अंग्रेजी कैलेंडर के हिसाब से साल का आखिरी महीना चल रहा है, तो वहीं हिंदू कैलेंडर के मुताबिक ये वर्ष का ये नौवां माह है। इसे अगहन मास या मार्गशीष माह कहा जाता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार मार्गशीर्ष मास को भगवान श्रीकृष्ण का ही स्वरूप माना गया है, इसलिए मार्गशीष में भगवान कृष्ण की पूजा का विधान है। देवउठनी एकादशी से देव जाग्रत होने के बाद शुभ कार्यों का आरंभ हो गया था। मार्गशीष की अमावस्या के बाद से खरमास आरंभ हो जाएगा। खरमास आरंभ होने पर एक माह तक शुभ कार्य वर्जित माने जाते हैं तो चलिए जानते हैं कब से अगहन मास की अमावस्या और कब से प्रारंभ हो रहे हैं खरमास...
एक माह तक बंद हो जाएंगे सभी शुभ कार्य, जानिए कब से आरंभ हो रहे हैं खरमास
इस तारीख को है अमावस्या
अगहन मास की अमावस्या 14 दिसंबर को पड़ रही है। सोमवार को पड़ने के कारण इसे सोमवती अमावस्या कहा जाएगा। सोमवती अमावस्या का बहुत महत्व माना गया है। इस दिन मौन व्रत रखने से सहस्त्र गोदान के समान फल की प्राप्ति होती है। सोमवती अमावस्या पर पवित्र नदी में स्नान और पितरों के नाम से दान किया जाता है। मान्यता है कि इससे पितरों की आत्मा को शांति की प्राप्ति होती है। सोमवती अमावस्या को सुहागन स्त्रियां अपने पति की दीर्घायु के लिए व्रत भी करती हैं। तो चलिए जानते हैं कब से शुरू हो रहे हैं खरमास
धार्मिक मान्यता के अनुसार खरमास में किसी भी तरह के मांगलिक और शुभ कार्य करना वर्जित माने गए हैं। हिंदी पंचांग के अनुसार 16 दिसंबर से खरमास का आरंभ हो जाएगा। 15 जनवरी 2021 तक खरमास रहेगा। इस एक माह तक आप कोई भी शुभ या मांगलिक कार्य नहीं कर सकते हैं।
जानिए कैसे लगते हैं खरमास
ज्योतिष गणना के अनुसार जब सूर्य धनु राशि में आते हैं तब खरमास का आरंभ हो जाता है। दक्षिणायन का आखिरी महीना ही खरमास कहलाता है। खरमास का समापन होने के बाद से ही शुभ मांगलिक कार्य भी आरंभ हो जाते हैं।

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