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क्या है नेजल वैक्सीन: पीएम मोदी ने अपने संबोधन में किया जिक्र, किस तरह करती है इंसानों पर काम, कितनी असरदार, जानें सबकुछ

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: कीर्तिवर्धन मिश्र Updated Sun, 26 Dec 2021 12:17 AM IST
सार

भारत में ज्यादातर वयस्कों को अब तक इंजेक्शन के जरिए कोरोना का टीका दिया गया है। हालांकि, बच्चों को टीका दर्दभरे इंजेक्शन की जगह नाक से दिए जाने का प्रस्ताव है।

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What is COVID-19 Nasal Vaccine which PM Narendra Modi mentioned in his address to the nation will be used for Vaccinating kids news and updates
नेजल वैक्सीन - फोटो : iStock
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विस्तार
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को राष्ट्र के नाम संबोधन में भारत के वैक्सिनेशन से जुड़े अभियान को लेकर कई बड़े एलान किए हैं। इनमें दो बडे़ एलान भारत में आगे आने वाली वैक्सीन को लेकर किए गए हैं। पीएम ने कहा कि देश में जल्द ही नेजल वैक्सीन लॉन्च हो जाएगी। ऐसे में यह जानना अहम है कि आखिर नेजल वैक्सीन क्या है और भारत में इनकी मंजूरी को लेकर क्या प्रगति है। 
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क्या हैं नेजल वैक्सीन?
भारत में ज्यादातर वयस्कों को अब तक इंजेक्शन के जरिए कोरोना का टीका दिया गया है। हालांकि, बच्चों को टीका दर्दभरे इंजेक्शन की जगह नाक से दिए जाने का प्रस्ताव है। माना जाता है कि यह तरीका बच्चों में प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए ज्यादा कारगर है और इसके पीछे कई वैज्ञानिक कारण भी हैं। 
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क्यों असरदार है नेजल वैक्सीन?
हार्वर्ड के इम्युनोलॉजिस्ट जोस ऑर्दोवास मॉनटेन्स बताते हैं कि वायरस के खिलाफ लड़ाई को मजबूत बनाना है तो टीका वहीं लगाना होगा जहां से वायरस शरीर में प्रवेश कर रहा है। जोस बताते हैं कि जो टीका हमें हाथ में लग रहा है वो उसमें मौजूद तत्त्वों को एंटीबॉडीज और टी-कोशिकाएं रक्त वाहिकाओं के आसपास पहुंचाती हैं।

प्रो. जोस के मुताबिक, टीका सीधे नाक से दिया जाए तो नाक, श्वसन तंत्र के ऊपरी हिस्से के साथ फेफड़ों में मजबूत इम्युनिटी बनेगी। इसके साथ ही एंटीबॉडीज और टी-कोशिकाएं भी अपना काम करेंगी। इससे फायदा ये होगा कि वायरस जब नाक से प्रवेश करेगा तभी नाक में मौजूद प्रतिरोधक तंत्र उसे निष्क्रिय कर देगा। उम्मीद है कि नेजल वैक्सीन के बाद ब्रेकथ्रू के मामले भी खत्म होंगे।

बच्चों के लिए मजबूत कवच
लोवा यूनिवर्सिटी के पीडियाट्रिक पल्मोनोलॉजिस्ट प्रो. पॉल मैक्रे का कहना है कि हाथ में लगने वाले टीके की बजाए नाक से टीका दिया जाए तो बच्चे और अधिक आसानी से कोरोना को मात दे सकते हैं। यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक 80 लोगों पर  टीके का परीक्षण करने वाले हैं।
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