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मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने कहा, सीएए के खिलाफ सार्वजनिक जगहों पर विरोध-प्रदर्शन की अनुमति नहीं दे सकते
पीटीआई, जबलपुर
Published by: देव कश्यप
Updated Sun, 01 Mar 2020 08:35 AM IST
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फाइल फोटो
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मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की जबलपुर स्थित मुख्य पीठ ने सीएए के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन को लेकर निर्णायक फैसला दिया है। कोर्ट ने कहा कि वह सार्वजनिक स्थल पर शांतिपूर्वक विरोध प्रदर्शन की अनुमति नहीं दे सकती। न ही ऐसे विरोध प्रदर्शन को अनुमति देने के लिए कोई आदेश जारी कर सकती है।
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इसी के साथ हाईकोर्ट ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए), राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) के खिलाफ शांतिपूर्ण तरीके से धरना प्रदर्शन की अनुमति मांगने वाली एक मुस्लिम संगठन की याचिका खारिज कर दी। हाईकोर्ट के न्यायाधीश विशाल घगट की एकलपीठ ने याचिका खारिज करते हुए अपने आदेश में कहा है कि सार्वजिनक जगहों पर धरना प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं दे सकते हैं।
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इंडियन मुस्लिम लीग के प्रदेश अध्यक्ष जावेद खान की तरफ से दायर की गई याचिका में कहा गया है कि वह सीएए, एनआरसी व एनपीआर के खिलाफ संवैधानिक तरीके से विरोध प्रदर्शन करना चाहते हैं। न्यायालय द्वारा इसके लिए उन्हें अनुमति दी जाए।
इससे पहले उन्होंने शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन की अनुमति के लिए आधारताल इलाके के एसडीएम को आवेदन दिया था। एसडीएम ने संबंधित थाना प्रभारी की रिपोर्ट के आधार पर उन्हें अनुमति प्रदान करने से इंकार कर दिया था। जिला कलेक्टर तथा संभागायुक्त से भी इसकी अनुमति नहीं मिलने के बाद खान ने अदालत में इसके लिए याचिका दायर की।
एकलपीठ ने शुक्रवार को जारी फैसले में याचिका खारिज करते हुए अपने आदेश में कहा है कि याचिकाकर्ता को सार्वजनिक जगहों पर धरना प्रदर्शन की अनुमति प्रदान नहीं दी जा सकती। पीठ ने कहा कि अभ्यावेदन के निराकरण के संबंध में न्यायालय हस्ताक्षेप नहीं करेगा और जिला कलेक्टर को किसी प्रकार के आदेश जारी नहीं किए जाएंगे।