यदि कुंडली में पितृदोष हो तो किसी भी इंसान को तमाम तरह की परेशानियों से जूझना पड़ता है। इस दोष को दूर करने के लिए राशिवार उपाय को जानने से पहले आइए समझते हैं कि आखिर आपकी कुंडली में क्यों मौजूद है पितृदोष और क्या हैं उनके संकेत —

१- यदि घर में अकस्मात मृत्यु हो रही है, तो इसका कारण पित्तरों का श्राद्धवत तर्पण न होना होता है।
२- यदि वंशवृद्धि नहीं हो रही है, तो इसका कारण पित्तरों की विस्मृति होता है।
३- यदि भूमि की हानि हो रही है, तो इसका कारण पूर्वजों के द्वारा किये गए शुभ कामों की आपके द्वारा निंदा होती है।
४- यदि रोजगार में परेशानी आ रही है, तो यह धर्म विरुद्ध आचरण पितृ दोष की श्रेणी में आता है।
५- यदि मान-सम्मान में कमी हो रही है, तो यह गौ हत्या समरूप पितृदोष है।
६- यदि लगातार बीमार रहते हैं, तो यह नदी/कूपजल में मलमूत्र विसर्जन पितृदोष है|
७- यदि अपमान का सामना करना पड़ रहा है, तो यह अमावस्या संभोग पितृदोष का कारण है।
८- यदि घर में किसी भी प्रकार की वृद्धि नहीं होती है, तो यह भ्रूण हत्या पितृदोष का कारण है।
इस साल 24 सितम्बर से पितृपक्ष आरंभ हो रहा है। इस दौरान अपनी राशि के अनुसार पितृदोष को दूर करने का उपाय जानने के लिए आगे की स्लाइड्स पर क्लिक करें —
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