देश को मिला अपना ‘रुपे’ पेमेंट गेटवे
डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड यूज करने वालों को खुद के देश का पेमेंट गेटवे मिल गया है। वीसा और मास्टर कार्ड को अब चुनौती देगा रुपे, जानिए कैसे?
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने देश के पहले पेमेंट गेटवे रुपे को लांच किया। वीसा और मास्टर कार्ड की तरह ही रुपे कार्ड के जरिए लोग एटीएम से पैसे निकाल सकेंगे और शॉपिंग व कैश ट्रांजेक्शन कर सकेंगे।
राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में रुपे पेमेंट गेटवे का उद्घाटन करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि भारत अब दुनिया के ऐसे चुनिंदा देशों में शुमार हो गया है, जिनके पास अपना कार्ड पेमेंट गेटवे है। उन्होंने कहा कि रुपे कार्ड से न केवल नकदी पर लोगों की निर्भरता कम हो जाएगी, बल्कि लोगों को देश भर में भुगतान करने के लिए के लिए एक नया विकल्प मिल जाएगा।
एनपीसीआई के चेयरमैन बालचंद्रन एम ने कहा कि बोर्ड रुपे कार्ड के जरिए विदेशों में भी लेनदेन के लिए प्रयास कर रहा है। इसे लेकर अमेरिका में डिस्कवर फाइनेंशियल सर्विसेज औश्र जापान में जेडीसी के साथ हमारी बातचीत पहले से चल रही है।
वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा सचिव जीएस संधू ने इस मौके पर बताया कि रुपे गेवटवे के जरिए क्लीयरिंग ओर सेटेलमेंट के लिए बैंकों को विदेशी गेटवे की तुलना में 40 फीसदी कम शुल्क अदा करना पड़ता है। रुपे पेमेंट गेटवे को नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) द्वारा विकसित किया गया है।
एसबीआई, आईसीआईसीआई बैंक, पंजाब नेशनल बैंक जैसे कई बड़े बैंक इसके क्लीयरिंग सेटेलमेंट में शामिल हैं और कार्ड जारी कर रहे हैं। देश के सरकारी बैंक पहले ही देशभर में रुपे कार्ड के इस्तेमाल की सुविधा वाले 25,331 एटीएम खोल चुके हैं।
आने वाले दिनों में ऐसे करीब नौ हजार एटीएम और खोले जाएंगे। इसके अलावा रुपे कार्ड देश में कार्यरत 1.6 लाख से अधिक एटीएम पर स्वीकार्य है और करीब 95 फीसदी पेमेंट टर्मिनलों पर भी इसे स्वीकार किया जाता है। रुपे कार्ड के एक प्री-पेड वर्जन को जल्द ही आईआरसीटीसी द्वारा लांच किया जाएगा। इस प्री-पेड कार्ड के जरिए लोग रेलवे टिकट बुक करवा सकेंगे।