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कई ध्वजों को बदलने के बाद बना राष्ट्रीय ध्वज, पढ़ें पूरा इतिहास

टीम डिजिटल/ अमर उजाला, दिल्ली Updated Mon, 25 Jan 2016 03:31 PM IST
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कई ध्वजों को बदलने के बाद बना राष्ट्रीय ध्वज, पढ़ें पूरा इतिहास

history of the national flag of india in hindi

हमारा राष्ट्रीय ध्वज वर्तमान में जिस स्वरूप में दिख रहा है कि उसे बनने में कई साल लगे थे। जानिए कितने ध्वजों को बदलने के बाद सामने आया ‌था तिरंगा?

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कई ध्वजों को बदलने के बाद बना राष्ट्रीय ध्वज, पढ़ें पूरा इतिहास

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स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पिंगली वेंकैया ने एक बार कांग्रेस अधिवेशन के दौरान महात्मा गांधी को भारत के राष्ट्रीय ध्वज के लिए सुझाव दिया। गांधी जी को ये विचार पसंद आया। वेंकैया ने पांच साल तक तीस देशों के ध्वजों पर रिसर्च की और साल 1921 में दो रंगों वाले लाल और हरे रंग के झंडे को पेश किया।

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जालंधर के हंसराज ने इसमें चक्र बनाने का सुझाव दिया था। गांधी जी कहने पर इसमें सफेद रंग भी जोड़ा गया। साल 1931 करांची के अखिल भारतीय सम्मेलन में केसरिया, सफेद और हरे रंग के साथ इस ध्वज फहराया गया। लेकिन इसके पहले भारत के कई ध्वज बन चुके हैं जो बाद में बदले गए।

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पहला राष्‍ट्रीय ध्‍वज 7 अगस्‍त 1906 को पारसी बागान चौक (ग्रीन पार्क) कलकत्ता में फहराया गया था जिसे अब कोलकाता कहते हैं। इस ध्‍वज को लाल, पीले और हरे रंग की क्षैतिज पट्टियों से बनाया गया था।

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दूसरे ध्‍वज को पेरिस में मैडम कामा और 1907 में उनके साथ निर्वासित किए गए कुछ क्रांतिकारियों ने फहराया था (कुछ के अनुसार 1905 में)। यह ध्‍वज बर्लिन में हुए समाजवादी सम्‍मेलन में भी फहराया गया था।

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