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Manipur: 'हवाईअड्डे से हाईवे तक खोले जाएं, हर नागरिक को मिले सुरक्षा', मणिपुर पर वर्ल्ड मैतेई काउंसिल की अपील
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, इंफाल
Published by: हिमांशु चंदेल
Updated Thu, 26 Jun 2025 01:51 PM IST
सार
मणिपुर में पिछले दो साल से जारी कुकी और मैतेई समुदाय के बीच जातीय संघर्ष पर वर्ल्ड मैतेई काउंसिल ने चिंता जताई है। संगठन ने दोनों समुदायों के विधायकों से राजनीति से ऊपर उठकर समाधान निकालने की अपील की है। साथ ही, इंफाल एयरपोर्ट और राष्ट्रीय राजमार्ग सभी नागरिकों के लिए खोलने की मांग की है।
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सांकेतिक तस्वीर
- फोटो : ANI
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विस्तार
मणिपुर में जारी जातीय संघर्ष के बीच वर्ल्ड मीतेई काउंसिल (WMC) ने राज्य के कुकी और मैतेई विधायकों से बड़ी अपील की है। संगठन ने दोनों पक्षों के जनप्रतिनिधियों से राजनीति से ऊपर उठने और हिंसा रोकने की जिम्मेदारी लेने की बात कही है। काउंसिल का कहना है कि पिछले दो साल से जारी संघर्ष ने हजारों परिवारों को उजाड़ दिया है और राज्य को बुरी तरह बांट दिया है।
वर्ल्ड मीतेई काउंसिल ने बयान जारी कर कहा कि अब वक्त आ गया है कि कुकी और मैतेई समुदाय के विधायक एक-दूसरे से सीधे संवाद करें। संगठन ने सवाल उठाया कि अगर चुने हुए प्रतिनिधि ही कदम नहीं उठाएंगे तो फिर कौन उठाएगा? काउंसिल का कहना है कि राजनीतिक मतभेदों को छोड़कर सभी विधायकों को मिलकर हल निकालना होगा, क्योंकि सबसे ज्यादा पीड़ा आम जनता झेल रही है।
दो साल से जारी है जातीय संघर्ष
बता दें कि मई 2023 से कुकी-जो और मैतेई समुदायों के बीच जारी जातीय हिंसा में अब तक 260 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है, जबकि हजारों लोग बेघर हो चुके हैं। हालात इतने गंभीर हो गए कि केंद्र सरकार को 13 फरवरी को मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू करना पड़ा। राज्य विधानसभा को निलंबित कर दिया गया है।
हवाई अड्डा और हाईवे सभी के लिए खुले
वर्ल्ड मीतेई काउंसिल ने यह भी कहा कि इंफाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट सभी नागरिकों के लिए खुला रहना चाहिए। संगठन ने मैतेई समुदाय से सामाजिक और नैतिक जिम्मेदारी निभाने की अपील की है ताकि वहां आने वाले हर व्यक्ति की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके, चाहे वो किसी भी समुदाय का हो। इसके साथ ही सभी राष्ट्रीय राजमार्गों को भी हिंसा और डर से मुक्त करने की बात कही गई है।
ये भी पढ़ें: 'जीवन की सबसे बड़ी गलती थी कांग्रेस', अमर उजाला संवाद में बोले रवि किशन
सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल बनी एयरक्रैश घटना
काउंसिल ने अहमदाबाद एयरक्रैश हादसे में मारे गए मैतेई और कुकी समुदाय के पीड़ितों का इंफाल एयरपोर्ट पर संयुक्त रूप से स्वागत करने को एक सकारात्मक कदम बताया। संगठन ने कहा कि यह इशारा बताता है कि अगर हम चाहें तो साथ रह सकते हैं और शांति की ओर बढ़ सकते हैं।
ये भी पढ़ें: 'लाडली बहना योजना का समाज पर व्यापक असर पड़ा', अमर उजाला संवाद में बोले सीएम मोहन यादव
छोटा कदम भी ला सकता है बड़ा बदलाव
काउंसिल ने अपने बयान में कहा कि सही दिशा में उठाया गया एक छोटा लेकिन ठोस कदम मणिपुर में हालात सामान्य करने की शुरुआत हो सकता है। संगठन ने दोहराया कि आखिरकार, हमें मिल-जुलकर ही इस राज्य में रहना है। ऐसे में हर समुदाय को हिंसा छोड़कर शांति का रास्ता अपनाना होगा।
वर्ल्ड मीतेई काउंसिल ने बयान जारी कर कहा कि अब वक्त आ गया है कि कुकी और मैतेई समुदाय के विधायक एक-दूसरे से सीधे संवाद करें। संगठन ने सवाल उठाया कि अगर चुने हुए प्रतिनिधि ही कदम नहीं उठाएंगे तो फिर कौन उठाएगा? काउंसिल का कहना है कि राजनीतिक मतभेदों को छोड़कर सभी विधायकों को मिलकर हल निकालना होगा, क्योंकि सबसे ज्यादा पीड़ा आम जनता झेल रही है।
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दो साल से जारी है जातीय संघर्ष
बता दें कि मई 2023 से कुकी-जो और मैतेई समुदायों के बीच जारी जातीय हिंसा में अब तक 260 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है, जबकि हजारों लोग बेघर हो चुके हैं। हालात इतने गंभीर हो गए कि केंद्र सरकार को 13 फरवरी को मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू करना पड़ा। राज्य विधानसभा को निलंबित कर दिया गया है।
हवाई अड्डा और हाईवे सभी के लिए खुले
वर्ल्ड मीतेई काउंसिल ने यह भी कहा कि इंफाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट सभी नागरिकों के लिए खुला रहना चाहिए। संगठन ने मैतेई समुदाय से सामाजिक और नैतिक जिम्मेदारी निभाने की अपील की है ताकि वहां आने वाले हर व्यक्ति की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके, चाहे वो किसी भी समुदाय का हो। इसके साथ ही सभी राष्ट्रीय राजमार्गों को भी हिंसा और डर से मुक्त करने की बात कही गई है।
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सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल बनी एयरक्रैश घटना
काउंसिल ने अहमदाबाद एयरक्रैश हादसे में मारे गए मैतेई और कुकी समुदाय के पीड़ितों का इंफाल एयरपोर्ट पर संयुक्त रूप से स्वागत करने को एक सकारात्मक कदम बताया। संगठन ने कहा कि यह इशारा बताता है कि अगर हम चाहें तो साथ रह सकते हैं और शांति की ओर बढ़ सकते हैं।
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छोटा कदम भी ला सकता है बड़ा बदलाव
काउंसिल ने अपने बयान में कहा कि सही दिशा में उठाया गया एक छोटा लेकिन ठोस कदम मणिपुर में हालात सामान्य करने की शुरुआत हो सकता है। संगठन ने दोहराया कि आखिरकार, हमें मिल-जुलकर ही इस राज्य में रहना है। ऐसे में हर समुदाय को हिंसा छोड़कर शांति का रास्ता अपनाना होगा।
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