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पासवर्ड के झंझट से मिलेगी मुक्ति, पढ़िए आपके काम की ये खबर

Updated Fri, 06 Nov 2015 09:09 AM IST
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हर भारतीय के साथ भारतीय कारोबार की उत्पादकता को बढ़ाने व उन्हें सरल बनाने के उद्देश्य से माइक्रोसॉफ्ट आने वाले समय में भारत को क्लाउड सेवा से जोड़ने जा रही है।



भारत के डिजिटाइजेशन कार्यक्रम में तेजी के साथ उसे अंजाम तक पहुंचाने के लिए माइक्रोसॉफ्ट क्लाउड सेवा के जरिए ई-कॉमर्स कंपनियों, स्टार्ट अप व स्मार्ट सिटी के लिए कई नई चीजें लांच करने जा रही है।
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स्मार्ट सिटी के लिए माइक्रोसॉफ्ट के ओजुर कंप्यूटिंग के तहत सोल्यूशन बनाने वाली स्टार्ट अप कंपनियों को तो माइक्रोसॉफ्ट 80 लाख रुपये की मदद भी देगी।

माइक्रोसॉफ्ट साइबर सुरक्षा को लेकर बढ़ती चिंताओं का समाधान ‘न रहेगा बांस, न बजेगी बांसुरी’ की तर्ज पर ढूंढने में जुटी हुई है। पासवर्ड तोड़कर लोगों को ई-मेल और मोबाइल डेटा में सेंध लगाए जाने की चिंता से लोगों को मुक्ति दिलाने के लिए वह पासवर्ड के झंझट को ही खत्म करने की संभावनाओं पर काम कर रही है।

सत्या नडेला ने बताया कि हम पासवर्ड के जरिए हैकिंग को खत्म करने के लिए बायोमैट्रिक्स पर आधारित सुरक्षा तकनीक पर काम कर रहे हैं। ऐसा होने पर हैकरों के लिए पासवर्ड ब्रेक साइबर चोरी करना मुमकिन नहीं रह जाएगा।

ये फोन लॉन्च करने की घोषणा

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बृहस्पतिवार को मुंबई में माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नडेला ने कंपनी के भविष्य की तैयारियों पर आयोजित कार्यक्रम में इस बात की घोषणा की। भारत के फोन प्रेमियों के लिए उन्होंने दिसंबर 2015 में माइक्रोसॉफ्ट लुमिया 950 व 950 एक्सएल को भारत में लांच करने की घोषणा की। नडेला ने बताया कि वह खुद भी लुमिया 950 का इस्तेमाल करते हैं, जो आपको पर्सनल कंप्यूटर का मजा देने में सक्षम है।

संचार व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद व महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस की मौजूदगी में नडेला ने अगले साल के आरंभ में सरफेस प्रो-4 टैबलेट कंप्यूटर को भी भारत में लांच करने की घोषणा की।

सरफेस प्रो-4 एक ऐसा टैबलेट है, जिसे आप अपनी सुविधा के मुताबिक लैपटॉप में बदल सकते हैं और इस पर डेस्कटाप के सभी साफ्टवेयर काम करेंगे। इस मौके पर माइक्रोसॉफ्ट इंडिया के सीईओ भास्कर प्रमाणिक, महिंद्रा व महिंद्रा के चेयरमैन आनंद महिंद्रा व कई बड़ी कंपनियों के चेयरमैन मौजूद थे।

नडेला ने कहा कि भारत में वर्ष 2020 तक ई-कॉमर्स कंपनियों का कारोबार 100 अऱब डॉलर का हो जाएगा और ऐसे में माइक्रोसॉफ्ट उन्हें अपने क्लाउड कंप्यूटिंग के माध्यम से कारोबार में विस्तार करने में मदद कर रही है। उन्होंने कहा कि माइक्रोसॉफ्ट ने जस्टडायल, पेटीएम, स्नैपडील जैसी कंपनियों के साथ करार किया है, जिससे नए प्रकार का बाजार तैयार होगा।

नडेला ने कहा कि भारत में स्मार्ट सिटी के लिए ओजुर कंप्यूटिंग को विकसित किया गया है जो स्टार्ट अप्स को शहर व उनकी जरूरतों से जोड़ता है। ओजुर के तहत सॉल्यूशन विकसित करने वाले स्टार्ट अप को माइक्रोसॉफ्ट ने 80 लाख रुपये की मदद देने की बात कही। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के सॉल्यूशन से आने वाले समय में शहरी जीवन पूरी तरह से बदल जाएगा।

बताया गांव तक इंटरनेट पहुंचाने का फार्मूला

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देश के हर गांव को इंटरनेट की सुविधा से लैस करने के सरकार के सपने को व्हाइट.फाई के जरिए आसानी से साकार किया जा सकता है। इस सेवा के स्पेक्ट्रम के जरिए गांवों को आसानी से इंटरनेट से जोड़ा जा सकता है। वैसे गांवों से भी जहां अभी तक बिजली तक नहीं पहुंची है।

माइक्रोसॉफ्ट ने हाल ही में व्हाइट.फाई नामक अपनी सेवा के जरिए आंध्र प्रदेश के गांवों को इंटरनेट से जोड़ने का काम कर रही है। इस सेवा के जरिए इंटरनेट पहुंचाने के लिए केबल सेवा या आप्टिकल फाइबर की जरूरत भी नहीं है।

सरकार ने देश के 2.5 लाख ग्राम पंचायतों को ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ने का लक्ष्य रखा है, लेकिन यह काम काफी धीमी गति से चल रहा है और अब तक 20,000 ग्राम पंचायतों को भी ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ा नहीं जा सका है। ऐसे में माइक्रोसॉफ्ट का व  व्हाइट.फाई  सेवा देश के हर घर को इंटरनेट से जोड़ने के काम आ सकता है।

माइक्रोसॉफ्ट के इंडिया स्ट्रेटेजी हेड अनिल कुमार रेड्डी ने बताया कि व्हाइट फाई एक डिवाइस है, जिसे कसी जगह पर स्थापित कर देने के बाद उसके आसपास के 30 किलोमीटर इलाके में इंटरनेट का इस्तेमाल किया जा सकता है। यह डिवाइस स्पेक्ट्रम के माध्यम से अपनी सेवा देती है और यह उन स्पेक्ट्रम का इस्तेमाल करती है जो बेकार पड़े हैं।

इसलिए इसकी लागत भी खास नहीं आती है। हालिंक रेड्डी ने इस बात का खुलासा नहीं किया कि इस डिवाइस को लगाने पर कितना खर्च आता है। उन्होंने बताया कि माइक्रोसॉफ्ट आंध्र प्रदेश के गांव में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में इस डिवाइस को लगाया जा रहा है और सफल होने पर अन्य जगहों पर भी इसे लगाने का काम किया जा सकता है।

माइक्रोसॉफ्ट सरकार से इस डिवाइस के जरिए गांव-गांव तक इंटरनेट की सुविधा पहुंचाने के लिए सहयोग की बात कर रही है। सबसे बड़ी बात है कि व्हाइट.फाई डिवाइस को लगाने के बाद घंटों में 30 किलोमीटर के आसपास के लोग इंटरनेट का इस्तेमाल कर सकते हैं।

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