Maithili Thakur Lifestyle: लोकगीत गायिका मैथिली ठाकुर इन दिनों अपने सुरों और संगीत के लिए नहीं, बल्कि राजनीति में एंट्री करने को लेकर चर्चा में हैं। संगीत से राजनीति तक का सफर तय करने वाली मैथिली ठाकुर की यह यात्रा लोक की आवाज को सत्ता के गलियारों तक पहुंचा सकती है। लोक-गायिका मैथिली ठाकुर सादगी और संस्कृति से जुड़ी छवि के लिए जानी जाती हैं। उनकी संगीत-यात्रा, सार्वजनिक प्रस्तुतियाँ और वर्तमान राजनीतिक सक्रियता ने उन्हें एक बहु-आयामी व्यक्तित्व बना दिया है। इस लेख में जानते हैं मैथिली ठाकुर के संगीत के संघर्ष से सियासत तक के सफर के बारे में। और ये सब हासिल करने के लिए मैथिली की दिनचर्या और जीवनशैली कैसी है।
Maithili Thakur Lifestyle: घंटों अभ्यास- एक शो से लाखों की कमाई, जानिए कैसी है मैथिली ठाकुर की जीवनशैली
Maithili Thakur Lifestyle : मैथिली ठाकुर के संगीत के संघर्ष से सियासत तक के सफर के बारे में जानिए। साथ ही ये भी जानें कि ये सब हासिल करने के लिए मैथिली की दिनचर्या और जीवनशैली कैसी है।


संगीत से पहचान, संघर्ष से सम्मान
बिहार के मधुबनी जिले के बेनीपट्टी गांव से निकलकर मैथिली ने साबित किया कि हुनर को मंच नहीं, मेहनत चाहिए। उनके पिता रमेश ठाकुर एक संगीत शिक्षक हैं और माता भारती ठाकुर ने अपने बच्चों के सपनों को सहेजने के लिए आर्थिक तंगी को कभी बाधा नहीं बनने दिया। बाल्यावस्था में ही मैथिली ने शास्त्रीय संगीत की तालीम ली और राइजिंग स्टार जैसे टीवी शो ने उन्हें देशभर में पहचान दिलाई। आज उनके भजन, लोकगीत और सूफियाना प्रस्तुतियाँ न सिर्फ भारत, बल्कि नेपाल और प्रवासी भारतीयों में भी लोकप्रिय हैं।

मैथिली ठाकुर की दिनचर्या
मैथिली ठाकुर के बचपन से ही संगीत उनकी दिनचर्या का महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है। एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया है कि जब वे छोटी थीं, तो अक्सर सुबह की शुरुआत संगीत अभ्यास (साधना) से होती थी। वे कहती हैं कि दिन के 24 घंटे में से लगभग वह अधिकांश समय संगीत को देती थीं।
मैथिली ठाकुर की शिक्षा
शुरुआती पढ़ाई गांव से की, बाद में मैथिली का पूरा परिवार दिल्ली शिफ्ट हो गया, जहां उन्होंने बाल भवन इंटरनेशनल स्कूल से 12वीं तक की पढ़ाई पूरी की। फिर दिल्ली यूनिवर्सिटी के आत्माराम सनातन धर्म कॉलेज से स्नातक किया।

संगीत मैथिली के जीवन का केन्द्र बिंदु है। लोक, भक्ति गीत, छठ गीत, पारंपरिक मैथिली गीतों के अलावा वे भोजपुरी और हिंदी गीतों पर भी काम करती हैं। अभ्यास के बाद कार्यक्रम-शोज़ (लाइव प्रोग्राम) और रिकॉर्डिंग करती हैं। सार्वजनिक और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर वीडियो शेयरिंग उनके लिए नियमित गतिविधि है।
