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Pahalgam Attack: 'कुशल नेतृत्व में आतंकी हमले का डटकर सामना कर रहा भारत', ग्वालियर में बोले उपराष्ट्रपति धनखड़
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, ग्वालियर
Published by: शबाहत हुसैन
Updated Sun, 04 May 2025 10:04 PM IST
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सार
Jagdeep Dhankhad: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि आज भारत एक सशक्त राष्ट्र बन चुका है और वह कुशल नेतृत्व के तहत पहलगाम में हुए आतंकी हमले की चुनौती का मजबूती से सामना कर रहा है।

जगदीप धनखड़, उपराष्ट्रपति
- फोटो : X / @VPIndia

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विस्तार
ग्वालियर स्थित राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय में छात्रों और फैकल्टी को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारतीयता ही हमारी पहचान है और राष्ट्र धर्म से ऊपर कोई धर्म नहीं हो सकता। धनखड़ ने कहा कि राजमाता का जीवन प्रेरणादायक रहा है। उन्होंने अपना पूरा जीवन त्याग और समर्पण के साथ जिया। आज भारत पहलगाम की चुनौती का सामना कर रहा है, लेकिन आज हमारे पास एक सशक्त भारत है, जिसके पास एक सक्षम नेतृत्व है। गौरतलब है कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की हत्या कर दी गई थी, जिनमें अधिकतर पर्यटक थे। इस घटना के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है।
राष्ट्रवाद के लिए हमेशा मजबूती से खड़ी रहीं विजयाराजे सिंधिया
उपराष्ट्रपति ने कहा कि राजमाता का संदेश था कि राष्ट्रवाद सर्वोपरि है। हम भारतीय हैं और भारतीयता ही हमारी असली पहचान है। राष्ट्रधर्म से बड़ा कोई धर्म नहीं होता। धनखड़ ने छात्रों से अपील की है कि वे हमेशा देश को प्राथमिकता दें। उन्होंने कहा कि राष्ट्रहित से बढ़कर कुछ भी नहीं होता। हमेशा देश को सबसे ऊपर रखें। उन्होंने यह भी कहा कि राजमाता विजयाराजे सिंधिया ने राष्ट्रवाद के लिए हमेशा मजबूती से खड़ी रहीं और अपना पूरा जीवन देश सेवा में समर्पित किया।
पढ़ें: विस अध्यक्ष तोमर के बेटे के रिसेप्शन में सेलिब्रेटी और VVIP गेस्ट का जमावड़ा, उपराष्ट्रपति धनखड़ भी पहुंचे
कृषि और किसानों की भूमिका पर बल
उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में किसानों की भूमिका बेहद अहम है। उन्होंने कहा कि विकसित भारत का रास्ता हमारे खेतों से होकर गुजरता है। भारत हमेशा से कृषि प्रधान देश रहा है और आज हम एक नई कृषि क्रांति के मुहाने पर खड़े हैं जो हमारे भविष्य को तय करेगी। धनखड़ ने किसानों के दुख-दर्द को समझने और उनके प्रति संवेदनशील रहने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि हमें अपने किसानों को सिर्फ उत्पादक नहीं, बल्कि ‘एग्रीप्रेन्योर’ यानी कृषि उद्यमी बनाना होगा।
उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के नारे ‘जय जवान, जय किसान’ की याद दिलाई, जिसे बाद में अटल बिहारी वाजपेयी ने ‘जय विज्ञान’ से जोड़ा और अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे ‘जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान, जय अनुसंधान’ तक बढ़ाया है। उपराष्ट्रपति ने छात्रों और शोधकर्ताओं से अपील की कि वे इस विजन को साकार करने के लिए नवाचार, विज्ञान और अनुसंधान के जरिए सक्रिय भूमिका निभाएं। उन्होंने कहा कि आप सभी को आगे बढ़कर इस दिशा में काम करना चाहिए ताकि यह नारा ज़मीन पर साकार हो सके।
शिवराज सिंह चौहान की सराहना
धनखड़ ने केंद्रीय कृषि मंत्री और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सराहना करते हुए कहा कि उन्हें किसानों की समस्याओं की गहरी समझ है और उन्होंने किसानों से सीधा संवाद स्थापित किया है। उन्होंने कहा कि किसान सरकार की ईमानदार कोशिशों को पहचान रहे हैं। जो पहले कभी नहीं हुआ, वह अब किसानों के हित में हो रहा है।
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राष्ट्रवाद के लिए हमेशा मजबूती से खड़ी रहीं विजयाराजे सिंधिया
उपराष्ट्रपति ने कहा कि राजमाता का संदेश था कि राष्ट्रवाद सर्वोपरि है। हम भारतीय हैं और भारतीयता ही हमारी असली पहचान है। राष्ट्रधर्म से बड़ा कोई धर्म नहीं होता। धनखड़ ने छात्रों से अपील की है कि वे हमेशा देश को प्राथमिकता दें। उन्होंने कहा कि राष्ट्रहित से बढ़कर कुछ भी नहीं होता। हमेशा देश को सबसे ऊपर रखें। उन्होंने यह भी कहा कि राजमाता विजयाराजे सिंधिया ने राष्ट्रवाद के लिए हमेशा मजबूती से खड़ी रहीं और अपना पूरा जीवन देश सेवा में समर्पित किया।
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कृषि और किसानों की भूमिका पर बल
उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में किसानों की भूमिका बेहद अहम है। उन्होंने कहा कि विकसित भारत का रास्ता हमारे खेतों से होकर गुजरता है। भारत हमेशा से कृषि प्रधान देश रहा है और आज हम एक नई कृषि क्रांति के मुहाने पर खड़े हैं जो हमारे भविष्य को तय करेगी। धनखड़ ने किसानों के दुख-दर्द को समझने और उनके प्रति संवेदनशील रहने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि हमें अपने किसानों को सिर्फ उत्पादक नहीं, बल्कि ‘एग्रीप्रेन्योर’ यानी कृषि उद्यमी बनाना होगा।
उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के नारे ‘जय जवान, जय किसान’ की याद दिलाई, जिसे बाद में अटल बिहारी वाजपेयी ने ‘जय विज्ञान’ से जोड़ा और अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे ‘जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान, जय अनुसंधान’ तक बढ़ाया है। उपराष्ट्रपति ने छात्रों और शोधकर्ताओं से अपील की कि वे इस विजन को साकार करने के लिए नवाचार, विज्ञान और अनुसंधान के जरिए सक्रिय भूमिका निभाएं। उन्होंने कहा कि आप सभी को आगे बढ़कर इस दिशा में काम करना चाहिए ताकि यह नारा ज़मीन पर साकार हो सके।
#WATCH | Gwalior, MP | Vice President Jagdeep Dhankhar says, "I know that sometimes we have to keep our 'Mann Ki Baat' in our minds. There are some challenges we do not discuss due to the system or other reasons, but in the case of farmers, I do not follow this. It is my utmost… pic.twitter.com/ebgvmhlMs7
— ANI (@ANI) May 4, 2025
शिवराज सिंह चौहान की सराहना
धनखड़ ने केंद्रीय कृषि मंत्री और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सराहना करते हुए कहा कि उन्हें किसानों की समस्याओं की गहरी समझ है और उन्होंने किसानों से सीधा संवाद स्थापित किया है। उन्होंने कहा कि किसान सरकार की ईमानदार कोशिशों को पहचान रहे हैं। जो पहले कभी नहीं हुआ, वह अब किसानों के हित में हो रहा है।