सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   India News ›   Will come out with proposal on financial assistance to rescued bonded labourers: NHRC to SC

SC: 'बचाए गए बंधुआ मजदूरों को वित्तीय सहायता देने का लाएंगे प्रस्ताव', एनएचआरसी ने सुप्रीम कोर्ट को दी जानकारी

न्यूज डेस्क, अमर उजाला Published by: पवन पांडेय Updated Fri, 30 Aug 2024 04:28 PM IST
विज्ञापन
सार

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट से कहा कि वह तमाम हितधारकों के साथ चर्चा करेगा और बचाए गए बंधुआ मजदूरों को तत्काल वित्तीय सहायता देने के मुद्दे को हल करने के लिए एक ठोस प्रस्ताव लेकर आएगा।

Will come out with proposal on financial assistance to rescued bonded labourers: NHRC to SC
सुप्रीम कोर्ट (फाइल) - फोटो : एएनआई
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

सुप्रीम कोर्ट में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने जानकारी देते हुए बताया कि वो बचाए गए बंधुआ मजदूरों को तुरंत वित्तीय सहायता देने के मुद्दे को हल करने के लिए एक प्रस्ताव लेकर आएगा। न्यायमूर्ति बीआर गवई और केवी विश्वनाथन की पीठ बंधुआ मजदूरों के रूप में तस्करी किए गए लोगों के मौलिक अधिकारों को लागू करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी। मामले में बहस के दौरान उन्हें तत्काल वित्तीय सहायता देने का मुद्दा उठा। याचिकाकर्ताओं में से एक की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता एचएस फुल्का ने कहा कि ऐसे 10 प्रतिशत मजदूरों को भी वित्तीय सहायता या मुआवजा नहीं दिया गया।
loader
Trending Videos


'हितधारकों के साथ बैठकर इस मुद्दे पर करेंगे चर्चा'
उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ता संगठन ने लगभग 11 हजार बच्चों को बचाया है, लेकिन उनमें से केवल 719 को ही वित्तीय सहायता दी गई है। वहीं एनएचआरसी की ओर से पेश वकील ने कहा कि वह हितधारकों के साथ बैठकर इस मुद्दे पर चर्चा कर सकती हैं।
विज्ञापन
विज्ञापन


मामले में अब चार हफ्ते बाद फिर होगी सुनवाई
पीठ ने एनएचआरसी के वकील से कहा कि वे याचिकाकर्ताओं और अन्य हितधारकों के साथ बातचीत कर तौर-तरीकों को अंतिम रूप दें। वहीं एनएचआरसी के वकील ने कहा कि वह सभी हितधारकों के साथ चर्चा करेंगे और एक ठोस प्रस्ताव लेकर आएंगे, ताकि बचाए गए बंधुआ मजदूरों को तत्काल वित्तीय सहायता देने के मुद्दे को सुलझाया जा सके। फिलहाल सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने मामले की सुनवाई चार सप्ताह बाद तय की है। 

शीर्ष अदालत ने मामले में राज्यों से मांगा था जवाब
बता दें कि जुलाई 2022 में, शीर्ष अदालत ने याचिका पर सुनवाई करने पर सहमति जताई थी और याचिका पर केंद्र, एनएचआरसी और कुछ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से जवाब मांगा था। याचिकाकर्ताओं में से एक ने कहा है कि उसे और कुछ अन्य बंधुआ मजदूरों को 28 फरवरी, 2019 को उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले के एक ईंट भट्ठे से बचाया गया और रिहा किया गया, जहां उन्हें बिहार के गया जिले में उनके पैतृक गांव से एक अपंजीकृत ठेकेदार की तरफ से तस्करी कर लाया गया था। 

याचिकाकर्ता ने कहा कि उसे और उसके साथी श्रमिकों को न्यूनतम वैधानिक मजदूरी के भुगतान के बिना काम करने के लिए मजबूर किया गया और उनके आवागमन और रोजगार के मौलिक अधिकारों पर गंभीर रूप से अंकुश लगाया गया था।


 
विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News apps, iOS Hindi News apps और Amarujala Hindi News apps अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

एप में पढ़ें

Followed