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गणतंत्र दिवस: कर्तव्य पथ पर गुजरात की झांकी ने जमाया अनोखा आकर्षण; झूमते कलाकारों ने सभी को किया रोमांचित

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: कुमार विवेक Updated Mon, 27 Jan 2025 02:21 PM IST
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सार

26 जनवरी को नई दिल्ली स्थित कर्तव्य पथ पर विभिन्न राज्यों और केंद्रीय मंत्रालयों, विभागों की कुल 31 झांकियां प्रदर्शित की गईं। इस दौरान ‘स्वर्णिम भारत: विरासत और विकास’ की थीम पर आधारित गुजरात की झांकी ‘गुजरात: आनर्तपुर से एकता नगर तक- विरासत से विकास का अद्भुत संगम’ ने मौजूद लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

26 January: Gujarat's tableau on Kartavya path created a unique attraction; Dancing artists thrilled everyone
पीएम मोदी के साथ कलाकार। - फोटो : amarujala.com
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76वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर नई दिल्ली के कर्तव्य पथ पर एक से बढ़कर एक झांकियों का प्रदर्शन हुआ। इस दौरान ‘स्वर्णिम भारत: विरासत और विकास’ की थीम पर आधारित गुजरात की झांकी ‘गुजरात: आनर्तपुर से एकता नगर तक- विरासत से विकास का अद्भुत संगम’ ने मौजूद लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस झांकी के साथ ‘मणियारा रास’ की ताल पर झूमते कलाकारों ने भी हर किसी को रोमांचित कर दिया। समारोह में रिपब्लिक ऑफ इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।

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‘स्वर्णिम भारत : विरासत और विकास’ शीर्षक के अंतर्गत गुजरात की ओर से प्रस्तुत की गई झांकी ने गुजरात की झांकी में 12वीं सदी के वडनगर यानी आनर्तपुर के सोलंकी कालीन ‘कीर्ति तोरण’ से लेकर 21वीं सदी का अजूबा ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ की सांस्कृतिक विरासत के साथ-साथ रक्षा, टेक्नोलॉजी, ऑटोमोबाइल और मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में राज्य की ‘आत्मनिर्भरता’ को प्रदर्शित करती विभिन्न विकास परियोजनाओं का प्रभावशाली निदर्शन किया गया था।
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राज्य की झांकी के अगले हिस्से में सोलंकी काल में निर्मित वडनगर स्थित 12वीं सदी का गुजरात का सांस्कृतिक प्रवेशद्वार कहा जाने वाला ‘कीर्ति तोरण’, जबकि अंत में 21वीं सदी की शान, 182 मीटर ऊंची सरदार पटेल की प्रतिमा ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ को दर्शाया गया, जो दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है। इन दोनों विरासतों के बीच गुजरात में रक्षा, टेक्नोलॉजी, ऑटोमोबाइल और मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में ‘आत्मनिर्भर भारत’ के तहत गुजरात की विभिन्न परियोजनाओं को दर्शाया गया था।

पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी जी की 100वीं जयंती के प्रतीक के रूप में साबरमती रिवरफ्रंट के दोनों तटों को जोड़ने वाला ‘अटल ब्रिज’, द्वारका और शिवराजपुर बीच में आकार लेने वाले ‘अंडर वाटर स्पोर्ट्स’ की गतिविधियों के साथ मिट्टी और शीशे से बनी कच्छी कलाकृतियों ने इस झांकी को चार चांद लगा दिए।

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गुजरात की झांकी के अग्रभाग में ‘यूनेस्को’ की हेरिटेज साइट में शामिल आनर्तपुर यानी मौजूदा वडनगर शहर में स्थित 12वीं सदी का सोलंकी कालीन ‘कीर्ति तोरण’ और नीचे के हिस्से में मिट्टी और शीशे से निर्मित कच्छी कलाकृतियों को प्रदर्शित किया गया।

झांकी के मध्य भाग में रक्षा-टेक्नोलॉजी क्षेत्र में ‘आत्मनिर्भर भारत’ की परियोजनाओं में से एक, वडोदरा में ‘टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड’ के द्वारा तैयार होने वाले भारतीय वायुसेना के सी-295 एयरक्राफ्ट की यूनिट और उसके नीचे अहमदाबाद के साबरमती रिवरफ्रंट के दोनों तटों को जोड़ने वाला इंजीनियरिंग का खूबसूरत नमूना ‘अटल ब्रिज’, गुजरात में भारी निवेश के साथ सेमीकंडक्टर उत्पादन क्षेत्र की सफलता को दिखाते सेमीकंडक्टर चिप और उससे जुड़े विभिन्न उपकरण और उसके नीचे ऑटोमोबाइल-मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में स्थापित हो रहे गुजरात के ऑटो और मशीन उद्योग को दर्शाया गया।

झांकी के अंतिम हिस्से में भारत के पहले उप प्रधानमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के मौके पर उन्हें स्मरणांजलि के रूप में 21वीं सदी की शान और देश भर के किसानों से एकत्रित किए गए लोहे से निर्मित सरदार वल्लभभाई पटेल की 182 मीटर ऊंची प्रतिमा ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ को दर्शाया गया, जो दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है। इसके नीचे के हिस्से में जगत मंदिर द्वारका की पवित्र भूमि और शिवराजपुर बीच में आकार लेने वाले ‘अंडर वाटर स्पोर्ट्स’ की गतिविधियों को प्रदर्शित किया गया। गुजरात की इस झांकी को और अधिक आकर्षक बनाने के लिए पारंपरिक लेकिन अर्वाचीन दोहे के साथ राज्य के जोशीले मणियारा रास को जीवंत नृत्य के साथ प्रस्तुत किया गया।

इस वर्ष गणतंत्र दिवस की परेड में 15 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के साथ-साथ केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों/विभागों की 16 झांकियों समेत कुल 31 झांकियां प्रदर्शित की गईं। गुजरात सरकार के सूचना विभाग की ओर से प्रस्तुत इस झांकी के निर्माण में सूचना व प्रसारण सचिव अवंतिका सिंह औलख, सूचना निदेशक किशोर बचाणी और अतिरिक्त निदेशक अरविंद पटेल के मार्गदर्शन में संयुक्त सूचना निदेशक डॉ. संजय कचोट और उप सूचना निदेशक जिगर खूंट का योगदान रहा।

प्रधानमंत्री आवास पहुंचे गुजरात के झांकी कलाकार
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 जनवरी को ‘पीएम एट होम’ कार्यक्रम के अंतर्गत गुजरात के झांकी कलाकारों सहित एनसीसी कैडेटों, एनएसएस स्वयंसेवकों और आदिवासी मेहमानों के साथ मुलाकात कर उनसे बातचीत की थी। इस अवसर पर केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया, केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री जुएल ओराम, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार श्री अजीत डोभाल सहित अन्य गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।

जीत की हैट्रिक लगाने के करीब गुजरात!
राज्य की झांकी को विजेता बनाने के लिए MyGov पर जाकर भरपूर वोटिंग करें और गुजरात को विजेता बनाने में अपना योगदान दें। 26 जनवरी, 2025 को गणतंत्र दिवस समारोह के अवसर पर प्रतिवर्ष की तरह इस वर्ष भी नई दिल्ली के कर्तव्य पथ पर भव्य एवं रंगारंग परेड आयोजित हुई, जिसमें देश की सैन्य और सांस्कृतिक झांकी के प्रदर्शन के साथ ही राज्यों की झांकियां भी प्रदर्शित की गईं। गुजरात की झांकी पिछले दो वर्षों से ‘पब्लिक चॉइस अवॉर्ड’ में लगातार प्रथम स्थान प्राप्त करने में सफल रही है।

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