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Chanakya Niti: बुरे समय में होती है इन तीन रिश्तों की परख
धर्म डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: Shashi Shashi
Updated Sat, 28 Nov 2020 04:41 PM IST
आचार्य चाणक्य कुशाग्र बुद्धि के धनी थे। उन्हें कई विषयों की गहरी समझ थी। उन्होंने तक्षशिला से शिक्षा ग्रहण की और वहीं पर आध्यापक भी हुए। चाणक्य एक कुशल राजनीतिक होने के साथ कुशल अर्थशास्त्री भी थे। चाणक्य के द्वारा नीतिशास्त्र में बताई गई बातें मनुष्य के जीवन के लिए अनमोल हैं। रिश्तों के बारे में चाणक्य कहते हैं कि अच्छे और बुरे रिश्तों की पहचान बुरे समय में ही होती है। चाणक्य कहते हैं कि बुरे समय में व्यक्ति को कभी भी अपना धैर्य नहीं खोना चाहिए। चाणक्य नें ऐसे तीन रिश्तों के बारे में बताया है जिनकी परख बुरे समय में होती है। जानते हैं कि वे तीन रिश्ते कौन से हैं।
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आचार्य चाणक्य
- फोटो : Social media
पत्नी की पहचान धन के अभाव में
चाणक्य कहते हैं कि एक पत्नी कि पहचान तब होती है जब पति के पास धन न हो। यदि बुरे समय और धन के अभाव में भी पत्नी अपने पति के साथ रहती है और अपने पति की पीड़ा को समझती है एवं उसे संयम दिलाती है, वही सही मायनों में अच्छी और गुणी पत्नी है, क्योंकि पत्नी ही होती है जिसके सहयोग से पति बुरा समय भी आसानी से गुजार लेता है।
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मित्र की पहचान संकट में
चाणक्य मित्र के बारे में कहते हैं कि जो मित्र संकट में आपके साथ हो वही सच्चा मित्र होता है। अचानक विपत्ति आने पर जो आपका साथ न छोड़े वही सच्चा मित्र होता है। सच्चे मित्र के साथ बुरे से बुरा वक्त भी आसानी से पार किया जा सकता है। इलाके में अकाल होने या घर में यह स्थिति होने पर जो व्यक्ति आपको भोजन कराए वही सच्चा मित्र है क्योंकि ऐसे संकट के समय में वही आपका जीवनदाता है।
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सेवक की पहचान आवश्यकता के समय में
चाणक्य सेवक के विषय में कहते हैं कि एक सच्चे सेवक की पहचान आवश्यकता के समय होती है। जो सेवक आवश्यकता पड़ने पर तुरंत आपके लिए तैयार रहे, वही सच्चे मायनो में सेवक होता है। बुरा समय आने पर भी जो आपका साथ दे, वही असली सेवक होता है। ऐसे लोगों का सदैव सम्मान करना चाहिए।
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