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सेहत की बात: हाई कोलेस्ट्रॉल से सिर्फ हार्ट अटैक ही नहीं, इन स्वास्थ्य समस्याओं का भी हो सकता है खतरा
हेल्थ डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: अभिलाष श्रीवास्तव
Updated Wed, 03 Apr 2024 08:00 AM IST
ब्लड में कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ने को सेहत के लिए हानिकारक माना जाता है। अध्ययनों में इसका सबसे ज्यादा दुष्प्रभाव हृदय स्वास्थ्य पर देखा जाता रहा है। कोलेस्ट्रॉल मोम युक्त पदार्थ होता है, जिसकी शरीर में कई प्रकार के कार्यों के लिए आवश्यकता होती है। हालांकि अगर शरीर में इसकी मात्रा अधिक हो जाती है तो ये रक्त वाहिकाओं में जमा होकर हृदय तक पहुंचने वाले रक्त के प्रवाह को बाधित कर देती है। लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन (एलडीएल) को बैड कोलेस्ट्रॉल कहा जाता है, जिसका बढ़ना संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।
बैड कोलेस्ट्रॉल, धमनियों में जमा होकर रक्त के प्रवाह को बाधित कर सकती हैं, जिससे कई प्रकार की स्वास्थ्य जटिलताओं का खतरा रहता है। कोलेस्ट्रॉल के कारण आपको सीने में दर्द (एनजाइना) और कोरोनरी आर्टरी डिजीज हो सकती है। पर क्या आप जानते हैं कि हाई कोलेस्ट्रॉल सिर्फ हार्ट के लिए ही नहीं, सेहत के लिए कई और भी कई प्रकार से हानिकारक हो सकती है।
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बैड कोलेस्ट्रॉल बढ़ने की दिक्कत
- फोटो : istock
कोलेस्ट्रॉल के कारण होने वाली समस्याएं
डॉक्टर कहते हैं, हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या सिर्फ बढ़ती उम्र के साथ होने वाली दिक्कत नहीं है, अब कम उम्र के लोग भी इसके शिकार देखे जा रहे हैं। लाइफस्टाइल और आहार में गड़बड़ी कोलेस्ट्रॉल बढ़ाने वाले कारक हो सकते हैं। इसके अलावा गर्भनिरोधक गोलियों, मूत्रवर्धक दवाओं, बीटा-ब्लॉकर्स और अवसाद के इलाज के लिए उपयोग की जाने वाली कुछ दवाएं भी कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ा सकती हैं। जिन लोगों के परिवार में पहले से किसी को कोलेस्ट्रॉल की समस्या रही है उनमें इसका जोखिम और अधिक हो सकता है।
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हृदय रोगों का जोखिम
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हृदय स्वास्थ्य की समस्या
आपके शरीर की हार्मोन-उत्पादक ग्रंथियां एस्ट्रोजेन, टेस्टोस्टेरोन और कोर्टिसोल जैसे हार्मोन बनाने के लिए कोलेस्ट्रॉल का उपयोग करती हैं। हार्मोन आपके शरीर के कोलेस्ट्रॉल स्तर पर भी प्रभाव डाल सकते हैं। शोध से पता चला है कि मासिक धर्म चक्र के बंद होने के दौरान शरीर में एस्ट्रोजन का स्तर बढ़ने का खतरा रहता है। यही कारण है कि रजोनिवृत्ति के बाद महिलाओं में हृदय रोग का जोखिम बढ़ जाता है।
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मस्तिष्क की समस्याएं
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स्ट्रोक और मस्तिष्क की समस्या
कोलेस्ट्रॉल मानव मस्तिष्क का एक आवश्यक घटक है। मस्तिष्क में शरीर के कुल कोलेस्ट्रॉल का लगभग 25 प्रतिशत हिस्सा होता है। यह वसा तंत्रिका कोशिकाओं के विकास और सुरक्षा के लिए आवश्यक है। हालांकि धमनियों में अतिरिक्त कोलेस्ट्रॉल, स्ट्रोक का कारण बन सकता है। रक्त प्रवाह में व्यवधान से मस्तिष्क के हिस्सों को नुकसान पहुंच सकता है, जिससे स्मृति, गतिशीलता, निगलने और बोलने में कठिनाई और अन्य कार्यों में भी समस्या होने का खतरा रहता है। स्ट्रोक को जानलेवा दुष्प्रभाव भी माना जाता है।
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पाचन की समस्या
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पाचन स्वास्थ्य पर असर
पाचन तंत्र में पित्त के उत्पादन के लिए कोलेस्ट्रॉल आवश्यक है। पित्त ऐसा पदार्थ है जो आपके शरीर में खाद्य पदार्थों को तोड़ने और आपकी आंतों में पोषक तत्वों को अवशोषित करने में मदद करता है। लेकिन यदि आपके पित्त में बहुत अधिक कोलेस्ट्रॉल है, तो अतिरिक्त कोलेस्ट्रॉल क्रिस्टल में बदल जाता है और फिर इससे पित्ताशय में पथरी बन सकता है। पित्ताशय की पथरी की समस्या तेजी से बढ़ती जा रही है जिसको लेकर सभी लोगों को सावधानी बरतते रहने की आवश्यकता होती है।
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नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।
अस्वीकरण: अमर उजाला की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।
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