कई कदम उठाए गए हैं।

Ukraine-Russia conflict hits energy sector, Northeast Frontier Railway takes up solar route to generate more green energy 
Solar Plat, Solar Energy - फोटो : पिक्साबे
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विस्तार
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यूक्रेन जंग के कारण देश के ऊर्जा क्षेत्र पर बड़ा असर पड़ा है। ऐसे में पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे ने और ज्यादा हरित ऊर्जा पैदा करने का फैसला किया। वह 2030 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य को पाने व जीवाश्म ईंधन पर कम से कम निर्भरता के लिए तेजी से सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित कर रहा है। 

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नार्थईस्ट फ्रंटियर रेलवे (Northeast Frontier Railway) अपने समूचे जोन क्षेत्र में तेजी से हरित ऊर्जा संयंत्र स्थापित कर रहा है। इस दिशा में कई कदम उठाए गए हैं। शून्य कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए एक कदम आगे बढ़ते हुए, इस साल मार्च तक 4358.233 किलोवॉट पीक (केडब्ल्यूपी) बिजली पैदा करने वाले रूफ-टॉप सौर ऊर्जा संयंत्रों को चालू किया गया है। 
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एनएफ रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सब्यसाची डे ने कहा कि इससे 44.54 लाख यूनिट की बचत होगी। इससे सालाना लगभग 3.56 करोड़ रुपये के बिजली बिलों में बचती होगी।  एनएफ रेलवे के सीपीआरओ ने आगे कहा कि चालू वित्त वर्ष में, ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए, एनएफ रेलवे अपने अधिकार क्षेत्र में सौर रूफ टॉप सिस्टम की 1500 केडब्ल्यूपी क्षमता को चालू करने के लिए पूरी तरह तैयार है। 
सब्यसाची डे ने कहा, "इनमें सिलचर स्टेशन में 100 केडब्ल्यूपी, गुवाहाटी स्टेशन में 200 केडब्ल्यूपी और लुमडिंग डिवीजन के तहत कामाख्या स्टेशन शामिल हैं। इन सबके अलावा, न्यू बोंगाईगांव वर्कशॉप में 1000 केडब्ल्यूपी चालू करने की योजना है, जो एनएफ रेलवे के तहत एक प्रमुख कार्यशाला है।

डे ने कहा कि जब यूक्रेन-रूस संघर्ष के कारण देश के ऊर्जा क्षेत्र पर असर पड़ा है, पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए सौर ऊर्जा का उपयोग करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह सभी की बिजली जरूरतों को पूरा करने में मदद करेगा। स्टेशनों और पर्यावरण के अनुकूल होने के अलावा रेलवे और देश के लिए कीमती खर्च को भी बचाएगा। रेलवे ने अपने 'गो-ग्रीन' मिशन की ओर कदम बढ़ाते हुए पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान विभिन्न स्टेशनों और अन्य सेवा भवनों में 585 केडब्ल्यूपी सोलर रूफटॉप सिस्टम को सफलतापूर्वक चालू किया है। 

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