नए वर्ष में दो सूर्य ग्रहण लग रहा है। पहला सूर्य ग्रहण 21 जून को और दूसरा सूर्य ग्रहण 14 दिसंबर को पड़ेगा। 21 जून का सूर्य ग्रहण 'चूड़ामणि ग्रहण' के नाम से जाना जाएगा जबकि 14 दिसंबर खग्रास ग्रहण रहेगा। कोई भी सूर्यग्रहण यदि रविवार को पड़ता है तो उसे 'चूड़ामणि ग्रहण' कहते हैं। ऐसे ग्रहण में स्नान, दान, जप और पूजा-पाठ आदि का महत्व सर्वाधिक बताया गया है। ग्रहण काल में कोई भी मंत्र सिद्ध करना हो तो सर्वश्रेष्ठ अवसर उपलब्ध रहता है अतः ऐसे अवसर को जाने ना दें।
भारत में दिखेगा ‘चूड़ामणि ग्रहण’ किसके लिए वरदान किसके लिए अभिशाप
नए वर्ष का सूर्य ग्रहण आषाढ़ की अमावस्या दिन रविवार को पड़ रहा है, जो जनमानस के लिए तो अशुभ है साथ ही शासन सत्ता के लिए भी अनुकूल नहीं है। पृथ्वी पर इस ग्रहण का आरंभ भारतीय समयानुसार 9 बजकर 15 मिनट पर होगा, 12 बजकर 10 मिनट पर परमग्रास रहेगा तथा 3 बजकर 04 मिनट पर ये कंकड़ सूर्य ग्रहण समाप्त हो जाएगा। सम्पूर्ण भारत के अतिरिक्त दक्षिण पूर्व यूरोप, ऑस्ट्रेलिया के उत्तरी भागों, फिजी, हिंद महासागर, मध्य पूर्व एशिया, अफगानिस्तान, पाकिस्तान, मध्य दक्षिण चीन, वर्मा, फिलीपींस आदि देशों में दिखाई देगा। ये ग्रहण मृगशिरा तथा आर्द्रा नक्षत्र एवं गंण्ड तथा वृद्धि योग में घटित होगा। जिसका जनमानस एवं फसलों पर मिलाजुला प्रभाव पड़ेगा।
मिथुन राशि में पड़ने वाले इस कंकड़ सूर्य ग्रहण का आपकी राशि पर कैसा प्रभाव रहेगा इसका ज्योतिषीय विश्लेषण करते हैं।
वृषभ राशि- आपके धनभाव में पड़ने वाला ये ग्रहण पारिवारिक कलह बढ़ा सकता है। व्यापार आरंभ करते समय अथवा किसी महंगी वस्तु के खरीदने के समय लेन-देन के मामलों में सावधान रहें, धन हानि से बचें। ॐ नमः शिवाय करालं महाकाल कालं कृपालं ॐ नमः शिवाय' मंत्र जपना विषम परिस्थितियों से मुक्ति देगा।
मिथुन राशि- आपकी राशि पर पड़ने वाला ग्रहण मानसिक अशांति देगा। शिरोपीड़ा भी हो सकती है। अपने स्वभाव में उग्रता न आने दें। कोर्ट कचहरी के मामलों से बचें। वाहन सावधानी पूर्वक चलाएं। ध्यान रहे ग्रहण का दुष्प्रभाव लगभग एक माह तक रहता है अतः सावधानी बरतें ॐ घृणिः सूर्याय नमः मंत्र का जप श्रेयस्कर रहेगा।

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