Tulsi Vivah 2025: तुलसी विवाह हिंदू धर्म का महत्वपूर्ण पर्व है, जिसे कार्तिक शुक्ल द्वादशी पर मनाया जाता है। इस दिन तुलसी माता का भगवान शालिग्राम से विवाह कराया जाता है, जिसे सुख-सौभाग्य व खुशहाली का प्रतीक माना गया है। धार्मिक ग्रंथों में तुलसी विवाह को कन्यादान के समान माना गया है। इससे व्यक्ति को सुख-समृद्धि, सौभाग्य और वैवाहिक सुख की प्राप्ति होती हैं। इसके अलावा घर में देवी लक्ष्मी भी वास करती हैं। परंतु इस वर्ष तुलसी विवाह की तिथि को लेकर असमंजस बना हुआ है। ऐसे में आइए साल 2025 में तुलसी विवाह की तारीख और शुभ मुहूर्त को जानते हैं।
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Tulsi Vivah 2025: 1 या 2 नवंबर कब है तुलसी विवाह ? यहां जानें डेट, मुहूर्त और पूजन विधि
धर्म डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: मेघा कुमारी
Updated Thu, 30 Oct 2025 11:55 AM IST
सार
Tulsi Vivah 2025: तुलसी विवाह हिंदू धर्म का महत्वपूर्ण पर्व है, जिसे कार्तिक शुक्ल द्वादशी पर मनाया जाता है। इस दिन तुलसी माता का भगवान शालिग्राम से विवाह कराया जाता है, जिसे सुख-सौभाग्य व खुशहाली का प्रतीक माना गया है।
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Tulsi Vivah 2025
- फोटो : अमर उजाला
Tulsi Vivah 2025
- फोटो : Adobe stock
तुलसी विवाह 2025 तिथि
- पंचांग के मुताबिक कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष द्वादशी तिथि 2 नवंबर 2025 को सुबह 7 बजकर 33 मिनट से प्रारंभ हो रही है।
- इस तिथि का समापन 3 नवंबर को सुबह 2 बजकर 7 मिनट पर होगा।
- उदया तिथि के अनुसार, इस वर्ष 2 नवंबर 2025 को तुलसी विवाह मनाया जाएगा।
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Tulsi Vivah 2025
- फोटो : instagram
शुभ मुहूर्त
- ज्योतिषियों के मुताबिक तुलसी विवाह के लिए शुभ मुहूर्त शाम 5 बजकर 35 मिनट से प्रारंभ होगा।
- गोधूलि मुहूर्त शाम 5 बजकर 35 मिनट से शाम 06:01 मिनट तक रहेगा।
- तुलसी विवाह के दिन ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4 बजकर 50 मिनट से 5:42 मिनट तक है।
- अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:42 से दोपहर 12:26 मिनट तक मान्य है।
- तुलसी विवाह पर व्याघात योग रहेगा। फिर सर्वार्थ सिद्धि योग शाम 5 बजकर 3 मिनट से 3 नवंबर की सुबह तक रहने वाला है।
- प्रातः संध्या: सुबह 05:24 से 06:39 तक
- अमृत काल: सुबह 09:29 से 11:00 तक
Tulsi Vivah 2025: तुलसी विवाह में कन्यादान किसे करना चाहिए? जानें पूजा विधि और शुभ समय
Tulsi Vivah 2025
- फोटो : अमर उजाला
पूजन विधि
- तुलसी विवाह पर सबसे पहले घर की स्वच्छता का खास ध्यान रखें और स्वयं पीले रंग के वस्त्रों को धारण करें। इस दौरान घर के मुख्य द्वार पर रंगोली बना लें यह बेहद शुभ होता है।
- अब एक लाल कपड़े और सजावटी समान की सहायता से विवाह मंडप जैसा स्थान बना लें।
- मंडप को फूलों और आम के पत्तों से सजा लें। इस दौरान आप केले के तनों से अन्य सजावटी सामानों से स्थान को विवाह स्थान जैसा तैयार करें।
- अब तुलसी के पौधे को मंडप में रखें और उनके पास भगवान शालिग्राम को स्थापित कर लें।
- शालिग्राम जी को नए वस्त्र अर्पित करें। वहीं तुलसी को लाल चुनरी पनाएं।
- अब शालिग्राम जी और तुलसी के पौधे पर पुष्प माला अर्पित करें। अब दोनों को सात बार फेरे कराएं।
- फिर परिवार के साथ फूलों की बरसात करें और सुख-समृद्धि की कामना करें।
- अंत में तुलसी और शालिग्राम जी की पूजा करते हुए आरती करें। फिर मिठाई व कुछ मौसमी फलों का भोग लगाते हुए प्रसाद सभी में बांट दें।
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Tulsi Vivah 2025
- फोटो : adobe stock
तुलसी माता की आरती
जय जय तुलसी माता
सब जग की सुख दाता, वर दाता
जय जय तुलसी माता ।।
सब योगों के ऊपर, सब रोगों के ऊपर
रुज से रक्षा करके भव त्राता
जय जय तुलसी माता।।
बटु पुत्री हे श्यामा, सुर बल्ली हे ग्राम्या
विष्णु प्रिये जो तुमको सेवे, सो नर तर जाता
जय जय तुलसी माता ।।
हरि के शीश विराजत, त्रिभुवन से हो वन्दित
पतित जनो की तारिणी विख्याता
जय जय तुलसी माता ।।
लेकर जन्म विजन में, आई दिव्य भवन में
मानवलोक तुम्ही से सुख संपति पाता
जय जय तुलसी माता ।।
हरि को तुम अति प्यारी, श्यामवरण तुम्हारी
प्रेम अजब हैं उनका तुमसे कैसा नाता
जय जय तुलसी माता ।।
डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों आदि पर आधारित है। यहां दी गई सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए अमर उजाला उत्तरदायी नहीं है।
जय जय तुलसी माता
सब जग की सुख दाता, वर दाता
जय जय तुलसी माता ।।
सब योगों के ऊपर, सब रोगों के ऊपर
रुज से रक्षा करके भव त्राता
जय जय तुलसी माता।।
बटु पुत्री हे श्यामा, सुर बल्ली हे ग्राम्या
विष्णु प्रिये जो तुमको सेवे, सो नर तर जाता
जय जय तुलसी माता ।।
हरि के शीश विराजत, त्रिभुवन से हो वन्दित
पतित जनो की तारिणी विख्याता
जय जय तुलसी माता ।।
लेकर जन्म विजन में, आई दिव्य भवन में
मानवलोक तुम्ही से सुख संपति पाता
जय जय तुलसी माता ।।
हरि को तुम अति प्यारी, श्यामवरण तुम्हारी
प्रेम अजब हैं उनका तुमसे कैसा नाता
जय जय तुलसी माता ।।
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