Narak Chaturdashi 2025 Upay: दीपावली का पांच दिवसीय पर्व पूरे देश में बड़े उमंग के साथ मनाया जाता है। इस उत्सव का दूसरा दिन नरक चतुर्दशी कहलाता है, जिसे रूप चौदस या काली चौदस के नाम से भी जाना जाता है। यह पर्व कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, इसी दिन भगवान श्रीकृष्ण ने दैत्यराज नरकासुर का वध कर 16,000 कन्याओं को उसके बंधन से मुक्त कराया था। इसलिए यह दिन अंधकार और अधर्म पर प्रकाश व धर्म की विजय का प्रतीक माना जाता है।
Narak Chaturdashi 2025: नरक चतुर्दशी पर करें ये पांच उपाय, जीवन के सभी संकट होते हैं दूर
Narak Chaturdashi 2025 Upay: नरक चतुर्दशी के दिन विधिवत पूजा और उपाय करने से जीवन से दरिद्रता, दुख और नकारात्मकता का अंत होता है। साथ ही सुख-समृद्धि का वास होता है।


चौमुखी दीपक जलाएं
नरक चतुर्दशी की रात मिट्टी का चौमुखी दीपक जलाना अत्यंत शुभ माना गया है। इसमें सरसों का तेल डालकर चार दिशाओं की ओर चार बत्तियां लगाई जाती हैं। इस दीपक को ‘यम दीप’ कहा जाता है, जो मृत्यु के देवता यमराज को समर्पित होता है। इसे घर के मुख्य द्वार के बाहर दक्षिण दिशा की ओर रखकर जलाया जाता है।
दीपक जलाते समय इस मंत्र का जाप करें-
“मृत्युना पाशदण्डाभ्यां कालेन च मया सह, या त्रयोदश्यां दीपदानात् सूर्यजः प्रीयतामिति॥”
घर के सबसे वरिष्ठ सदस्य को यह दीपक जलाना चाहिए और जलाने के बाद दीपक को पलटकर नहीं देखना चाहिए। उस उपाय से अकाल मृत्यु का भय समाप्त होता है और घर में सुख-शांति का वातावरण बना रहता है।

मां काली की आराधना
नरक चतुर्दशी को काली चौदस भी कहा जाता है। इस दिन मां काली की पूजा करने से व्यक्ति को नकारात्मक ऊर्जा, भय और संकटों से मुक्ति मिलती है। पूजा के समय लाल गुड़हल के फूल अर्पित करें और “ॐ क्रीं कालिकायै नमः” मंत्र का जप करें। यह साधना शत्रु नाश और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्ति का माध्यम मानी जाती है।

हनुमान जी की पूजा
इस दिन हनुमान जी की आराधना भी अत्यंत फलदायी मानी जाती है। प्रभु हनुमान के समक्ष सरसों के तेल का दीपक जलाएं और “ॐ हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट्” मंत्र की 11 माला जपें। यह उपाय कर्ज मुक्ति, बाधा निवारण और घर में शुभ ऊर्जा के प्रवाह के लिए विशेष रूप से किया जाता है।

14 दीपक जलाने की परंपरा
डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों आदि पर आधारित है। यहां दी गई सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए अमर उजाला उत्तरदायी नहीं है।
नरक चतुर्दशी की रात 14 दीपक जलाने की परंपरा है। इन दीपकों को यम दीपक के अलावा घर के मंदिर, रसोई, तुलसी के पास, मुख्य द्वार, छत और स्नानगृह में जलाना शुभ माना गया है। यह दीपदान पितरों की शांति और घर में समृद्धि बढ़ाने वाला माना जाता है।
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