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Janmashtami 2025: नाथद्वारा के 'नर' और 'मादा', 350 वर्षों से हैं कृष्ण जन्मोत्सव के गवाह; हर साल उगलते हैं आग

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, राजसमंद Published by: अर्पित याज्ञनिक Updated Fri, 15 Aug 2025 07:03 PM IST
सार

यह परंपरा महाराणा राज सिंह के समय शुरू हुई थी, जब श्रीनाथजी ब्रज से मेवाड़ लाए गए थे। जन्माष्टमी पर रसाला चौक के तोपखाने से तोपों को निकालकर साफ-सफाई और रंग-रोगन के बाद श्रद्धालुओं के सामने दागा जाता है। नर तोप से 11 और मादा तोप से 10 गोले।

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Janmashtami 2025: Nathdwara temple, where Kanha is saluted with guns on his birth
श्रीनाथजी की हवेली। - फोटो : अमर उजाला

देश और दुनिया में कृष्ण जन्मोत्सव को लेकर धूम मची हुई है। वहीं देश और दुनिया का यह पहला मंदिर है, जहां कान्हा के जन्म पर नर और मादा नाम की दो तोपों से बारूद के 21 गोले दागकर तोपों की गूंज से नगर सहित आसपास के गांव में कान्हा के जन्म का संदेश दिया जाता है।

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राजसमंद जिले के नाथद्वारा स्थित पुष्टिमार्ग की प्रधान पीठ श्रीनाथजी की हवेली में लगभग 350 वर्षों से चली आ रही परंपरा में कान्हा के जन्म पर रात्रि 12:00 बजे श्रीनाथजी गार्ड के जवानों द्वारा नर और मादा नाम की दो तोपों से 21 गोले दागकर श्री कृष्ण के जन्म का संदेश दिया जाता है। तोपों की गूंज नगर सहित आसपास के गांव में पहुंचती है। उसके बाद सभी जगह खुशियां मनाई जाती हैं।
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कान्हा के जन्म पर तोपों की सलामी। - फोटो : अमर उजाला
ये है 21 तोपों की सलामी की परंपरा
जानकारी के अनुसार लगभग 350 वर्ष पूर्व तत्कालीन मेवाड़ के महाराजा महाराणा राज सिंह के कार्यकाल में प्रभु श्रीनाथ जी उत्तर प्रदेश के ब्रज में मुगलों के आक्रमण के बाद प्रभु पुजारियों सहित ग्वाल बाल और गायों के साथ मेवाड़ में पधारे थे। उसी दौरान महाराजा राजसिंह ने श्रीनाथजी की हवेली का निर्माण कर प्रभु को मेवाड़ में पूर्ण सुरक्षा के वचन के साथ विराजित किया। उसके बाद परंपरा अनुसार श्रीनाथजी में 21 तोपों की सलामी की परंपरा लगातार चली आ रही है।
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Janmashtami 2025: Nathdwara temple, where Kanha is saluted with guns on his birth
'नर' और 'मादा' तोप। - फोटो : अमर उजाला


रसाला चौक मैदान में आयोजन

नाथद्वारा में स्थित रसाला चौक के तोपखाने से जन्माष्टमी के अवसर पर नर और मादा नाम की दोनों तोपों को निकाल कर श्रीनाथ गार्ड द्वारा उनकी साफ सफाई और रंग रोगन करके रसाला चौक के मैदान में रखी जाती हैं। ग्राउंड के चारों ओर बेरिकेट लगाए जाते हैं, जहां देश और दुनिया से आने वाले श्रद्धालु इस नजारे को देख सके इस दौरान सुरक्षा के लिए भारी पुलिस जाब्ता भी तैनात किया जाता है।
 
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तोप में बारूद भरते गार्ड। - फोटो : अमर उजाला
नर के 11 और मादा के 10 गोले
रसाला चौक में श्रीनाथजी गार्ड के जवानों द्वारा नर नाम की तोप से 11 गोले दागे जाते हैं। वहीं मादा नाम की तोप से 10 गोले दागे जाते हैं।  जानकारी के अनुसार श्रीनाथजी गार्ड के जवानों द्वारा तोप के मुंह में सफेद और काले रंग के बारूद डालकर उसके बाद जवानों द्वारा लकड़ी से ठोका जाता है। उसके बाद श्री नाथजी गार्ड के जवान पास में लगती हुई मशाल से छड़ी द्वारा तोप के ऊपरी भाग पर बारूद की बत्ती को लगाया जाता है। इस दौरान तेज धमाके की आवाज आती है इसी के साथ इस नजारे को देखने वाले श्रद्धालु गगनभेदी कान्हा के जयकारे लगाते हैं और खुशियां मनाते हैं और कान्हा के जन्म की एक दूसरों को बधाई देते हैं।
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