सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   India News ›   'Why are BJP and its affiliates panicking?': Priyank Kharge questions BJP's opposition to Hate Speech Bill

Karnataka: 'भाजपा और उसके सहयोगी क्यों घबरा रहे?..' हेट स्पीच बिल का विरोध करने पर प्रियांक खरगे ने पूछा सवाल

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, बेलगावी Published by: निर्मल कांत Updated Tue, 16 Dec 2025 12:41 PM IST
विज्ञापन
'Why are BJP and its affiliates panicking?': Priyank Kharge questions BJP's opposition to Hate Speech Bill
प्रियांक खरगे, मंत्री, कर्नाटक - फोटो : एएनआई (फाइल)
विज्ञापन
नफरती भाषणों (हेट स्पीच) पर रोक लगाने के लिए कर्नाटक की विधानसभा में पेश किए गए विधेयक का विरोध करने पर मंत्री प्रियांक खरगे ने मंगलवार को भाजपा से सवाल पूछा है। खरगे ने कहा कि यह विधेयक विधानसभा में चर्चा के लिए जाएगा। भाजपा और उसके सहयोगी क्यों घबरा रहे हैं? इसका उनसे कोई लेना-देना नहीं है। वहीं, कर्नाटक के मंत्री संतोष लाड ने कहा कि यह विधेयक मौजूदा कानूनी ढांचे के अनुरूप है। उन्होंने पूछा, हर चीज के लिए एक कानून है, तो हम भी ऐसा कर रहे हैं। इसमें गलत क्या है?
Trending Videos


ये भी पढ़ें: हिजाब खींच घिरे नीतीश: कई बार सुर्खियों में रहा हैरान करने वाला बर्ताव, बिहार के CM का विवादों से पुराना नाता
विज्ञापन
विज्ञापन


मंत्री मधु बंगारप्पा ने भी इसी तरह का विचार रखते हुए सोशल मीडिया का जिम्मेदारी के साथ इस्तेमाल पर जोर दिया। उन्होंने कहा, सोशल मीडिया का सही तरीके से इस्तेमाल होना चाहिए। सोशल मीडिया पर गलत जानकारी फैलाना दंडनीय होना चाहिए। 

राज्य सरकार ने विधानसभा में कर्नाटक नफरती भाषण और घृणा अपराध (रोकथाम) विधेयक, 2025 पेश किया है। विपक्षी दलों ने इस विधेयक का विरोध किया है। सरकार नफरती भाषण को रोकने के लिए कदम उठा रही है। इसी वजह से कर्नाटक नफरती भाषण और घृणा अपराध (रोकथाम) विधेयक विधानसभा सत्र में पेश किया गया है। यह विधेयक पिछले कुछ दिनों से राजनीतिक चर्चा का विषय रहा है।

विधेयक में क्या प्रावधान हैं?
सरकार ने बताया कि इस विधेयक के तहत किसी भी व्यक्ति या समूह द्वारा धर्म, जाति, भाषा, जन्मस्थान, लिंग या समुदाय के आधार पर नफरती भाषण देने वालों पर रोक लगाई जाएगी। नफरती भाषण में किसी भी प्रकार की भावनात्मक, मानसिक, शारीरिक, सामाजिक या आर्थिक हानि पहुंचाने की नीयत से उकसाना भी शामिल है। नफरती भाषण का प्रसारण, प्रकाशन और प्रचार करना भी अपराध माना जाएगा। अगर नफरती भाषण कोई जिम्मेदारी वाले पद पर बैठा व्यक्ति दे, तो उसके संगठन या संस्था के खिलाफ भी मामला दर्ज किया जा सकता है।

ये भी पढ़ें: क्या है नेशनल हेराल्ड मामला?: चार्जशीट का संज्ञान लेने से कोर्ट का इनकार, सोनिया-राहुल गांधी का था इसमें नाम

सरकार ने स्पष्ट किया कि यह विधेयक किसी खास राजनीतिक दल या समुदाय को निशाना नहीं बनाता है। बल्कि राज्य में सामाजिक सामंजस्य बनाए रखने और नफरत फैलने से रोकने के लिए है। यह कानून भविष्य में किसी भी सरकार के आने पर लागू होगा। सरकार ने नेताओं, संगठन प्रमुखों और हर व्यक्ति को मंचों और सोशल मीडिया पर बोलते समय सावधान रहने की चेतावनी दी है। इस विधेयक के तहत नफरती भाषण देने वालों को एक से सात साल तक जेल की सजा दी जाएगी। यदि वही अपराध दोबारा किया गया, तो उन्हें दो साल से 10 साल तक जेल और 50 हजार रुपये से एक लाख रुपये तक जुर्माना लगेगा। सरकार ने कहा कि ऐसे कृत्य गैर-जमानती अपराध माने जाएंगे।


 
विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News apps, iOS Hindi News apps और Amarujala Hindi News apps अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

Election
एप में पढ़ें

Followed