Weather: मानसून का सीजन खत्म होने के बाद सर्दी के मौसम की शुरुआत होने वाली है। सर्दियों के आने से पहले इस बात की चर्चा छिड़ी हुई है कि क्या बारिश की तरह इस साल ठंड भी ज्यादा पड़ेगी? ला नीना के कारण यह बहस छिड़ गई है। ला नीना एक जलवायु परिघटना है, जिसका इस साल सर्दियों पर सीधा प्रभाव पड़ सकता है। ला नीना ठंडी जलवायु का प्रतीक है। ला नीना अल नीनो के उलट होता है।
भारत में ला नीना की वजह से ज्यादा ठंड पड़ेन की संभावना है। उत्तर भारत में विशेष तौर पर इसका प्रभाव देखने को मिलेगा। यह मौसम पैटर्न प्रशांत महासागर को ठंडा करने का काम है। ऐसे में यह उत्तर भारत में नवंबर-दिसंबर के महीने में अधिक पाला पड़ने और शीत लहरों का कारण बनता है। अमेरिकी राष्ट्रीय मौसम सेवा के जलवायु पूर्वानुमान केंद्र ने अक्तूबर से दिसंबर के बीच ला नीना विकसित होने की 71 फीसदी तक संभावना जताई है।