Narali Purnima 2025 Date: हर साल सावन की पूर्णिमा तिथि को रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाता है, लेकिन इस दिन का महत्व केवल भाई-बहनों तक सीमित नहीं होता। भारत के तटीय क्षेत्रों, विशेष रूप से महाराष्ट्र, कोंकण, गोवा और गुजरात में रहने वाले मछुआरा समुदाय इस दिन को नारली पूर्णिमा या नारियल पूर्णिमा के रूप में बड़े धूमधाम से मनाते हैं। यह दिन समुद्र के देवता वरुण को समर्पित होता है। आइए जानते हैं कि साल 2025 में नारली पूर्णिमा किस दिन मनाई जाएगी।
Narali Purnima 2025 Date: कब है नारली पूर्णिमा? जानें तिथि, पूजा मुहूर्त और इतिहास
सावन की पूर्णिमा तिथि को नारली पूर्णिमा या नारियल पूर्णिमा के रूप में बड़े धूमधाम से मनाते हैं। यह दिन समुद्र के देवता वरुण को समर्पित होता है। आइए जानते हैं कि साल 2025 में नारली पूर्णिमा किस दिन मनाई जाएगी।
नारली पूर्णिमा 2025
इस साल सावन पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ 8 अगस्त 2025 को दोपहर 2:12 बजे होगा और यह 9 अगस्त 2025 को दोपहर 1:24 बजे समाप्त होगी। ऐसे में नारली पूर्णिमा का पर्व 9 अगस्त को मनाया जाएगा। इस दिन पूजा के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 7:27 बजे से 9:07 बजे तक रहने वाला है। इसके अलावा दोपहर 12:26 बजे से 2:06 बजे तक का समय भी पूजा के लिए शुभ रहने वाला है।
क्यों मनाई जाती है नारली पूर्णिमा?
नारली पूर्णिमा के दिन समुद्र की पूजा करने और नारियल अर्पित करने की परंपरा है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन समुद्र देव को प्रसन्न करने से मछुआरों को जल मार्ग में सुरक्षा मिलती है और उनके कार्यों में बाधाएं दूर होती हैं। यह पर्व मछुआरों के लिए एक नए मछली पकड़ने के सीजन की शुरुआत का प्रतीक भी होता है, क्योंकि इस समय के बाद समुद्र की लहरें और हवाएं अनुकूल मानी जाती हैं।
- इस दिन समुदाय के लोग पारंपरिक गीत-संगीत और नृत्य के साथ उत्सव मनाते हैं।
- विशेष पकवानों में मीठे नारियल चावल बनाए जाते हैं, जिन्हें अक्सर मसालेदार करी के साथ परोसा जाता है।
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- समुद्र में नारियल अर्पित कर वरुण देव से सुरक्षा और समृद्धि की प्रार्थना की जाती है।
- मछुआरे अपनी नावों की पूजा भी करते हैं, क्योंकि समुद्र उनके लिए जीवन का आधार है।
डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों आदि पर आधारित है। यहां दी गई सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए अमर उजाला उत्तरदायी नहीं है।

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