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Dewas News: फर्जी एडवाइजरी पर देवास पुलिस की कार्रवाई, प्रेस वार्ता में किया खुलासा

न्यूूज डेस्क, अमर उजाला, देवास Published by: देवास ब्यूरो Updated Thu, 06 Mar 2025 10:37 PM IST
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सार

देवास शहर में बीते दिनों पांच थाना क्षेत्रों के प्रभारियों के साथ पुलिस बल ने 13 अलग-अलग कॉल सेंटर और शेयर मार्केट की एडवाइजरी वाले स्थानों पर दबिश देकर कम्प्यूटर, लैपटॉप और अन्य सामग्री जब्त की थी। इसे लेकर प्रेस वार्ता में पुलिस अधीक्षक ने खुलासा किया।

Dewas News Dewas police action on fake advisory disclosed in press conference
फर्जी एडवाइजरी पर पुलिस की कार्रवाई - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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देवास शहर में बीते दिनों पांच थाना क्षेत्रों के प्रभारियों के साथ पुलिस बल एक ही समय पर 13 अलग-अलग कॉल सेंटर और शेयर मार्केट की एडवाइजरी करने वाले स्थानों पर दबिश देकर कम्प्यूटर, लैपटॉप, मोबाइन फोन जब्त कर जांच में लिए थे, जिसकी पुलिस ने तीन दिनों की जांच के बाद आठ लोगों पर अपराधिक प्रकरण दर्ज कर चार स्थानों से कम्प्यूटर, लैपटॉप, मोबाइल फोन सहित अन्य सामाग्री जब्त की है। इस संबंध में पुलिस अधीक्षक ने प्रेस वार्ता कर प्रकरण का खुलासा किया कि कैसे एडवाइजर और कॉल सेंटरों पर अपराधिक गतिविधियां संचालित की जा रही थी।

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पुलिस अधीक्षक पुनीत गेहलोद ने बताया कि गत तीन मार्च को 13 अलग-अगल कॉल सेंटर व शेयर मार्केट की एडवाइजरी करने वाले सेंटरों पर एक साथ एक ही समय पर पांचों थानों की पुलिस ने दबिश दी थी। इसमें जांच के बाद सिविल लाइन, औद्योगिक, बीएनपी थाना क्षेत्रों में चार स्थानों पर अपराधिक गतिविधियां मिली हैं।
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औद्योगिक थाना में दर्ज की गई थी शिकायत
औद्योगिक थाना पुलिस को फरियादी ने शिकायत दर्ज कराई थी कि मुझे एक अज्ञात नंबर से कॉल आया था। स्टॉक मार्केट टिप्स देने के बारे में बताया कि हमारी फर्म आपको ढाई लाख रुपये देने के बदले आठ लाख रुपये का प्राफिट कमा कर देगी। यह रुपये जहां से कंफर्म टिप्स आती है, वहां पहले कुछ जमा करवाना होता है। तभी आपको प्रिमियम टिप्स मिलेगी।

फरियादी ने बताया कि उसे दो लाख 27 हजार 662 रुपये का नुकसान हुआ, जिस पर औद्योगिक थाना प्रभारी शशिकांत चौरसिया व पुलिस बल ने च्वाइस इन्वेस्टमेंट के नाम से चलाई जा रही एडवाइजरी फर्म पर दबिश दी। जहां अंकित योगी निवासी इंदौर को पुलिस ने गिरफ्तार कर आरोपी के विरुद्ध धारा 318 (4) बीएनएस का अपराध पंजीबद्ध कर प्रकरण को विवेचना में लिया।

मुखबिर से मिली सूचना के आधार पर दी दबिश
बीएनपी थाना पुलिस ने मुखबिर से सूचना मिली सूचना पर थाना प्रभारी अमित सोलंकी व पुलिस बल ने मारुती नगर में आरपी रिसर्च सेंटर फैक्ट्री नामक संस्था पर दबिश दी। संस्था अशोक पिता रमेश जलखेडिय़ा निवासी आदर्श नगर व राकेश पंडित निवासी इंदौर के द्वारा संचालित की जाती है। संस्थान के दस्तावेज की जांच करने पर अनियमितताएं पाई गई किसी भी प्रकार से सही दस्तावेज नहीं मिले। पुलिस ने आरोपियों के विरुद्ध धारा 318 (4), 61 (2) बीएनएस का अपराध पंजीबद्ध कर प्रकरण को विवेचना में लिया। यहां से 14 सीपीयू, 14 कम्प्यूटर, 15 मोबाइल फोन जब्त किए गए।

मैरिज ब्यूरो के नाम पर ठगी
औद्योगिक थाना क्षेत्र के अंतर्गत मैरिज ब्यूरो के नाम पर ठगी का कॉल सेंटश्र चलाने वाली अनावेदिका निवासी देवास के विवाह गाईड नाम के कॉल सेंटर पर दबिश दी गई। वहां पर करीब दो दर्जन कीपेड मोबाइल बरामद हुए। मोबाइल फोन से पीडि़तों से चर्चा करने पर पता लगा कि उनके साथ लाखों रुपए की ठगी हुई है। पुलिस ने मौके से विवाह गाईड, वर-वधु जोड़ी, मेट्री मोनियल सर्विस प्रोवाईडर, जोड़ी सर्विस प्रोवाइडर नाम से फर्मों के नाम बदल-बदल कर लोगों को धोखा देने के दस्तावेजी साक्ष्य मिले हैं। संस्था संचालक पर वैधानिक कार्रवाई की जा रही है। चारों प्रकरणों में 60 मोबाइल फोन, 40 कम्प्यूटर, 40 सीपीयू, 4 लैपटॉप बरामद हुए हैं।

एक्सपर्ट का कोई प्रमाण पत्र नहीं होता
पुलिस अधीक्षक पुनीत गेहलोद ने बताया कि व्हाटसएप गु्रप के माध्यम से प्रिमियम मेंबर शीप का लालच देते हैं। प्रिमियम मेंबर बनाने के लिए अतिरिक्त रुपए लेते हैं। जो एडवाइस तक सिमित रहने वाला मामला होता है वह सीधे अपने बैंक खाते में राशि स्थानांतरित करवाने तक पहुंचता है जब एक बड़ी धनराशि लोगों के द्वारा इनके खातों में स्थानांतरित की जाती है उसके पश्चात ये उन लोगों के कॉल उठाना बंद कर देते हैं। उसके बाद लोगों के नंबर भी ब्लॉक कर देते हैं। जिन नंबरों से ये लोगों को कॉल करते हैं वह नंबर देश के अलग-अलग शहरों में रहने वाले लोगों के नाम पर होते हैं। सबसे पहले यह रजिस्ट्रेशन करवाते हैं उसकी फीस लेते हैं। फीस लेने के बाद धीरे-धीरे एक व्हाटसएप ग्रुप उन सभी लोगों का बनाते हैं, उन ग्रुपों में एडवाइस ये देते हैं क्लेम करते हैं कि ये एक्सपर्ट हैं। लेकिन इनके पास एक्सपर्ट का कोई प्रमाण पत्र नहीं होता है।

पुलिस अधीक्षक ने आम लोगों से की अपील
पुलिस अधीक्षक पुनीत गेहलोद ने कहा कि किसी भी प्रकार के लालच में जनता नहीं आए। लालच का ये लोग फायदा उठाते हैं उसी के माध्यम से ठगी करते हैं। कई युवक-युवतियां नौकरी ना मिलने के कारण परेशान है उस परेशानी का ये लोग फायदा उठाते हैं। ये लोग अनावश्यक रुप से फर्जी दावे करके बड़ी राशि ऐंठते हैं। इस प्रकार के कॉल अंजान नंबरों से आते हैं। पुलिस आपसे अपील करती है कि कृपया उनको वेरीफाय करें।

किसी भी प्रकार की ठगी का शिकार होने से बचें। अगर ये इस प्रकार के अवैज्ञानिक दावे करते हैं कि दस दिन में आपके निवेश राशि का चार गुना कर दिया जाएगा। पांच दिन में आपके कमर के दर्द को पूरी तरह से मुक्त कर दिया जाएगा। तो इस प्रकार के कॉल में कोई भी राशि हस्तांतरित करने से पहले उसे वेरिफाय करें। क्योंकि 99 प्रतिशत इस प्रकार के फेक क्लेम होते हैं। इनका उद्देश्य आपकी परेशानी को दूर ना करना होकर आपसे बड़ी धनराशि को ऐंठना होता है।

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