Mokshada Ekadashi 2025: मार्गशीर्ष महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी पर मोक्षदा एकादशी का व्रत रखा जाता है। इस दिन सृष्टि के संचालक विष्णु महाराज की उपासना का विधान है। इसके प्रभाव से व्यक्ति को सद्बुद्धि और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती हैं। यही नहीं साधक को ग्रह-दोषों के अशुभ प्रभाव से भी राहत मिलती हैं। इस वर्ष यह कल्याणकारी व्रत 1 दिसंबर 2025 को रखा जा रहा है। हालांकि, इस दिन भद्रा का साया बना रहेगा। ज्योतिषियों के मुताबिक, साल 2025 में मोक्षदा एकादशी पर सुबह 8 बजकर 20 मिनट से शाम 7 बजकर 1 मिनट तक भद्रा है। इसके अलावा सुबह 6:56 से रात 11:18 बजे तक पंचक भी रहेंगे। ऐसे में कुछ बातों का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता रहेगी। आइए जानते हैं कि, मोक्षदा एकादशी पर क्या करें और क्या न करें।
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Mokshada Ekadashi 2025: मोक्षदा एकादशी पर रहेगी भद्रा, जानें क्या करें और क्या न करें
धर्म डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: मेघा कुमारी
Updated Fri, 21 Nov 2025 05:34 PM IST
सार
Mokshada Ekadashi 2025: मोक्षदा एकादशी पर सुबह 8 बजकर 20 मिनट से शाम 7 बजकर 1 मिनट तक भद्रा है। इसके अलावा सुबह 6:56 से रात 11:18 बजे तक पंचक भी रहेंगे। ऐसे में कुछ बातों का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता रहेगी। आइए जानते हैं कि, मोक्षदा एकादशी पर क्या करें और क्या न करें।
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मोक्षदा एकादशी 2025
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Mokshada Ekadashi 2025
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मोक्षदा एकादशी 2025
- मोक्षदा एकादशी तिथि का प्रारंभ 30 नवंबर 2025 को रविवार रात 09:29 मिनट पर होगा।
- तिथि का समापन 1 दिसंबर 2025 को शाम 07 बजकर 1 मिनट पर है।
- मोक्षदा एकादशी का व्रत 1 दिसंबर 2025 को मान्य होगा।
- 2 दिसंबर को सुबह 6 बजकर 57 मिनट से सुबह 9 बजकर 3 मिनट तक आप व्रत का पारण कर सकते हैं।
Mokshada Ekadashi 2025: भद्रा और पंचक के बीच कैसे करें एकादशी की पूजा? जानें मुहूर्त, उपाय और पारण समय
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Mokshada Ekadashi 2025
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मोक्षदा एकादशी पर क्या करें और क्या न करें
- मोक्षदा एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा अवश्य करनी चाहिए। साथ ही प्रभु को केले, पंजीरी, पंचामृत और पीली मिठाई का भोग लगाना चाहिए। यह बेहद शुभ होता है। इसके प्रभाव से साधक को मोक्ष की प्राप्ति होती हैं।
- मोक्षदा एकादशी पर माता लक्ष्मी की आराधना भी अवश्य करें। यह बेहद शुभ होता है। इस दौरान आप पीली व सफेद चीजों का दान भी अवश्य करें। इससे कुंडली में गुरु-शुक्र मजबूत होता है।
Mokshada Ekadashi 2025
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- एकादशी के दिन चावल का सेवन करने से बचें। यह उचित नहीं होता है। इसके अलावा आप तामसिक भोजन भी ग्रहण न करें।
- मोक्षदा एकादशी पर आप तुलसी के पौधे में जल चढ़ाएं और सुबह- शाम दीपक जलाएं। इस दौरान पौधे की परिक्रमा भी करें। इससे आर्थिक लाभ होता है।
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Mokshada Ekadashi 2025
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- इस दिन आप दिन में सोने, दातुन करने और तुलसी तोड़ने से भी बचें। यह अशुभ होता है। इससे जीवन में तनाव बढ़ सकता है।
- इस वर्ष मोक्षदा एकादशी पर भद्रा का साया बना रहेगा। इसलिए नए का की शुरुआत करना अशुभ हो सकता है।

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