{"_id":"6952239018375047de09b9d6","slug":"year-ender-2025-lady-power-in-india-from-sofiya-qureshi-to-maithili-thakur-know-their-achievements-news-update-2025-12-29","type":"feature-story","status":"publish","title_hn":"Year Ender 2025: सोफिया कुरैशी से मैथिली ठाकुर तक...2025 में बेटियों ने बढ़ाया देश का मान","category":{"title":"India News","title_hn":"देश","slug":"india-news"}}
Year Ender 2025: सोफिया कुरैशी से मैथिली ठाकुर तक...2025 में बेटियों ने बढ़ाया देश का मान
स्पेशल डेस्क, अमर उजाला
Published by: कीर्तिवर्धन मिश्र
Updated Mon, 29 Dec 2025 12:15 PM IST
विज्ञापन
महिलाएं, जिन्होंने गाड़े सफलता के झंडे।
- फोटो : अमर उजाला
विज्ञापन
2025 का साल सिर्फ संघर्ष, सुरक्षा, आपदा, शासन, खेल और इनसे जुड़े मुद्दों का ही साल नहीं रहा। बल्कि इस साल इन क्षेत्रों में एक के बाद एक झंडे गाड़ने वाली महिलाओं का भी साल रहा। फिर चाहे बात सैन्य अभियान की हो या भारत का नाम खेल की दुनिया में ऊंचा करने की हो, इस पूरे साल देश की महिलाओं ने अपनी अभूतपूर्व उपलब्धियों से लाखों लोगों को प्रेरित किया।
1. सेना में महिलाओं ने बढ़ाया देश का मान
इस साल अप्रैल में पाकिस्तान के आतंकियों की तरफ से अंजाम दिए गए पहलगाम हमले में जब देश की कई महिलाओं के सिंदूर उजड़ गए तो इसका बदला लेने का जिम्मा भारतीय सेना की महिलाओं ने संभाला। ऐसे में जब मई में भारत ने पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों को तबाह करने के लिए ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत की तो इसमें महिलाओं को अग्रणी भूमिका में रखा गया।
Trending Videos
1. सेना में महिलाओं ने बढ़ाया देश का मान
इस साल अप्रैल में पाकिस्तान के आतंकियों की तरफ से अंजाम दिए गए पहलगाम हमले में जब देश की कई महिलाओं के सिंदूर उजड़ गए तो इसका बदला लेने का जिम्मा भारतीय सेना की महिलाओं ने संभाला। ऐसे में जब मई में भारत ने पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों को तबाह करने के लिए ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत की तो इसमें महिलाओं को अग्रणी भूमिका में रखा गया।
विज्ञापन
विज्ञापन
सैन्य कार्रवाई से इतर भारतीय सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी और भारतीय वायुसेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने संयुक्त रूप से ऑपरेशन सिंदूर के दौरान मीडिया ब्रीफिंग का नेतृत्व किया। दोनों ने भारत की आतंकवाद विरोधी कार्रवाई को दुनिया के सामने पेश किया। कुरैशी पहली भारतीय महिला अधिकारी हैं, जिन्होंने बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास में सेना का नेतृत्व किया है और उन्होंने संयुक्त राष्ट्र शांति मिशनों में भी सेवा की है। वहीं, व्योमिका सिंह उन चुनिंदा महिलाओं में शामिल हैं, जो सेना की तीनों टुकड़ियों से ली गई महिलाओं की उस टीम का हिस्सा थी, जिसने 21,650 फीट ऊंचे माउंट मणिरंग को फतह किया था।
2. भारतीय महिला क्रिकेट टीम
3 नवंबर को भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए 2025 का महिला वनडे विश्व कप का खिताब जीत लिया। टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर और उपकप्तान स्मृति मंधाना की अगुवाई में टीम ने न सिर्फ सेमीफाइनल में मजबूत ऑस्ट्रेलिया को हराया, बल्कि फाइनल में दक्षिण अफ्रीका को 52 रन से शिकस्त देकर यह उपलब्धि हासिल की। इस महिला शक्ति के दम पर ही भारत ने इतिहास में पहली बार महिला विश्व कप हासिल किया।
3 नवंबर को भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए 2025 का महिला वनडे विश्व कप का खिताब जीत लिया। टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर और उपकप्तान स्मृति मंधाना की अगुवाई में टीम ने न सिर्फ सेमीफाइनल में मजबूत ऑस्ट्रेलिया को हराया, बल्कि फाइनल में दक्षिण अफ्रीका को 52 रन से शिकस्त देकर यह उपलब्धि हासिल की। इस महिला शक्ति के दम पर ही भारत ने इतिहास में पहली बार महिला विश्व कप हासिल किया।
3. मैथिली ठाकुर
लोकगायिका के तौर पर पूरे देश में अपनी पहचान बना चुकीं मैथिली ठाकुर इस साल बिहार में हुए विधानसभा चुनाव में जीत हासिल कर एक बार फिर चर्चाओं में आ गईं। उन्होंने भाजपा के टिकट पर अलीनगर विधानसभा सीट से जीत हासिल की और विधायक बनीं। मौजूदा समय में वे देश के सबसे युवा विधायकों में से हैं।
लोकगायिका के तौर पर पूरे देश में अपनी पहचान बना चुकीं मैथिली ठाकुर इस साल बिहार में हुए विधानसभा चुनाव में जीत हासिल कर एक बार फिर चर्चाओं में आ गईं। उन्होंने भाजपा के टिकट पर अलीनगर विधानसभा सीट से जीत हासिल की और विधायक बनीं। मौजूदा समय में वे देश के सबसे युवा विधायकों में से हैं।
4. बानू मुश्ताक और दीपा भष्ठी
भारत की कन्नड़ भाषा की लेखिका बानू मुश्ताक को साल 2025 में बुकर सम्मान दिया गया। उन्हें उनकी पुस्तक हार्ट लैंप के लिए सम्मानित किया गया। उनके साथ किताब का अंग्रेजी में अनुवाद करने वाली दीपा भष्ठी को भी बुकर से नवाजा गया।
1948 को कर्नाटक में पैदा हुई बानू लेखिका होने के साथ वकील और सामाजिक कार्यकर्ता भी हैं। अंग्रेजी के अलावा उनका काम उर्दू, हिंदी, तमिल और मलयालम में भी अनूदित हो चुका है। बहुत कम उम्र से ही लिखने वाली मुश्ताक पत्रकार भी रही हैं, लेकिन 29 साल की उम्र में उन्होंने अपने अनुभवों को पेशेवर तरीके से लिखना शुरु कर दिया था। उनकी कहानियां महिला जीवन की तमाम समस्याओं को इंगित करती हैं। कहानियों के अलावा उपन्यास, निबंध और कविता भी लिखे, इसके साथ उनकी किताब कारी नागरागालू पर 2003 में फिल्म हसीना भी बनी है।
12 कहानियों का संग्रह हार्ट लैंप दक्षिण भारत की पितृसत्तात्मकता की व्यथा है। इन कहानियों के दीपा भष्ठी ने 2022 से अनूदित करना शुरु किया था। किताब में 1990 से लेकर 2023 तक की लिखी कहानियों का संग्रह है। कुल मिलाकर यह किताब 30 साल के अधिक समय में लिखी गई है।
भारत की कन्नड़ भाषा की लेखिका बानू मुश्ताक को साल 2025 में बुकर सम्मान दिया गया। उन्हें उनकी पुस्तक हार्ट लैंप के लिए सम्मानित किया गया। उनके साथ किताब का अंग्रेजी में अनुवाद करने वाली दीपा भष्ठी को भी बुकर से नवाजा गया।
1948 को कर्नाटक में पैदा हुई बानू लेखिका होने के साथ वकील और सामाजिक कार्यकर्ता भी हैं। अंग्रेजी के अलावा उनका काम उर्दू, हिंदी, तमिल और मलयालम में भी अनूदित हो चुका है। बहुत कम उम्र से ही लिखने वाली मुश्ताक पत्रकार भी रही हैं, लेकिन 29 साल की उम्र में उन्होंने अपने अनुभवों को पेशेवर तरीके से लिखना शुरु कर दिया था। उनकी कहानियां महिला जीवन की तमाम समस्याओं को इंगित करती हैं। कहानियों के अलावा उपन्यास, निबंध और कविता भी लिखे, इसके साथ उनकी किताब कारी नागरागालू पर 2003 में फिल्म हसीना भी बनी है।
12 कहानियों का संग्रह हार्ट लैंप दक्षिण भारत की पितृसत्तात्मकता की व्यथा है। इन कहानियों के दीपा भष्ठी ने 2022 से अनूदित करना शुरु किया था। किताब में 1990 से लेकर 2023 तक की लिखी कहानियों का संग्रह है। कुल मिलाकर यह किताब 30 साल के अधिक समय में लिखी गई है।
5. निर्मला सीतारमण
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2025-26 के बजट के माध्यम से मध्यम वर्ग को बड़ी कर राहत दी। इसके तहत हर साल 12 लाख रुपये तक की आय वाले करदाताओं पर कर शून्य हो गया। दूसरी तरफ उनके नेतृत्व में वित्त मंत्रालय ने अलग-अलग विभागों के साथ काम किया और माल एवं सेवा कर (जीएसटी) में भी संशोधन कर राहत को आगे बढ़ाया। इसका असर यह हुआ कि भारत में अमेरिका के बढ़े हुए टैरिफ के बावजूद घरेलू बिक्री बढ़ने से न सिर्फ व्यापारियों को जबरदस्त लाभ मिला, बल्कि उपभोक्ताओं को भी कम जीएसटी का भरपूर फायदा मिला और देश में व्यापार के आंकड़े नई ऊंचाइयों पर रहे।
अन्य वीडियो
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2025-26 के बजट के माध्यम से मध्यम वर्ग को बड़ी कर राहत दी। इसके तहत हर साल 12 लाख रुपये तक की आय वाले करदाताओं पर कर शून्य हो गया। दूसरी तरफ उनके नेतृत्व में वित्त मंत्रालय ने अलग-अलग विभागों के साथ काम किया और माल एवं सेवा कर (जीएसटी) में भी संशोधन कर राहत को आगे बढ़ाया। इसका असर यह हुआ कि भारत में अमेरिका के बढ़े हुए टैरिफ के बावजूद घरेलू बिक्री बढ़ने से न सिर्फ व्यापारियों को जबरदस्त लाभ मिला, बल्कि उपभोक्ताओं को भी कम जीएसटी का भरपूर फायदा मिला और देश में व्यापार के आंकड़े नई ऊंचाइयों पर रहे।
अन्य वीडियो