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                                                                           उठे जो कदम मंजिल की ओर, तो राह में आए कांटे
और टूटने वाले लगाव नहीं देखे जाते।
जब उतर चुके हो मैदान-ए-जंग में युद्ध के लिए
तो इसमें लगने वाले घाव नहीं देखे जाते।

मत बंधे रहो, किसी जंजीरों में,
कुछ नहीं रखा क...और पढ़ें
1 month ago
                                                                           'बंदे मातरम्'   राष्ट्रीय गीत
'चटर्जी बंकीम चन्द्र' रचित
हुए रचना के पूरे, १५० वर्ष
स्मरणोत्सव मना रहा भारतवर्ष।

संविधान सभा से हो स्वीकृत
सन् '५० में बना राष्ट्रीय गीत
राष्ट्रीय स...और पढ़ें
1 month ago
                                                                           अकेला शब्द अधूरा अधूरा
तन्हा तन्हा लगता है
शब्द मिलकर सफर करते अच्छे लगते हैं
कभी छोटा सा वाक्य का सफर
कभी बहुत अलग सुर ताल के इकठ्ठा हो
एक लम्बे लेख का सफर
कभी कुछ कठोर कुछ निर्मल कुछ कोमल
अलग अलग रस...और पढ़ें
1 month ago
                                                                            इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में रविवार को 'मेरा रंग फाउंडेशन' के नवें वार्षिकोत्सव पर आयोजित संगोष्ठी ‘जब स्त्री बोलती है’ में महिला सशक्तिकरण के कई संवेदनशील पहलुओं पर गंभीर चर्चा हुई। राजनीति में ट्रोलिंग से लेकर घरेलू हिंसा, एसिड सर्वाइवर्स की...और पढ़ें
                                                
2 months ago
                                                                           घाट-घाट में घुट-घुट का अपमान पिया,
घाट-घाट में घुट-घुट अपमान सहा जिया।
परंतु दिल टूटा है आज मेरा तूने
जीवन यात्रा संघर्ष सवेरे कष्ट में
वास्तविक प्रवाहमय शाब्दिक तौर पर लड़ना बता दिया
भूखे धोखे के घाव अपमान मार्मिक...और पढ़ें
2 months ago
                                                                           भारती कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय ने सांस्कृतिक परिषद, दिल्ली विश्वविद्यालय के सहयोग से 29 और 30 सितंबर, 2025 को अंतर-महाविद्यालय ललित कला प्रतियोगिता का सफल आयोजन किया। यह आयोजन कॉलेज परिसर में आयोजित किया गया और इसका मार्गदर्शन सांस्कृतिक परिषद के...और पढ़ें
                                                
2 months ago
                                                                           ज्यादा बोलने से
ज्यादा दूसरों के बारे में सोचने से
ज्यादा दूसरों से ज्ञान की चर्चा करने से
ज्यादा दूसरों को झूठी शान दिखाने से
दूसरों के जीवन में ज्यादा दखल अंदाजी करने से
नुकसान यह काम करने वाले का ही होता है
...और पढ़ें
2 months ago
                                                                           'मल्टी-टैलेंटेड हनुमान जी', धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (श्री बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर) द्वारा लिखित एक विशेष पुस्तक है, जिसका आधिकारिक रूप से विमोचन कर दिया गया है। यह पुस्तक इन्विसिवल पब्लिशर्स द्वारा प्रकाशित की गई है, जिसका नेतृत्व सागर सेत...और पढ़ें
                                                
6 months ago
                                                                           झलकारी बाई, शौर्य की प्रतिमूर्ति, साहस का अनुपम उदाहरण,
उसकी रगों में बहता था, आज़ादी का पावन कारण।
कम उम्र में ही उसने दिखलाया, वीरता का अद्भुत नज़ारा,
अपनी हिम्मत और जज़्बे से, बदल दिया था हर धारा।
घोड़े की पीठ पर वो ऐसे...और पढ़ें
6 months ago
                                                                           'मनोज सिन्हा – सेवा, समर्पण और सुशासन का प्रतीक' एक ऐसी प्रेरणास्पद एवं शोधपरक कृति है, जो माननीय मनोज सिन्हा, जम्मू-कश्मीर के वर्तमान उपराज्यपाल के व्यक्तित्व, कर्तत्व और उनकी प्रशासनिक दक्षता का समग्र परिचय देती है। यह पुस्तक एक श्रद्धांजलि...और पढ़ें
                                                
8 months ago
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