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5600 करोड़ का बोझ उठाने को तैयार नहीं यूपी सरकार
लखनऊ/अमर उजाला ब्यूरो
Updated Mon, 05 Nov 2012 01:28 PM IST
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उत्तर प्रदेश में सौ करोड़ रुपये अधिक का निवेश कर सरकार की छूट योजना से लाभ की चाह रखने वाली कंपनियों को झटका लग सकता है। प्रदेश सरकार ने इन कंपनियों की दी जाने वाली छूट के एवज में लगभग 5600 सौ करोड़ रुपये को बोझ न उठाने का निर्णय लिया है।
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सरकार ने इस मामले में अदालत में जवाब दाखिल कर दिया है। सरकार का कहना है कि सौ करोड़ से अधिक के निवेश प्रोत्साहन योजना से प्रदेश में अपेक्षित निवेश नहीं आया। इसलिए यह योजना शुरू करने का कोई मतलब नहीं है।
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दिलचस्प यह है कि सरकार द्वारा गठित मंत्री समूह प्रभावित कंपनियों को छूट दिए जाने का पक्षधर था। लेकिन मुख्य सचिव के निर्देश पर जब वित्त विभाग ने खर्च का हिसाब लगाया तो पता चला कि छूट के बदले सरकार को 5600 करोड़ रुपये खर्च करने पड़ेंगे। अब इस मामले में फै सला अदालत को लेना है।
सूत्रों के मुताबिक सरकार का कहना है कि उसने निवेश प्रोत्साहन के लिए नई औद्योगिक नीति-2012 लागू कर दी है। अब इसी आधार पर निवेशकों को कई तरह की सहूलियतें दी जाएंगी। असल में पिछली मुलायम सरकार ने तीस नवंबर 2006 को फैसला लिया था कि जो औद्योगिक इकाईयां प्रदेश में सौ करोड़ से अधिक का निवेश करेंगी, उन्हें कई तरह की सहूलियतें व छूट मिलेगी।
इसमें 11 निवेशकों ने ही दिलचस्पी दिखाई। यूनिट भी लग गईं। लेकिन बसपा सरकार ने इस योजना को 2010 में खत्म कर दिया। इसके बाद सात निवेशक अदालत चले गए। इस बीच सपा सरकार आ गई। अदालत ने इस मामले में जवाब तलब किया। इस पर मुख्यमंत्री ने कृषि मंत्री आनंद सिंह के की अध्यक्षता में मंत्री समूह गठित कर दिया।